हरियाणा: ‘सी.एम.ओ. में अटकी पड़ी है रजिस्ट्री घोटाले की जांच रिपोर्ट की फाइल’

punjabkesari.in Monday, Mar 29, 2021 - 12:20 PM (IST)

चंडीगढ़ (बंसल): हरियाणा में रजिस्ट्री घोटाले की जांच रिपोर्ट की फाइल सी.एम.ओ. में लंबित है तो वहीं दूसरी ओर उन 200 अधिकारियों और कर्मचारियों में ङ्क्षचता व्याप्त है जिनका नाम जांच रिपोर्ट में शामिल है। दरअसल अर्बन एरिया डिवैल्पमैंट एक्ट-1975 के नियम-7ए के संशोधन का फायदा उठाते हुए करीब 4 वर्षों यानी 2017 से 2020 दौरान ही करीब 50 हजार प्लॉटों, मकानों और दुकानों आदि की रजिस्ट्री नियमों के विरुद्ध की गई। 2016-17 दौरान अर्बन एरिया डिवैल्पमैंट एक्ट के नियम-7ए में संशोधन किया था। लॉकडाऊन में रजिस्ट्री घोटाले सामने आने के बाद डिप्टी सी.एम. दुष्यंत सिंह चौटाला ने नियम में संशोधन से लेकर 2020 तक की रजिस्ट्रियों की जांच की सिफारिश की थी।

सभी छह मंडलों के आयुक्तों द्वारा अपने-अपने अधीन आने वाले जिलों में जांच करके रैवेन्यू सैक्रेटरी संजीव कौशल को अपनी रिपोर्ट भेजी। कौशल ने मंडलायुक्तों की रिपोर्ट कम्पाइल कर कार्रवाई के लिए दुष्यंत चौटाला के पास भेजा। दुष्यंत भी कार्रवाई की सिफारिश के साथ पूरी रिपोर्ट सी.एम.ओ. में भेज चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि सी.एम.ओ. में इस पूरी रिपोर्ट पर मंथन चल रहा है।

‘1127 ही एफ.आई.आर. दर्ज की गई’
2017 से अक्तूबर-2020 तक की अवधि में नियम-7ए के उल्लंघन में 49 हजार 197 जमीनों की रजिस्ट्री हुई। करीब 4 वर्षों की अवधि में रोजाना 34 से अधिक और महीने में औसतन 1024 रजिस्ट्री नियमों को ताक पर रखकर की गई। इन मामलों में महज 1127 ही एफ.आई.आर. दर्ज की गई। सोनीपत जिला में 4954, पलवल में 4040, महेंद्रगढ़ में 3950, रेवाड़ी में 3118, जींद में 2929, रोहतक में 2642, झज्जर में 1708, नूंह में 1755, सिरसा में 1603 तथा फरीदाबाद में 1480 मामले सामने आए हैं।

नियम-7ए का सबसे कम उल्लंघन पंचकूला और यमुनानगर जिला में सामने आया है। पंचकूला में महज 22 और यमुनानगर में 47 केस ही सामने आए हैं। इस घोटाले में राजस्व के अलावा, शहरी स्थानीय निकाय तथा टाऊन एंड कंट्री प्लाङ्क्षनग डिपार्टमैंट के अधिकारियों की भी मिलीभगत इन पूरे मामले में सामने आई है। मंडलायुक्तों से आई रिपोर्ट में भी तीनों ही विभागों के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।
 

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Content Writer

Shivam

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