यूक्रेन में फंसी छात्राओं ने की पीएमओ से गुहार, कहा- हालात बेहद गंभीर, खाने-पीने का स्टॉक भी कम

punjabkesari.in Saturday, Feb 26, 2022 - 08:47 PM (IST)

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): चिकित्सा के क्षेत्र में देश की सेवा के नजरिए से एमबीबीएस की शिक्षा ग्रहण करने यूक्रेन गए बहुत से भारतीय छात्र-छात्राओं की जान पर बन आई है। दरअसल रूस-यूक्रेन विवाद शुरू होने के बाद बहुत से बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं और बच्चों की चिंता को लेकर उनके अभिभावकों की सांसें फूली हुई है। यह बच्चे देश के विभिन्न हिस्सों के हैं। पीएमओ से गुहार लगाते ऐसे बच्चों की वीडियो लगातार सामने आ रही है।

यमुनानगर के सोम प्रकाश की बेटी मानसी ने एक वीडियो के जरिए पीएमओ से गुहार लगाई है। इन बेटियों ने स्थितियों के बारे जानकारी देते हुए बताया कई माह से यूक्रेन और रूस के बीच स्थितियां तनावपूर्ण बनी हुई थी। लेकिन उस समय इस मामले को ज्यादा सीरियस ना लेने की सलाह दी गई थी। लेकिन 16 सितंबर को एंबेसी ऑफ इंडिया द्वारा एकाएक एडवाइजरी जारी की गई कि बच्चे की मर्जी है वह यूक्रेन में रुके या जाएं। एडवाइजरी के बाद एकाएक सभी फ्लाइट्स के रेट बढ़ गए। जिसे जो भी फ्लाइट मिली वह बुक कर दी गई। मानसी की फ्लाइट 24 फरवरी को बुक थी और फ्लाइट पकड़ने के लिए वह बस से एयरपोर्ट पहुंची, लेकिन तब तक फ्लाइट कैंसिल हो चुकी थी। एयरपोर्ट सील हो चुके थे। हालात बिल्कुल बिगड़ चुके थे। वह एयरपोर्ट के बाहर खड़े थे।


मानसी के साथ इस वीडियो में अन्य चार छात्राएं और हैं जो हरियाणा और पंजाब की है। यह देश की बेटियां आज बड़ी विपदा में फंसी हैं और इन्होंने जल्द से जल्द उनकी वापसी के प्रबंध की गुहार पीएमओ से लगाई है। मानसी ने वीडियो के जरिए बताया कि वह और  अन्य बहुत से बच्चे काफी देर तक एयरपोर्ट के बाहर खड़े रहे। एयरपोर्ट के बाहर बहुत से लोग अपने बच्चों बैग के साथ खड़े थे। लेकिन एयरपोर्ट सील हो चुका था। इन सभी ने बहुत सी कारों और बसों को रुकवाने के लिए हाथ दिया। लेकिन कोई रुकने को तैयार तक नहीं था। यह बच्चियां किसी तरीके गूगल मैप के जरिए इंडियन एंबेसी तक पहुंची।


 इन बच्चियों ने गुहार लगाई है कि हालात आने वाले समय में और बिगड़ सकते हैं तो ऐसे में पानी और खाने तक की भारी परेशानी सामने आएगी। क्योंकि वहां जनता लगातार पानी और खाने की वस्तुओं का स्टॉक लगातार कर रहे हैं। इसलिए जल्द से जल्द वाया रोड उन्हें ले जाने के प्रबंध किए जाएं। मानसी के अनुसार देेेश के बहुत से बच्चे मेट्रो स्टेशंस के नीचे बेसमेंट और बंकरो में फंसे हुए हैं। सारे रोड ब्लॉक है। रोड पर भारी-भरकम फौज घूम रही है। ऐसे में देश केे इन बच्चों को यह भी डर है कि कहीं रोड पर निकलने के बाद मिलिट्री उन्हें रोक ना ले, क्योंकि वह उनकी भाषा के अनुसार मिलिट्री को समझा भी नहीं पाएंगे। इन बच्चों के पास कैश भी लगभग खत्म हो चुका है। इसीलिए इन बच्चियों ने जल्द से जल्द इन्हें वापस लाने के लिए भारत सरकार से कदम उठाने की विनती की है।

 


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Content Writer

Isha

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