फ्लेक्सी परीक्षा प्रणाली से बचेगा छात्र का खर्च व समय, कमजोर छात्रों की होगी आसानी: कुठियाला

punjabkesari.in Saturday, Oct 31, 2020 - 04:58 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर बीके कुठियाला ने कहा कि परीक्षा प्रणाली में समय-समय पर परिवर्तन होते रहे हैं। अब महामारी कोविड-19 ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं, जिनके लिए नवाचारों को तेज गति से करने की आवश्यकता है। शिक्षा क्षेत्र विशेष रूप से सामाजिक गड़बड़ी को देखते हुए प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है। विशेषकर व्यक्तिगत दूरी का अक्षरत: पालन करने की आवश्यकता है। अनिश्चित अवधि तक पढ़ाई में व्यवधान जारी रह सकता है और ऐसे तरीकों को विकसित करना होगा, जिससे छात्रों के हितों का नुकसान न हो।

अत: यह देखते हुए कि पढ़ाई में व्यवधान अनिश्चित अवधि तक जारी रह सकता है, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद एक फ्लोक्सी-परीक्षा प्रणाली लेकर आई है। हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर बीके कुठियाला ने कहा "कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों में, यदि चार सेमेस्टर पाठ्यक्रम हैं, तो छात्र के पास इसे तीन सेमेस्टर में पूरा करने का विकल्प है। छात्र न केवल खर्च बल्कि समय की भी बचत करता है। 

प्रश्न: हरियाणा द्वारा घोषित फ्लेक्सी-परीक्षा प्रणाली वास्तव में क्या है और इससे छात्र कैसे लाभान्वित होंगे?
उत्तर- जैसा कि नाम से पता चलता है, छात्रों के लिए परीक्षा कार्यक्रम लचीला होगा। इस प्रणाली के दो आयाम हैं। एक, यह कमजोर छात्रों को अपनी परीक्षा को अधिक आसानी से क्लियर करने का आसान मौका प्रदान करता है। अब तक, जो छात्र पहले प्रयास में अपनी नियमित परीक्षा पास करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें अपने विश्वविद्यालयों में लागू नियमों के आधार पर, पुन: परीक्षा में बैठने के लिए छह महीने या एक साल तक इंतजार करना पड़ता है। यदि छात्र अंतिम वर्ष में है, तो उसे फिर से परीक्षा के लिए पूरे एक साल का इंतजार करना होता है। परिणामस्वरूप, उसकी आगे की पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी प्रभावित होते हैं।

प्रश्न: लेकिन क्या इससे शॉर्ट नोटिस पर प्रश्नपत्र सेट करने के लिए परीक्षा नियंत्रकों, शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ नहीं  पड़ेगा?
उत्तर- फ्लेक्सी परीक्षा प्रणाली के तहत, विश्वविद्यालय एक व्यापक प्रश्न बैंक तैयार रखेंगे। जब कोई छात्र वर्तमान पद्धति या ऑनलाइन मोड में परीक्षा के लिए बैठना चाहता है, तो रैंडमाईज्ड एक प्रश्नपत्र तैयार हो जाएगा।

प्रश्न: किन विश्वविद्यालयों ने अब तक इस अवधारणा को शुरू करने के लिए सहमति व्यक्त की है?
उत्तर- सात विश्वविद्यालय जो चुनिंदा विषयों/विभागों/पाठ्यक्रमों में फ्लेक्सी-परीक्षा प्रणाली शुरू करने के लिए आगे आए हैं और आगे इसे विस्तार करने के लिए अनुभव के आधार पर सोचेंगे। उनमें चौ. चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, भिवानी, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय, जींद, गुरु जंबेश्वर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार; डॉ. बीआर अम्बेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, सोनीपत, श्रीविश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल, जेसी बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद और चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा शामिल हैं।

प्रश्न: क्या यह व्यवस्था केवल पोस्ट-ग्रेजुएशन के छात्रों के लिए होगी?
उत्तर: सात विश्वविद्यालय फ्लेक्सी-परीक्षा प्रणाली के साथ अगली परीक्षाओं, जब भी वे आयोजित होंगी, में कुछ पाठ्यक्रमों में प्रयोग करेंगे। पहला उद्देश्य पोस्ट-ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों को कवर करना है, फिर इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम और परियोजना की सफलता के आधार पर, इस प्रणाली को धीरे-धीरे स्नातक पाठ्यक्रमों में भी लागू किया जाएगा।
 


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Shivam

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