Farmers protest : बॉर्डर पर भी खेती से दूर नहीं किसान, ट्राली पर शुरू की फूलों की खेती

punjabkesari.in Thursday, Jan 14, 2021 - 09:23 AM (IST)

सोनीपत (ब्यूरो) : अन्नदाता कहीं भी रहे, लेकिन खेती से दूर नहीं रह सकता। पंजाब से सैंकड़ों किलोमीटर दूर कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने खेती का तरीका ढूंढ लिया है। ट्रैक्टर-ट्राली को ही रसोई, बैडरूम व ड्राइंग रूम के रूप में इस्तेमाल कर चुके किसानों के लिए अब उनकी ट्रॉली खेत का भी काम करने लगी है। यहां कपूरथला से पहुंचे युवा किसानों ने ट्रॉली पर फूलों की खेती शुरू कर दी है। खास बात यह है कि किसानों की इस नए किस्म की खेती से प्लास्टिक की खाली बोतलें भी खूब इस्तेमाल हो रही हैं। किसानों ने ट्राली के चारों ओर खाली बोतलें लटका दी हैं और उनमें मिट्टी व खाद डालकर फूलों की खेती शुरू कर दी है। यहां रात की रानी, गुलाब, चमेली, गैंदा सहित 7 किस्मों के फूल उगाए जा रहे हैं।

किसानों का कहना है कि उन्होंने अभी कुछ ट्रालियों पर यह खेती शुरू की है। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। सभी किसानों को इसमें शामिल किया जाएगा। खास बात यह है कि फूलों के तैयार होने पर उन्हें आसपास की मार्कीट में बेच दिया जाएगा। इससे मिलने वाले पैसे को आंदोलन पर खर्च किया जाएगा। कपूरथला से यहां पहुंचे युवाओं अस्मित व मनदीप ने बताया कि उन्हें यह आइडिया कुछ दिन पहले ही आया है, क्योंकि वे खेती किए बिना नहीं रह सकते। जहां भी जाएंगे वहां खेती तो करेंगे ही। ऐसे में उन्होंने मन बनाया कि यहां भले ही जमीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन वे उपलब्ध साधनों का बेहतर इस्तेमाल करेंगे। ऐसे में उन्होंने कबाड़ बनी पानी की खाली बोतलों को फैंकने की बजाय एकत्र किया और उन्हें काटकर उनमें मिट्टी व खाद डालकर फूलों की खेती शुरू कर दी। फिलहाल 4 ट्रालियों के चारों ओर सैंकड़ों बोतलें टांगी गई हैं, जबकि धीरे-धीरे इस संख्या को बढ़ाया जाएगा। 

लोहड़ी के दिन पूरा दिन चला शबद-कीर्तन व गुरबाणी का दौर
कुंडली बॉर्डर पर जमे किसानों ने लोहड़ी का पर्व यहीं मनाया। मुख्य मंच के अलावा अलग-अलग जत्थों में पूरा दिन शबद-कीर्तन व गुरबाणी का दौर चलता रहा। सिख किसानों व महिलाओं ने सिख गुरुओं को याद किया और उनकी कुर्बानी को नमन किया। मुख्य मंच से सिखों के शौर्य का संदेश देते हुए नाटक भी प्रस्तुत किए गए, जिससे मुख्य मंच के सामने भीड़ जुटी रही। महिलाओं ने इस दौरान शबद-कीर्तन किया और प्रसाद वितरण कर पुण्य कमाया। धरने के दौरान पूरा दिन मूंगफली व रेवड़ी का सेवन चलता रहा। 


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Manisha rana

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