कोरोना के बाद बाढ़ की आपदा, खट्टर सरकार है लापता: सुरजेवाला

punjabkesari.in Thursday, Jun 24, 2021 - 07:02 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से हरियाणा खनन घोटाले का संज्ञान लेने का अनुरोध करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदेश की भाजपा-जजपा  सरकार पर खनन माफिया को सरक्षण देने और सरकारी लापरवाही से बाढ़ का खतरा बढ़ाने का आरोप लगाया है। सुरजेवाला ने यहाँ जारी एक वक्तव्य में कहा कि भाजपा-जजपा सरकार के संरक्षण में खनन माफिया ने यमुना नदी की धारा बदल दी है, जिससे प्रदेश के 6 जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा होने का अंदेशा जताया है। इसी प्रकार घग्गर नदी में भी अवैध खनन और धारा बदलने की शिकायतें मिली हैं, इसलिए हाईकोर्ट को इस पूरे मामले को संज्ञान में लेकर प्रदेश की नदियों को खनन माफिया से बचाना चाहिए। 

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा की जनता पहले से ही कोरोना की मार सह रही थी, अब खट्टर-चौटाला सरकार की भारी लेटलतीफी, घोर लापरवाही और खनन माफिया के साथ मिलीभगत के कारण प्रदेश के अनेक जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि यमुना में मानसून आ चुका है, पर अनेक स्थानों पर तटबंध और स्टड का काम अभी भी अधूरा है और बाढ़ से बचाव के लिए समूचे इंतजाम नहीं हुए हैं। करनाल में स्टड बना दिए तो उन्हें जाली से नहीं बांधा गया है। इसी प्रकार पानीपत में तटबंध की मरम्मत ही नहीं की गई और सरकारी संरक्षण में खनन माफिया ने सोनीपत समेत प्रदेश के अनेक जिलों में नदियों में गहरे-गहरे खड्डे कर दिए हैं, जिससे नदियों की धार का रुख बदल गया। हरियाणा की तरफ किनारों का कटाव तेज हो गया है, जिससे हरियाणा के इलाकों में बाढ़ का खतरा पिछले सालों से ज्यादा बढ़ गया है। 

सुरजेवाला ने कहा कि वर्ष 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई उसी के बाद यह अवैध खनन का काला खेल शुरू हो गया था और यह आज भी निरंतर जारी है। अवैध रेत खनन का यह खेल यमुनानगर से लेकर होडल तक खेला जा रहा है। रेत के अवैध खनन के साथ इस सरकार में अरावली की पहाड़ियों में भी जमकर अवैध खनन के आरोप लग रहे हैं। यदि इस पूरे घोटाले की जाँच हाई कोर्ट की देखरेख में होती है तो यह हरियाणा प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला साबित हो सकता है।

उन्होंने कहा कि कैग ने भी हरियाणा में खनन घोटाले और नियमों के विरुद्ध खनन को अपनी रिपोर्ट में माना है। क्या कारण है कि कैग रिपोर्ट के बावजूद प्रदेश में प्राकृतिक संपदा की लूट निरंतर जारी है और सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वर्ष 2019 में हरियाणा विधानसभा में प्रस्तुत कैग रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया था कि खनन माफिया ने नदी के बहाव तक को बदल दिया और खनन विभाग की लापरवाही के कारण प्रदेश को करोडों की चपत लगी। कैग रिपोर्ट के बावजूद खट्टर सरकार ने अपने काम करने के ढंग में कोई सुधार नहीं किया और वहीं घोटाले आज भी हो रहे हैं, जिससे स्पष्ट है कि अवैध खनन का खुला खेल भाजपा-जजपा सरकार की शह पर हो रहा है और इस अवैध मलाई में ऊंचे पदों पर बैठे लोग भी हिस्सेदारी ले रहे हैं।

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Content Writer

Isha

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