मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर हाई पावर कमेटी अगेंस्ट करप्शन का गठन :  संजीव कौशल

punjabkesari.in Wednesday, Apr 20, 2022 - 10:34 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): प्रदेश को ईमानदार सरकार देने की सोच पर लगातार मुख्यमंत्री द्वारा समय-समय पर सार्थक प्रयास किए जाते रहे। प्रदेश के हर विभाग की कार्यशैली को पारदर्शी बनाने के लिए लगातार तरह तरह के बदलाव और खास तौर पर ऑनलाइन प्रक्रिया का विस्तार देखा गया। भ्रष्टाचार में लिप्त बड़े से बड़े अधिकारी  जेल की सलाखों के पीछे जाते देखे गए। बावजूद इसके मुख्यमंत्री का जीरो टोलरेंस की सरकार का सपना सच नहीं हो पाया। अब इस नीति पर अपने कदम और आगे बढ़ाते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी अगेंस्ट करप्शन का गठन किया गया है। जोकि विजिलेंस ब्यूरो और सीएम फ्लाइंग स्क्वायड द्वारा किए गए हर कार्य की मॉनिटरिंग करेगी। जिसकी जानकारी स्वंय मुख्य सचिव संजीव कौशल ने दी है। साथ ही उन्होंने सीबीआई के कामयाब रिटायर्ड जांच अधिकारियों को विजिलेंस ब्यूरो में री एंप्लॉय करने तथा डिविजनल स्तर पर विजिलेंस अधिकारियों को और शक्तियां देने के संबंध में जानकारियां दी। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट "स्वामित्व योजना" का कार्य जल्द ही संपूर्ण होने की भी उन्होंने जानकारी दी। कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर हुई बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न:- जीरो टोलरेंस की नीति पर काम करते हुए मुख्यमंत्री ने हाई पावर कमेटी का गठन किया है, उसके बारे में बताएं ?

उत्तर:- मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर हाई पावर कमिटी अगेंस्ट करप्शन का गठन किया गया है। जोकि मुख्य सचिव यानि मेरी अध्यक्षता में कार्य करेगी। मेरे साथ एफसीआर, एसीएस होम, डीजीपी, डीजीपी विजिलेंस इत्यादि कई अधिकारी होंगे। इससे नीति निर्धारण का कार्य होगा और क्वालिटी ऑफ इन्वेस्टिगेशन में बढ़ोतरी होगी। मुख्यमंत्री ने प्रतिमाह बैठक के निर्देश दिए हैं। एंटी करप्शन पॉलिसी पर यह कमेटी लगातार यह रिव्यू करेगी कि विजिलेंस ब्यूरो के पास कितनी जांच पेंडिंग है और पेंडिंग का कारण क्या है। जिनकी रिपोर्ट आई है, उस पर क्या कार्यवाही की गई। जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है उसमें किस प्रकार की जांच हुई और कोर्ट में गए मामलों में क्या रिजल्ट रहे। यानि सक्सेस रेट क्या रहा और इसे कैसे इंप्रूव किया जा सकता है। इस प्रकार की कार्यवाही हाई पावर कमिटी अगेंस्ट करप्शन करेगी। इसके साथ साथ मुख्यमंत्री ने सीएम फ्लाइंग स्क्वायड की भी जांच को मॉनिटर करने के निर्देश दिए हैं।

प्रश्न:- कुछ रिटायर्ड सीबीआई के अधिकारियों को भी इस कार्य के लिए चिन्हित करने के कदम के बारे में बताएं ?

उत्तर:- मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार नामक दीमक को समाप्त करने के लिए पूरी तरह से गंभीर हैं और इसी के तहत स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को और अधिक सुदृढ़ करने की भी कोशिशें की गई हैं। मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर सीबीआई के बहुत कामयाब जांच अधिकारी रहे 4 रिटायर्ड अधिकारियों को हम रि एंप्लॉय कर रहे हैं। जो स्टेट विजिलेंस में कार्य करेंगे और अपेक्षा अनुसार रिजल्ट आने की हमें पूरी उम्मीद है।

प्रश्न:- विजिलेंस को डिवीजन लेवल पर मजबूत करने की पॉलिसी क्या है ?

उत्तर:- मुख्यमंत्री के डिविजनल लेवल पर विजिलेंस ब्यूरो बनाने के भी निर्देशों की पालना की गई है जो कि पांच जिलों पर डीआईजी - आई जी विजिलेंस जिन्हें एक करोड़ तक की शिकायत पर स्टेट विजिलेंस ब्यूरो में नहीं आना पड़ेगा। वह अपने स्तर पर कार्य कर सकेंगे। साथ ही हम भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 17 ए के तहत हम डिविजनल कमिश्नर को इसके लिए अधिकृत करने पर कार्य कर रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस की नीति पर लगातार आगे बढ़ रहै हैं। जिसके चलते हम दूसरे विभागों से इन पैनल करके काबिल चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) लेने पर कार्य कर रहे हैं जो कि या तो भारत सरकार के चीफ विजिलेंस ऑफिसर या ऑल इंडिया सर्विसेज के होते है। हमने भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ कर कड़ी कार्रवाई के लिए कोशिशें तेज कर है और जो कि अब देखने को मिलेंगी। हाई पावर कमेटी इसका रिव्यु करेगी और फिर मुख्यमंत्री स्वयं इसका भी फाइनल रिव्यू करते हैं।

प्रश्न:- 100 करोड से अधिक लागत वाले विकास कार्यों बारे बैठक हुई, वह क्या है ?

उत्तर:- इस बारे लगातार विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों से पांच छह बैठकें हो चुकी हैं। जिसमें 100 करोड़ से ज्यादा की लागत वाले प्रोजेक्ट को रिव्यू किया गया है। जिसका दूसरा राउंड ऑफ रिव्यू जल्द शुरू करने वाले हैं। आने वाले दो-तीन दिन में इसकी प्रक्रिया शुरू होगी कि समय पर प्रोजेक्ट्स अच्छी क्वालिटी के साथ पूरे हो सकें। जिसकी मॉनिटरिंग अच्छी तरह से हो। क्योंकि केवल बिल्डिंग बनाना ही महत्वपूर्ण नहीं होता संस्थान में मैनपावर, इक्विपमेंट्स भी बेहतर होने चाहिए।

प्रश्न:- एचआरडी विभाग बनाने की जरूरत क्यों समझी गई ?

उत्तर:- कर्मचारियों के साथ-साथ सरकार के हितों देखते हुए जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को बदलकर एचआरडी ह्यूमन रिसोर्सेज डिपार्टमेंट किए जानेे का फैसला किया है। जिस प्रकार सेेेे प्राइवेट कंपनियों में एचआरडी होता है। उसी प्रकार से यह विभाग भी काम करेगा। जिसके लिए कर्मचारियों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। कर्मचारियोंं का गृह जिला, उनके कैरियर मे क्या क्या खास रहा, उनकी विशेषता इत्यादि अन्य संबंधित जरूरी डाटा इकट्ठा किया जा रहा है।

प्रश्न:- मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वामित्व योजना की स्थिति आज क्या है ?

उत्तर:- 19 लाख से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड्ड तैयार किए जा चुके हैं और पूरे प्रदेश के लाल डोरा की संपत्ति का यह काम 24 अप्रैल तक पूरा होने की संभावना है। जिसे लेकर लगातार सप्ताहिक बैठकर स्वयं ले रहा हूं। जिसमें जिलों के उपायुक्त समेत विभिन्न संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होते हैं। इस कार्य के पूरे होने के बाद ग्रामीण आंचल में रहनेे रहने वाले हर व्यक्ति के पास उनकी संपत्ति के शहरी संपत्ति की तरह ही कागजात होंगे। यह हर चीज को अनलॉक करने का एक बड़ा मौका दिया गया है। ग्रामीण आंचल में रहने वाला हर व्यक्ति अपनी संपत्ति की वैल्यूएशन के हिसाब से बैंक से लोन इत्यादि ले पाएगा। इससे संपत्ति के रेट बढ़ेंगे और वह अच्छे दाम पर खरीद-फरोख्त कर पाएगा। पहले बैंक किसी भी लोन के लिए ग्रामीण लोगों से शहरी संपत्ति के कागज मांगता था, अब ऐसा नहीं होगा। हमने इस योजना के तहत हजारोंं करोड़ की मालिकाना अनलॉक की है। कुछ समय पहले हरियाणा सरकार ने पैक हाउसेस बनाने की स्कीम दी थी। इसमें किसानों का ग्रुप (एफपीओ) बनाया जाता था। लेकिन बैंक शहरी प्रॉपर्टी के लिए मांग करता था। यह एक भारी दिक्कत थी। कई महीनों तक हमने बैंक को समझाने का प्रयास किया लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

प्रश्न:- कौशल रोजगार निगम के लिए अधिकतम 30 हजार रुपए की तनख्वाह निर्धारित है, ऐसे में अन्य जगह तनख्वाह ज्यादा लेने वालों के लिए भी क्या कोई वैकल्पिक प्रबंध है ?

उत्तर:- हमने एक निगम रेट सुनिश्चित किया है। एक जॉब रोल होता है। पहली स्टेज में मिलने वाली सैलरी 30,000 से कम होती है। लेकिन एक्सपीरियंस के बाद वही तनख्वाह बढ़ती चली जाती है। यह काम महकमे का है। जरूरत के अनुसार जॉब रोल के हिसाब से वह आदमियों की जरूरत को बताता है। व्यक्ति स्वयं उसे अपलोड करता है। अगर वह 30000 से कम पर लगना है तो ही वह लिखता है। पहले दिन की सैलरी के ही मुताबिक सब कुछ चलता है।

प्रश्न:- लगातार बढ़ रहे कोविड पॉजिटिव मामलो के चलते किस प्रकार की तैयारियां हैं ?

उत्तर:- मास्क लगाकर रखना सामान्य जीवन में भी काफी बेहतर है। सीजनल कोल्ड या फ्लू में इससे काफी फायदा होता है। यह एक अच्छी चीज है। जापानी और कोरियन पहले से ही लगातार मास्क लगाकर रखते हैं। लेकिन उस समय हमें इसका ज्ञान नहीं था। अब कुछ केस गुड़गांव और फरीदाबाद में जरूर बढ़े देखे गए हैं। क्योंकि दिल्ली से इन क्षेत्रों में भारी आवाजाही होती है। लेकिन चिंतित या भयभीत होनेे वाली स्थिति नहीं है। पांच-छह दिन में ही पॉजिटिव लोग बिल्कुल ठीक हो रहे हैं। जिन्हें अस्पताल तक की जरूरत नहीं पड़ रही। जिस कारण से प्रदेश केे स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली के साथ लगते जिलो गुरुग्राम-फरीदाबाद- झज्जर और सोनीपत में मास्क लगाने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग ने भी मुझे इसकी जानकारी दी है।

प्रश्न:- शामलात देह पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या कहेंगे ?

उत्तर:- 7 अप्रैल को यह एक बेहद महत्वपूर्ण फैसला आया है। लाखों एकड़ गांव और शहरों की जमीनों का यह डिसीजन था। यह वह जमीने हैं जो पंचायत देह- शामलात देह के नाम से रजिस्टर्ड है। इसका गैरकानूनी तरीके से विभाजन लोगों ने किया है। प्रॉपर्टी डीलरों ने भी काफी फायदा उठाया है। मैंने और एफसीआर ने सभी उपायुक्तों से कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की है और 22 तारीख को एक और मीटिंग होने वाली है। गांव में मौजूद शामलात देह की जमीन को पंचायत देह के हक में यह संपत्ति तब्दील हो जाएगी। जिसे लेकर तिथि निर्धारित कर दी गई है। पटवारी इसी महीने में अपने काम को करेंगे और सर्कल  रेवेन्यू अधिकारी 7 मई तक अपना काम पूरा करेंगे। यह पूरा कार्य 25 मई तक पूरा करने का लक्ष्य है। शहर की जमीने मुंसिपल कमेटी के नाम हो जाएंगी। यह एक महत्वपूर्ण फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। अगर किसी ने इस पर ऑब्जेक्शन करना है तो यह सेक्शन 13 के तहत उपायुक्त के पास कर पाएंगे। जिसका फैसला 6 महीने के भीतर उपायुक्त को करना होगा। यानि अक्टूबर माह तक सभी फैसले हो जाएंगे। हजारों करोड़ की जमीन अब जनता के फायदे के लिए इस्तेमाल हो पाएगी।

 


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Content Writer

Vivek Rai

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