आखिरकार अनिल विज ने डी एन बी डिग्री पंचकुला हस्पताल में शुरू करवाई

punjabkesari.in Friday, Apr 15, 2022 - 01:27 PM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने हरियाणा के प्रत्येक अस्पताल में मदर एंड चाइल्ड का अलग से वार्ड बनाने के निर्देश दिए हुए हैं। जिस पर विभिन्न अस्पतालों में काम भी चल रहा है। पंचकूला में बहुमंजिला एमसीएच (मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल) अलग से भी बन रहा है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज द्वारा पंचकूला नागरिक अस्पताल में डीएनबी(डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) डिग्री  जो की एमडी के इक्वल वर्किंग रखेगा की शुरुआत भी कर दी गई है। पंचकूला में डीएनबी  के 5 स्ट्रीम रखे गए हैं। जिनमें रेडियोलॉजी गायनी आर्थो पैथोलॉजी,ई इन टी शामिल है। एमबीएमएस समकक्ष यह डिग्री ईएनटी, पेथोलाजी, गायनी व अन्य विषयों में शुरू होगी। सरकार द्वारा अस्पताल को दो सौ बेड का करने के लिए अस्पताल के रिहायशी क्षेत्र में पीछे चार एकड़ में नई बिल्डिग बनाई जाएगी। जिन गर्भवती महिलाओं में वंशानुगत यानि जेनेटिक दिव्यांग बच्चे पैदा हो रहे है, ऐसी महिलाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग विशेष मुहिम शुरू करेगा ताकि स्वस्थ बच्चे पैदा हो।

    प्राप्त जानकारी के अनुसार पंचकूला नागरिक अस्पताल मैं हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ पंजाब के आसपास के क्षेत्रों के अलावा उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के जिलों के मरीजों का आवागमन भी रहता है। इसका प्रमुख कारण यह है कि नागरिक अस्पताल पंचकूला में सभी प्रकार की सर्जरी तथा विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम में कार्यरत हैं।  सबसे अहम समस्या ही है कि पंचकूला अस्पताल का विस्तार चंडीगढ़ सेक्टर 16 अस्पताल की तर्ज पर शीघ्र किया जाना अनिवार्य होता जा रहा है । इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर तथा सुपरस्पेशलिटी में डॉक्टरों व स्टाफ की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता भी है ।जिस प्रकार से यहां डीएनबी डिग्री की शुरुआत हो चुकी है ।उसके मद्देनजर यहां पर सीनियर डॉक्टर वाह प्रोफेसर्स की संख्या बढ़ाए जाने की भी अत्यंत आवश्यकता है।

     नेशनल मेडिकल काउंसिल की टीम जल्द दौरा कर सकती है। मरीजों की सर्जरी अब इमरजेंसी के साथ बने सैप्टिक ऑपरेेशन थियेटर में की जाएगी। मरीजों के लिए पांच लाख खर्च कर सैप्टिक रेशन वार्ड बनाया गया है। इसमें माइनर ओटी, रिकवर एरिया, क्लीन जोन, डॉक्टर रूम, स्टेराइल जोन, चेचिंग रूम एंड स्क्रब स्टेशन, वेटिंग एरिया के अलावा प्रोटेक्टिव जोन भी बनाया है।

सैप्टिक जोन अस्पताल में इसलिए बनाया गया है। क्योंकि इसके बिना डीएनबी कोर्स की परमिशन नहीं मिलती है। इसे लेकर सर्जरी डिपार्टमेंट अपनी तैयारी पूरी कर चुका है। सामान्य अस्पताल में अलग-अलग डिपार्टमेंट के 10 से 15 ऑपरेशन होते हैं। ऐसे में अगर किसी भी इंफेक्टेड पेशेंट का ऑपरेशन थिएटर में प्रोसीजर करना होता था तो उस दिन होने वाले सभी ऑपरेशन कैंसिल कर दिए जाते थे। ऐसे मरीजों की सर्जरी अलग सैप्टिक ऑपरेेशन थिएटर में की जाती है। यह पहले सामान्य अस्पताल में नहीं था। मार्च के पहले सप्ताह में नेशनल मेडिकल काउंसिल की टीम दौरा कर सकती है। 

पंचकूलाके जनरल अस्पताल में डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) कोर्स कराया जाएगा। राज्यभर के डॉक्टर्स इस कोर्स को करेंगे। जनरल अस्पताल के ही सीनियर डॉक्टर यहां पर पूरे राज्य से आए डॉक्टर्स को ट्रेनिंग देंगे, उन्हें सिखाया जाएगा कि हर बीमारी के सीरियस मरीज का कैसे इलाज किया जाता है। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से जनरल अस्पताल के सभी डॉक्टरों से तीन साल की अंडर ट्रेनिंग ली जा रही है ताकि वे इन तीन साल में अस्पताल को छोड़कर कहीं जा सकें। इसके लिए अस्पताल के इंफ्राॅस्ट्रक्चर सहित कई अन्य फैसिलिटीज पर काम किया जा रहा है। हरियाणा हेल्थ सर्विसेज की महानिदेशक डॉ. कमला सिंह ने बताया कि डीएनबी कोर्स के लिए कागजी कार्रवाई की जा रही है। एमबीबीएस डॉक्टर जो डीएनबी-सीईटी टेस्ट क्वालीफाई करेंगे उन्हें जनरल अस्पताल के सीनियर डॉक्टर ट्रेनिंग देंगे। डिस्ट्रिक्ट लेवल के अस्पताल में यह कोर्स पहली बार कराया जा रहा है।

हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज चाहते हैं कि भविष्य के अंदर हरियाणा के सभी प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में इसकी व्यवस्था की जाए। हाल ही में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा चयनित किए गए स्टाफ नर्स तथा अन्य कर्मचारियों के लिस्ट जारी होने के बाद अनिल विज ने कहां है कि विभिन्न हस्पताल जहां पर स्टाफ कर्मचारियों की कमी है ।वहां पर यह पद यथाशीघ्र भरे जाएं। हरियाणा के अंदर विभिन्न 100 बेडिड  हस्पतालों  को 200 बेडिड अस्पतालों में कन्वर्ट किया जाए। इसके लिए सरकार के प्रयास लगातार चल रहे हैं। सेवानिवृत्ति स्टाफ के नौ रूप रिव्यू करने के आदेश हुई हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के द्वारा दिए गए हैं ताकि स्टॉप वार्ड की कमी की वजह से मरीजों को किसी दिक्कत का सामना ना करना पड़े सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ता का लाभ आम मरीजों को मिले के प्रयास लगातार चल रहे हैं।

हरियाणा के अंदर 2014 में स्वास्थ्य विभाग अनिल विज ने मनोहर पार्ट वन भाजपा सरकार के दौरान संभाला था। उन दिनों खा लेना कि किसी भी अस्पताल में एम आर आई या सिटी स्कैन हार्ट सेंटर डेंटल इंप्लांट सेंटर नहीं थे। हरियाणा के लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में मेडिकल सुविधाएं लेने के लिए महंगे दामों पर खर्चा उठाना पड़ता था। अनिल विज ने उन दिनों सर्वप्रथम प्रयास से ही शुरू किया कि हरियाणा के अस्पतालों में ज्यादा ज्यादा सुविधाएं दी जा सके। स्वास्थ्य विभाग के पास आर्थिक रूप से प्रयाग बजट उन दिनों नहीं था जिसके चलते अनिल विज ने निर्णय लिया कि पीपीपी मोड पर यह सुविधाएं जनता को उपलब्ध करवाई जाए। जिससे की जनता को आर्थिक रूप से काफी राहत भी मिले। हरियाणा के अधिकांश सरकारी अस्पतालों के अंदर इस ओके एम आर आई सिटी स्कैन हार्ट सेंटर डेंटल इंप्लांट्स सेंटर स्थापित है। हरियाणा सरकारी अस्पतालों में हार्ट सेंटर खुलने का सबसे ज्यादा लाभ बीपीएल धारकों को रहा है हरियाणा में बीपीएल धारकों को ₹116 में सरकारी अस्पतालों में स्टंट डल जाता है।

हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के प्रयास है कि पैरामेडिकल फिर कोशिश जिनमें प्रमुख रूप से डायलिसिस ट्रेनिंग सेंटर ईसीजी, इमरजेंसी हैंडलिंग, जैसे कोर्सेज भी हरियाणा में शीघ्र शुरू किया जाए। हरियाणा के अंदर विशेषज्ञ डॉक्टरों की स्थाई नियुक्ति को लेकर भी अनिल विज लगातार प्रयासरत है।

 

 

 


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Content Writer

Isha

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