हरियाणा में कोरोना से थम गई सरकार की रफ्तार, सरकारी कामकाज की स्पीड हुई कम

punjabkesari.in Sunday, Aug 30, 2020 - 09:55 AM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : हरियाणा में कोरोना का संक्रमण हालांकि मार्च में शुरू हुआ था और इस दौरान करीब 5 माह तक कोविड नियमावली के तहत सरकार का कामकाज सामान्य रूप से जारी रहा। स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अधिकारियों के साथ बैठकें की। नई नीतियों पर मंथन हुआ और कई नीतियां लागू की गई। 

इसके साथ ही सरकार के मंत्रियों ने भी अपने जिलों में कार्यकत्र्ताओं संग बैठकें जारी रखी और फाइलें निपटाने का काम पूरा किया। अचानक अगस्त माह के आखिरी सप्ताह में स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित सरकार के 3 मंत्रियों, कुछ विधायकों व अधिकारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद सरकारी कामकाज की रफ्तार पर बे्रक लग गए हैं। ऐसे में जहां आगामी एक पखवाड़े तक सरकारी कामकाज तो प्रभावित होगा ही, वहीं मुख्यमंत्री सहित इन मंत्रियों व विधायकों की कार्यकत्र्ताओं से भी अभी कई दिनों तक दूरियां बनी रहेंगी।

कोरोना काल में सक्रिय नजर आए मुख्यमंत्री व मंत्री
गौरतलब है कि इससे पहले स्वयं मुख्यमंत्री ने लॉकडाऊन में सोशल डिस्टैंस के नियमों का पालन करते हुए वीडियो कांफ्रैसिंग के जरिए बैठकें जारी रखी थी। आवश्यक फाइलों का निपटान किया। अनलॉक में वे न केवल प्रदेश के कई इलाकों में गए, बल्कि अधिकारियों संग आवश्यक बैठकें कर नई नीतियों को भी अमलीजामा पहनाया। यही नहीं वे सरकार की कई नीतियों को लेकर फील्ड में गए और मेरा पानी-मेरी विरासत जैसी बड़ी योजना के चलते प्रदेश के किसानों से भी मिले।

इसी तरह से सरकार के मंत्री भी लगातार सक्रिय नजर आए और अपने-अपने विभागों से संबंधित फाइलों को निपटाने के साथ कार्यकत्र्ताओं संग भी संवाद किया। अगस्त में कोरोना का संक्रमण राज्य में तेजी से फैला और अगस्त के सप्ताहांत में स्वयं मुख्यमंत्री, विधानसभा स्पीकर व 3 मंत्रियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद अब सरकार के कामकाज की रफ्तार धीमी हो गई है।

बरौदा उपचुनाव को लेकर भी दिखी सक्रियता
यहां उल्लेखनीय है कि इस साल 12 अप्रैल को बरौदा से कांग्रेस के विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के बाद यह सीट रिक्त है। इस सीट पर अगले दो माह में उपचुनाव होने की संभावना है। ऐसे में बरौदा उपचुनाव को लेकर भी मुख्यमंत्री सहित सरकार के मंत्री व नेता सक्रिय नजर आए। स्वयं मुख्यमंत्री ने जुलाई माह में बरौदा के 4 गांवों में दस्तक दी। इसके अलावा भाजपा की ओर से कृषि मंत्री जे.पी. दलाल को बरौदा का प्रभारी बनाया गया। दलाल ने भी बरौदा में कार्यकत्र्ताओं संग बैठक कर उनकी राय जानी थी, तो बिजली व जेल मंत्री रणजीत सिंह ने भी बरौदा में जाकर कार्यकत्र्ताओं से फीडबैक लिया। अब चूंकि कोरोना का संक्रमण तेज होने के बाद आने वाले एक पखवाड़े तक बरौदा उपचुनाव की सियासत भी ठंडी रहने वाली नजर आती है।

विधानसभा का सत्र भी रहा फीका
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, कृषि मंत्री जे.पी. दलाल के अलावा अम्बाला सिटी से विधायक असीम गोयल, रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा व इंद्री के विधायक राम कुमार कश्यप की रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद ये सभी आइसोलेट हो गए। ऐसे में 26 अगस्त को होने वाला दो दिवसीय विधानसभा का सत्र न केवल फीका रहा, बल्कि इसकी अवधि भी 2 दिन की बजाय एक दिन करनी पड़ी। विधानसभा सत्र में सभी बिलों पर चर्चा भी न हो सकी और निर्धारित संख्या की बजाय कम संख्या में पटल पर विधायकों के सवाल लिए गए। संभवत: यह पहला मौका था जब सदन के नेता व विधानसभा अध्यक्ष दोनों ही सत्र में शामिल नहीं हो पाए। 


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Manisha rana

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