हादसों के बाद भी नहीं चेती सरकार, धड़ल्ले से चल रहे हैं प्रदेश के आवासीय क्षेत्रों में हजारों उद्योग

punjabkesari.in Thursday, Dec 12, 2019 - 10:44 AM (IST)

करनाल (शर्मा): हरियाणा के आवासीय क्षेत्रों में नियमों का उल्लंघन करते हुए लाखों की संख्या में उद्योग चल रहे हैं। इनको नियमित करने की योजना जहां ठंडे बस्ते में चली गई है वहीं इनको आवासीय क्षेत्रों से बाहर करने को लेकर भी सरकार की कोई योजना नहीं है। अतीत में कई बार आगजनी की घटनाओं के बावजूद प्रदेश में किसी भी समय दिल्ली जैसा हादसा हो सकता है। प्रदेश में लगातार 10 साल तक सत्ता संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार के कार्यकाल दौरान औद्योगिक नीतियां तो कई बार आईं लेकिन आवासीय क्षेत्रों में चल रहे गैरकानूनी उद्योगों को बाहर निकालने के लिए कोई नीति नहीं बनाई।

पानीपत में इस समय हैं 10 हजार से अधिक उद्योग
रिकार्ड में संख्या 4 हजार से भी कम सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2016 में करवाए गए सर्वे अनुसार यह बात सामने आई थी कि अन्य जिलों के मुकाबले पानीपत, फरीदाबाद, करनाल, रोहतक में ऐसे उद्योगों की संख्या बहुत ज्यादा हैं, जो आवासीय क्षेत्रों में चल रहे हैं। बताया जाता है कि पानीपत में इस समय 10 हजार से अधिक उद्योग चल रहे हैं लेकिन नगर निगम के रिकार्ड में इनकी संख्या 4 हजार से भी कम है।

कुछ ऐसी ही स्थिति प्रदेश के सबसे पुराने औद्योगिक शहर फरीदाबाद की है। बिना किसी मंजूरी व नियमों की धज्जियां उड़ाकर चलने वाले इन उद्योगों के मालिकों द्वारा खुद को सरकारी रिकार्ड में एम.एस.एम.ए.ई. से भी निचले स्तर का अथवा घरेलू उद्योग का संचालक बताया जाता है। विभागीय रिपोर्ट अनुसार राज्य में इस समय भी हजारों की संख्या में रिहायशी क्षेत्रों में उद्योगों का संचालन हो रहा है। बिना किसी मंजूरी के घरों में चलने वाले उद्योगों से जहां सरकार को हर माह करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है वहीं गाहे-बगाहे यह हादसे के कारण बनते रहे हैं।

उक्त उद्योगों द्वारा जमीन में गहरे बोरवेल करके न केवल कुदरती नदियों में जहरीला पानी छोड़ा जा रहा है बल्कि कई जगह तो खुलेआम नदियों व बरसाती नालों में भी इन उद्योगों द्वारा जहरीला पानी छोड़ा जा रहा है। हरियाणा के पानीपत, फरीदाबाद तथा रोहतक समेत कई जगहों पर पूर्व में भीषण हादसे हो चुके हैं। इसके बावजूद आवासीय क्षेत्रों में खुलेआम उद्योग चल रहे हैं।

प्रदेश में 12 हजार कोचिंग सैंटर दे रहे हादसों को न्यौता
गुजरात के सूरत में इसी साल मई माह दौरान हुए भीषण अग्निकांड के बाद जागी हरियाणा सरकार ने प्रदेश में एक सर्वे करवाकर कोङ्क्षचग सैंटरों की वास्तविकता के बारे में पता किया था। इस सर्वे में पता चला था कि हरियाणा में करीब 12 हजार कोङ्क्षचग सैंटर ऐसे स्थानों पर चल रहे हैं जहां किसी भी तरह की आगजनी अथवा अप्रिय घटना की सूरत में राहत एवं बचाव कार्य सीधे रूप से शुरू नहीं किए जा सकते हैं। इस सर्वे की रिपोर्ट के बाद भी धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।


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Isha

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