बर्खास्त पीटीआई टीचर मामले पर बोले CM खट्टर, सरकार इस संदर्भ में नहीं लाएगी कोई अध्यादेश

punjabkesari.in Monday, Jul 20, 2020 - 10:48 AM (IST)

चंडीगढ़ (बंसल) : सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर नौकरी से बाहर किए गए 1983 पी.टी.आई. को एडजस्ट करने को लेकर बने संशय पर आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार इस संदर्भ में कोई अध्यादेश नहीं लाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट से ऊपर नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बाहर नहीं जा सकती और उसमें बंधी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन गैस्ट टीचर्स की भर्ती की दुहाई दी जा रही है, वह विषय और था। कोर्ट ने उनकी नियुक्ति रद्द नहीं की थी। वे आज भी पक्के कर्मचारी नहीं हैं, बल्कि हमने उन्हें रिटायरमैंट की उम्र तक नौकरी में बनाए रखने की व्यवस्था की है। कोर्ट ने पी.टी.आई. की भर्ती को खारिज किया है और तत्कालीन हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन के विरुद्ध केस दर्ज किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पूछताछ पर ही पता चलेगा कि किसके इशारे पर यह सारा गड़बड़झाला हुआ था। 

पी.टी.आई. की भर्ती हुड्डा सरकार में हुई थी
यहां बता दें इन पी.टी.आई. की भर्ती पूर्व की हुड्डा सरकार में हुई थी। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि नई नियुक्तियों में भी ज्यादातर मौजूदा पी.टी.आई. ही चयनित होंगे, क्योंकि उन्हें लंबा अनुभव है और सरकार नई भर्तियों में अनुभव का लाभ दे रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इनकी भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से अवैध बताते हुए रद्द कर दिया था और पुराने आवेदकों में से ही नए सिरे से भर्ती करने के आदेश दिए हैं। यह परीक्षा अगले माह होनी है। तब 22 हजार आवेदकों ने आवेदन किया था, जिनमें से अब दोबारा करीब 13 हजार आवेदकों ने आवेदन किया है।

रणजीत सिंह कमेटी का मकसद पी.टी.आई. की बात सुनना था न कि एडजस्ट करना
मुख्यमंत्री ने बिजली मंत्री रणजीत सिंह की अध्यक्षता में बनाई कमेटी को लेकर कहा कि इस कमेटी का मकसद पी.टी.आई. की बात सुनना था न कि उन्हें एडजस्ट करना, क्योंकि यह सरकार के हाथ की बात नहीं है। जब यह कमेटी बनी थी, तब दावा किया गया था कि सरकार इस कमेटी की सिफारिशों के आधार पर इन पी.टी.आई. को एडजस्ट करने का कोई रास्ता निकाल सकती है। 

 


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Edited By

Manisha rana

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