आम लोगों की राय से आम लोगों के लिए काम कर रही है सरकार: खट्टर

punjabkesari.in Monday, Feb 28, 2022 - 07:49 PM (IST)

चंडीगढ़(संजय अरोड़ा): हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सी.एम की कुर्सी संभालने के बाद प्रदेश में परम्परागत ढर्रे से हटकर जहां नए प्रयोग व नई सोच के तहत अनेक नई एवं कल्याणकारी नीतियां लागू करके अपनी सरकार की एक अलग पहचान बनाई तो वहीं अनेक क्रांतिकारी बदलाव करके अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल कायम की है। इस कड़ी में मनोहर लाल खट्टर ने अपनी व्यक्तिगत साफ छवि के अनुरूप नौकरियों में पारदर्शी व्यवस्था को स्थापित किया है और पिछले लगभग सवा 7 वर्ष में सुशासन की दिशा में भी खूब काम किए हैं। इसके साथ ही कृषि, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, रोजगार, स्वास्थ्य व खेल जैसे क्षेत्र में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में हरियाणा ने लाजवाब बदलाव किए हैं। इन सात वर्षों में किए गए कार्यों के बारे में मुख्यमंत्री स्वयं ये मानते हैं कि यह सब जन सहयोग व दृढ़इच्छा शक्ति से ही संभव हुआ है और हमने भ्रष्टाचार को समाप्त करने की दिशा में प्रभावी ढंग से कदम उठाए हैं, जिसके परिणाम भी सर्वविदित हैं । उनका मानना है कि हमारी सरकार आम लोगों की राय से न केवल प्रभावी नीतियां बना रही हैं बल्कि आम लोगों के लिए ही कार्य कर रही है और भविष्य में भी प्रदेश के आम जनमानस के लिए इसी प्रकार मजबूती से कार्य करते हुए जनता की भलाई के कार्यों को बढ़ावा देती रहेगी। पंजाब केसरी प्रतिनिधि संजय अरोड़ा द्वारा विभिन्न विषयों को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से सीधी बातचीत की और इस बातचीत के दौरान उन्होंने भी बड़ी बेबाकी हर सवाल का जवाब दिया। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के मुख्य अंश:

सवाल: वर्तमान सरकार में बतौर वित्त मंत्रालय प्रभारी आप तीसरा बजट पेश करने जा रहे हैं, प्रदेश के लिए कैसा रह सकता है ये बजट?
जवाब:
देखिये, मैंने पहले 2 बजट प्रस्तुत किए हैं और दोनों ही बार आम लोगों की राय से आम लोगों का बजट पेश करने का प्रयास किया है और जिसमें हम सफल भी रहे हैं। बतौर वित्तमंत्री जब पहला बजट प्रस्तुत किया जाना था तो मेरे मन में विचार आया कि बजट को सरकार का बजट न बनाकर आम जनता का बजट बनाना चाहिए, इसलिए प्री-बजट डिस्कशन की परम्परा शुरू की गई और जन प्रतिनिधियों के साथ साथ अलग अलग वर्ग के लोगों से उनके सुझाव व राय ली गई और इसका फायदा ये हुआ कि हमें काफी अच्छे सुझाव प्राप्त हुए और उन्हें बजट में शामिल किया गया। इसी प्रकार 2021-22 के बजट से पहले भी सभी से राय मशविरा करने के बाद बजट को लाया गया और इस बार भी ऐसा ही किया जा रहा है तो निश्चित तौर पर पहले से दूसरा और दूसरे से अब तीसरा बजट और बेहतर होगा। जहां तक विभिन्न विभागों के लिए बजट का प्रावधान करने की बात है तो सभी विभागों की जरूरतों व भावी परियोजनाओं के मद्देनजर बजट में प्रावधान किया जाएगा और हर वर्ग का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

सवाल: हरियाणा के लिए कृषि व कृषक हमेशा ही अहम रहे हैं। ऐसे में आपकी सरकार ने इस दिशा में क्या बड़े कदम उठाए हैं?
जवाब:
हरियाणा सरकार किसान और कृषि को लेकर बेहद संजीदा है। हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है जहां पर किसानों की 14 फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही हैं। इसके साथ ही सरकार भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत 21 बागवानी फसलों पर संरक्षित मूल्य दे रही है। सरकार की ओर से धान, ज्वार, गेहूं, बाजरा, मक्का, अरहर, तिल, मूंग, उड़द, सूरजमुखी, सोयाबीन,सरसों, कपास व जौं जैसी फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। 2021 के दौरान साढ़े 55 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद एम.एस.पी पर की गई। खरीफ 2020 में 56 लाख 54 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा गया। राज्य सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए पहली बार मूंगफली की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की।  2021 में 649 मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद की गई। इसी तरह से सरकार ने 2020-21 के दौरान 7 लाख 49000 मीट्रिक टन सरसों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की। हमने हरियाणा में पानी के महत्व को समझते हुए 'मेरा पानी मेरी विरासत'  योजना का आगाज किया। इस योजना के तहत ही जहां धान की बजाय दूसरी फसल बोने पर जोर दिया जा रहा है तो वहीं भूजल बचाने को लेकर सरकार ने डॉर्क जोन में आने वाले 10 खंडों में रिचार्ज वैल लगाने की योजना भी शुरू की है। 'मेरा पानी-मेरी विरासत'  और इन दोनों योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए बजट में विशेष तौर पर 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को 7 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाती है।  करीब 74 हजार किसानों को इस योजना के अंतर्गत 77 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई और इस योजना के तहत हम दक्षिण हरियाणा को भी खुशहाल बनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

सवाल: भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को लेकर सरकार ने क्या प्रभावी कदम उठाए हैं?
जवाब:
भ्रष्टाचार पर रोक लगाने को लेकर हमारी सरकार बेहद गंभीर है। 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही हमने इस दिशा में काम करना शुरू किया। सी.एम विंडो शुरू की। लोगों को सरकारी योजनाओं व सुविधाओं का लाभ ऑनलाइन देने का सिलसिला शुरू किया। नौकरियों में पारदर्शी प्रणाली शुरू की गई और पुरानी तबादला नीति को बंद किया। सी.एल.यू को ऑनलाइन किया गया। राशन वितरण प्रणाली में भी क्रांतिकारी बदलाव किए गए। आज निश्चित रूप से हरियाणा दूसरे राज्यों को भी सुशासन का पाठ पढ़ा रहा है। तकनीक का उपयोग कर भ्रष्टाचार को समाप्त कर आमजन को सरकारी योजनाओं व सुविधाओं का लाभ तेज गति से दिया जा रहा है। अब जमीन की फर्द के लिए पटवारी के पास चक्कर नहीं काटना पड़ता। राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, रिहायशी प्रमाण पत्र, जमाबंदी के लिए अब आपको लाइनों में नहीं लगना पड़ता है। सरल केंद्रों और अटल केंद्रों पर जाकर आप तमाम तरह की सुविधाओं और योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। राशन लेने के लिए भी अब मान-मनुहार की दरकार नहीं है। यहां भी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की कवायद के तहत बायोमीट्रिक प्रणाली लागू कर दी गई और अब तो सरकार ने विदेशी पैटर्न पर अनाज आपूर्ति ए.टी.एम. की शुरूआत कर दी है। फिर भी कोई परेशानी हो तो सी.एम. विंडो  के जरिए आपकी तकलीफ को दूर करने की पहल हमारी सरकार ने की है। इसके साथ ही सरकार की ओर से हरियाणा में 18,851 सरल केंद्र व 117 अटल सेवा केंद्र स्थापित करके 500 से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन किया गया। हरियाणा में दशकों से नौकरियों में सिफारिश, पैसा व्यवस्था का अंग बन गया था। हमने नौकरियों में पर्ची खर्ची और सिफारिश की व्यवस्था को बंद करके मैरिट के आधार पर नौकरियां दी हैं और ये व्यवस्था निरंतर जारी है।

सवाल: बागवानी को लेकर सरकार क्या खास कर रही है?
जवाब:
हरियाणा में सरकार ने बागवानी की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। इस समय 70 हजार हैक्टेयर में बागवानी जबकि साढ़े 4 लाख हैक्टेयर में सब्जियों की खेती की जा रही है। हर साल हरियाणा में करीब 12 लाख मीट्रिक टन फलों का जबकि 78 लाख मीट्रिक टन सब्जियों का उत्पादन होता है। हमने बागवानी को लेकर भी बड़े बदलाव किए हैं। भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, किन्नू, अमरुद, गाजर, मटर, शिमला मिर्च, बैंगन, भिंडी, हरी मिर्च, लौकी, करेला, बंदगोभी, मूली, लहसून, हल्दी व आम को शामिल किया है। इस योजना के अंतर्गत करीब 5 हज़ार किसानों को करीब 14 करोड़ 12 लाख रुपए की राशि दी जा चुकी है। प्रदेश में 1 हजार किसान उत्पादक समूह बनाने की प्रक्रिया जारी है। 486 किसान उत्पादक समूह बनाए जा चुके हैं। इन समूहों की ओर से 150 इंटीग्रेटेड पैक हाऊस बनाए जाएंगे। गन्नौर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 7 हजार करोड़ रुपए की लागत से एक उद्यान मार्कीट स्थापित की गई है। बागवानी तकनीकों के प्रदर्शन के लिए इस वित्तीय वर्ष में 3 नए उत्कृष्टता केंद्र बनाए जाने हैं, जबकि 8 पहले बनाए जा चुके हैं।

सवाल: गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार की क्या योजनाएं हैं ?
जवाब:
देखिए, हम शुरू से ही सबका साथ-सबका विकास व हरियाणा एक-हरियाणवीं एक के नारे को चरितार्थ करते हुए हर वर्ग के लिए योजनाए बना रहे हैं और खासतौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को मजबूत बनाने की कवायद की जा रही है। हरियाणा सरकार प्रदेश के हर अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ पहुंचाने को लेकर कृतसंकल्प है। इस दिशा में मुख्यमंत्री अंतोदय उत्थान योजना का आगाज किया गया है। योजना को मूर्त आकार देने के लिए मेरा परिवार मेरी पहचान मुहिम शुरू की गई है। इसके अंतर्गत 1 लाख सबसे गरीब परिवारों का सत्यापन किया गया है। इन सभी परिवारों की न्यूनतम आय 1 लाख 80 हजार रुपए वार्षिक की जाएगी। ऐसे परिवारों के आर्थिक उत्थान को सुनिश्चित करने हेतु शिक्षा, कौशल विकास, वेतन रोजगार, स्व-रोजगार और रोजगार सृजन के उपायों का एक पैकेज अपनाया जाएगा। इसी तरह से मेरा परिवार मेरी पहचान योजना शुरू की गई है। मेरा परिवार-मेरी पहचान पोर्टल पर प्रदेश के 68 लाख 55 हजार परिवारो का डाटा उपलब्ध है। इन परिवारों में से 2 करोड़ 57 लाख सदस्य शामिल हैं। अब तक 85 प्रतिशत परिवारों का डाटा सत्यापित किया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत निम्र आय वाले हर पात्र परिवार जिनकी वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम और भूमि पांच एकड़ तक है का बीमा और पैंशन के प्रीमियम तथा नगद मिलाकर 6 हजार रुपए की वार्षिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है।

सवाल: एम.एस.पी और मंडी सिस्टम को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल उठा रहा है, इस पर क्या कहेंगे?
जवाब:
विपक्ष के कुछ लोग अतार्किक और बिना तथ्यों के आधार पर इस तरह के आरोप लगाते रहते हैं। इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। सरकार हरियाणा में 14 फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद रही है। गन्ने का सबसे अधिक भाव हरियाणा में दिया जा रहा है। मंडीकरण सिस्टम को लगातार मजबूत किया जा रहा है। हरियाणा के गन्नौर और पिंजौर में अत्याधुनिक फल मंडियां  स्थापित की जा रही हैं। इसके अलावा दर्जनों अतिरिक्त अनाज मंडियां बनाई जा रही हैं। सरकार एक व्यवस्थित तरीके से मेरी फसल मेरा ब्यौरा के अंतर्गत किसानों की फसल खरीद रही है और किसानों को फसल का भुगतान 72 घंटे के अंदर किया जा रहा है और जिन किसानों को निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं किया जाता तो उन्हें देरी के लिए सरकार द्वारा ब्याज भी दिया जाता है। हमने किसानों से सीधे वार्ता करके भी उन्हें बताया है कि उनकी फसलें एम.एस.पी. पर ही खरीदी जा रही हैं और खरीदी भी जाएंगी, इसलिए विपक्ष के गुमराह करने वाले वक्तव्यों से बचना चाहिए।

सवाल: ग्रामीण विकास को लेकर सरकार क्या कदम उठा रही है?
जवाब:
ग्रामीण विकास को लेकर सरकार की ओर से ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में 1874 ग्राम सचिवालय स्थापित किए गए हैं। युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए राज्य में 1123 व्यायामशालाएं भी बनाई गई हैं । इनमें योग सिखाने के लिए एक प्रशिक्षक को भी खेल विभाग द्वारा लगाया गया है। खास बात यह है कि पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा सरकार ने ग्रामीण विकास को लेकर बड़े कदम उठाए हैं। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान 33122 व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण करवाया गया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 140.48 करोड़ रुपए की राशि सभी जिलों को दी गई। कोरोना वैश्विक महामारी के चलते पुराने पट्टाधारी को पंचायती जमीन का 5 प्रतिशत की वृृद्धि के साथ पट्टे के नवीनीकरण की सुविधा दी गई। इसके साथ ही विभिन्न विकास कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों को 3472.34 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई। सरकार की ओर से सभी गांवों में गौरव पट्ट बनाने की पहल की गई। अब तक प्रदेश के गांवों में 5748 गौरव पट्ट का कार्य पूर्ण हो चुका है। रेवाड़ी जिले का गुरावड़ा गांव 'डिजीटल गांव' घोषित किया गया। अब एक क्लिक पर गांव के लोगों को सरकार की सैकड़ों योजनाओं का लाभ मिल रहा है । इसके साथ ही सरकार गांवों में स्वरोजगार को लेकर काम कर रही है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 1511.32 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई तथा 326.27 लाख कार्य दिवसों का सृजन किया गया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 14773 नए स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया व 128.78 करोड़ रुपए खर्च किए गए। दीन दयाल उपाध्याय योजना-ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत 46.26 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई व 2563 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया।

सवाल: महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
जवाब:
महिलाओं के उत्थान, सुरक्षा और राजनीतिक सशक्तिकरण में भी बड़े कदम उठाए गए हैं। इस कड़ी में प्रदेश में महिला थानों का खोलना, पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए पचास प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करना और रिकॉर्ड 42 महिला कालेज खोले जाना एक बड़ा उदाहरण है। इसके अलावा हमारी सरकार ने महिलाओं के सम्मान के लिए भी अनेक कदम उठाए तो सुरक्षा के नजरिए से भी कई काम किए। महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं में पचास फीसदी आरक्षण दिया गया। पंचायतों में श्रेष्ठ काम करने वाली 100 महिला सरपंचों को स्कूटी प्रदान की गई। सरकार की ओर से उठाए गए सुधारात्मक कदमों की बदौलत ही जनवरी 2022 में लिंगानुपात सुधर कर 914 हो गया। पी.एन.डी.टी. एक्ट और एम.टी.पी. एक्ट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अब तक 916 मामले दर्ज किए गए हैं। महिला हैल्पलाइन 1091 स्थापित की गई है तो दुर्गा शक्ति ऐप, दुर्गा वाहिनी, दुर्गा शक्ति रैपिड एक्शन फोर्स का गठन किया। इसके अलावा सरकार ने बलात्कार के आरोपी की सभी सरकारी सुविधाएं बंद करने का निर्णय लिया तो 12 साल तक की बच्ची से रेप पर फांसी की सजा का प्रावधान हरियाणा में किया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को उनकी लड़की शादी के लिए दी जानी वाली शगुन राशि अब 51 हजार की बजाय 72 हजार रुपए कर दी गई है। महिलाओं की फरियाद सुनने के मकसद से ही हरियाणा ने 22 जिलों सहित हरियाणा में कुल 33 महिला थाने स्थापित किए। महिलाओं के लिए पिंक कलर की 150 विशेष बसें चलाईं तो 500 बसों में कैमरे लगाए। महिलाओं के खिलाफ अपराध के केसों की तत्काल सुनवाई के लिए 16 फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले गए। महिला पुलिस थानों में महिलाओं व बच्चों से संबंधित शिकायतों के तुरंत निवारण व उनकी सहायता के लिए महिला और बाल डैस्क स्थापित किए गए हैं। इसी के साथ बलात्कार के मामले में एक महीने के भीतर और छेड़छाड़ मामले में 15 दिनों में जांच की पहल की गई। महिला पुलिस कर्मचारियों की संख्या 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक करने का निर्णय किया गया। पिछले करीब सात वर्षों में 67 नए राजकीय कालेज खोले गए हैं, जिनमें 42 लड़कियों के हैं। सरकारी कालेज और विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर तक सभी संकायों में 1 लाख 80 हजार रुपए तक की वार्षिक आय वाले गरीब परिवारों की छात्राओं का शिक्षण शुल्क माफ किया गया। इसी प्रकार से 29 महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित किए गए।

सवाल: बिजली के मामले में हरियाणा की क्या स्थिति है?
जवाब:
हरियाणा ने बिजली क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है और 2014 में जब से हरियाणा में हमारी सरकार बनी हमने इन पिछले करीब सवा सात वर्षों में कई नई योजनाएं लागू की जिसमें म्हारा गांव-जगमग गांव योजना के अंतर्गत हरियाणा के5569 गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा बिजली चोरी पर विभाग ने शिकंजा कसा और पारदर्शी व्यवस्था और ठोस नीति के चलते बिजली का लाइन लोस 31प्रतिशत से कम होकर 16 प्रतिशत तक रह गया है। पहले राज्य के दोनों बिजली निगम 3 हजार करोड़ के घाटे में थे अब वार्षिक मुनाफा 657 करोड़ हो गया है। हरियाणा में 16,753 नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं और 1 लाख 29 हजार नए कनैक्शन दिए गए। 582 करोड़ रुपए की राशि खर्च करके 824 किलोमीटर लम्बी प्रसारण लाइनें जोड़ी गईं हैं। निर्बाध और उत्तम गुणवत्ता की बिजली आपूर्ति के लिए 53 नए सब स्टेशन स्थापित किए गए हैं। वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 2015-16 से लेकर 2019-20 तक हरियाणा में 6772 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है और आगामी 5 वर्षों में 10 हजार करोड़ रुपए की एक परियोजना बनाई गई है। इसके अलावा गुरुग्राम, पंचकूला, पानीपत व करनाल में 2 लाख 46 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। प्रदेश में अब दो किलोवाट तक के कनैक्शन 200 रुपए में दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही हरियाणा सौर ऊर्जा में लम्बे डग भर रहा है। इस कड़ी में 682.3 मैगावाट बिजली का उत्पादन सौर तकनीक से हो रहा है। प्रदेश में 1696 करोड़ रुपए से 75 प्रतिशत अनुदान पर सौर ऊर्जा के 50 हजार यंत्र दिए जाने हैं।

सवाल: खेलों के क्षेत्र में सरकार ने क्या महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं?
जवाब:
आज पंजाब, दिल्ली और राजस्थान सरीखे पड़ौसी प्रदेशों की तुलना में हरियाणा खेलों में काफी आगे निकल गया है और अब इन राज्यों के खिलाड़ी भी हरियाणा जैसी सुविधाओं की आवाज उठाने लगे हैं। इन राज्यों के बहुत से खिलाड़ी हरियाणा में ही आकर अपना हुनर निखार रहे हैं। क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से छोटे से राज्य हरियाणा के खिलाडिय़ों ने टोक्यो ओलम्पिक में देश को प्राप्त कुल पदकों में से आधे पदक जीत कर प्रदेश का नाम रोशन किया। वहीं हमारी सरकार ने भी खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हमारी सरकार ने स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता को अढ़ाई करोड़ रुपए बतौर पुरस्कार देने का फैसला किया। इसके अलावा पदक विजेताओं को प्लाट और सरकारी नौकरी भी जाती है। यह पूरे देश में एक मिसाल है। हमारी सरकार अब तक के कार्यकाल के दौरान 12 हजार पदक विजेता खिलाडिय़ों को 366 करोड़ रुपए का ईनाम दे चुकी है जो पूरे देश में सर्वाधिक है। खिलाडिय़ों की प्रतिभा निखारने के लिए अर्जुन, द्रोणाचार्य व ध्यानचंद पुरस्कार विजेता कोच को 20 हजार रुपए का मासिक मानदेय सरकार ने शुरू किया। तेनजिंग नोर्गे अवार्ड विजेताओं को 20 हजार रुपए व भीम पुरस्कार विजेताओं को 5 हजार रुपए का मासिक मानदेय सरकार की ओर से दिया जा रहा है। पर्वतारोहियों को 5 लाख रुपए का नगद पुरस्कार और ग्रेड सी खेल श्रेणी प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय की स्थापना की पहल हरियाणा के सोनीपत के राई में की गई है। नई खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए स्कूलों में 297 खेल नर्सरियां स्थापित की गई हैं। प्रदेश में खेलों का बढ़ता आधारभूत ढांचे का ही नतीजा है कि हरियाणा को पहली बार खेलो इंडिया की मेजबानी मिली है।

सवाल: स्वास्थ्य की दिशा में आपकी सरकार ने क्या खास काम किए हैं?
जवाब:
देखिए, स्वास्थ्य के लिहाज से हमारी सरकार ने पिछली सरकारों की तुलना में कहीं अधिक बेहतर काम किया है। जहां स्वास्थ्य का बजट बढ़ाया गया है तो वहीं हर हरियाणावासी को सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का सीधा लाभ देने का भी प्रयास किया है। हमारी सरकार द्वारा भिवानी में 535 करोड़, जींद के हेबतपुर में 663 करोड़, महेंद्रगढ़ के कोरियावास में 598 करोड़ से मैडीकल कालेज बनाए जा रहे हैं। सिरसा, यमुनानगर और कैथल में भी मैडीकल कालेज बनाए जाने हैं। प्रदेश के 18 अस्पतालों में सीटी स्कैन एवं 5 अस्पतालों में एम.आर.आई. की सुविधा उपलब्ध है। आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक 366 करोड़ 95 लाख रुपए से 2 लाख 99 हजार 257 लोगों का इलाज किया गया है। इस योजना के अंतर्गत 26 लाख गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं जबकि अम्बाला, रेवाड़ी और पानीपत के अस्पतालों की क्षमता 100 बैड से 200 की गई है। सरकार की ओर से 6 अस्पताल, एक सामुदायिक केंद्र, 9 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 11 उपस्वास्थ्य केंद्र अपग्रेड किए गए हैं। वहीं मार्च 2020 में कोरोना की पहली लहर और पिछले वर्ष आई दूसरी लहर में भी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया। कोरोना के संकटकाल में सरकार के सभी मंत्री व अधिकारी फील्ड में उतरे और इस वैश्विक महामारी से प्रदेश के लोगों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास हुए और यही वजह रही कि हरियाणा में बहुत जल्द इस पर काबू पाया जा सका। यही नहीं टीकाकरण अभियान को भी एक आंदोलन के रूप में लिया गया और इसी का ही परिणाम है कि अब तक 100 प्रतिशत लोगों को टीके की पहली डोज लग चुकी है जबकि 85 प्रतिशत लोग दूसरी डोज लगवा चुके हैं। इसी प्रकार 2 लाख 50 हजार से अधिक लोगों को बूस्टर डोज लगाई जा चुकी है।

सवाल: पर्यटन, पर्यावरण को लेकर हरियाणा काफी पिछड़ा है? सुधार के लिए क्या भावी योजनाएं हैं?
जवाब:
यह कहना गलत है कि हरियाणा पर्यटन और पर्यावरण के मामले में पिछड़ा हुआ है। हमारी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन सात वर्षों में  खूब काम किए हैं। इस दिशा में प्रदेश के इकलौते पहाड़ी क्षेत्र मोरनी हिल्स को एडवेंचर टूरिज्म का हब बनाने की पहल की गई। मोरनी में एडवेंचर स्पोर्टस गतिविधियों के अलावा पैराग्लाइडिंग शुरू की गई। माऊंटेन बाइकिंग व सर्किट रूट्स की शुरूआत भी की गई। इसके अलावा सरकार की ओर से कुरुक्षेत्र में हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाए जाने की एक अनूठी परम्परा शुरू की गई है।

प्रदेश के बदहाल हो गए पर्यटन परिसरों को सुधारने की दिशा में भी बहुत काम हुआ है। राखीगढ़ी में 6 एकड़ में संग्रहालय बनाया गया तो अम्बाला कैंट में 22 एकड़ में शहीदी स्मारक बनाया गया। सरस्वती विकास बोर्ड के गठन के अलावा पिंजौर में फिल्म सिटी बनाने की शुरूआत की गई। वहीं हरियाणा को पर्यावरण के लिहाज से भी आगे ले जाने के लिए हम संजीदा कदम उठा रहे हैं। इस कड़ी में हरियाणा के प्रत्येक शहर में ऑक्सीवन स्थापित किए जाएंगे। पंचकूला में घग्घर नदी के किनारे पर ऑक्सीवन लगाए जाएंगे। प्रदेश के 1126 गांवों का पौधे लगाने के लिए चयन किया गया है। प्रत्येक गांव के एक युवा को वृक्ष मित्र लगाया गया है। इस वित्त वर्ष में 25 लाख स्कूली विद्यार्थियों को पौधे दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

सवाल: नशा हमारे समाज को खोखला कर रहा है इसको लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
जवाब:
नशा निश्चित रूप से हमारे समाज के लिए एक गंभीर समस्या है। इस समस्या को लेकर हमारी सरकार बहुत संजीदा है।  यही वजह है कि सरकार ने पहल करते हुए पंचकूला में अंतरराष्ट्रीय ड्रग सचिवालय की स्थापना की है। स्पैशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। अब सरकार नशे पर अंकुश लगाने के लिए एक ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ेगी। इस दिशा में एक कमेटी का गठन किया गया है।

इस कमेटी की ओर से हरियाणा के गांव गांव में नशे के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा नशे को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो द्वारा एक विस्तृत स्टेट एक्शन प्लान बनाया गया है। समाज के हर आयु वर्ग के नागरिकों को नशा मुक्त हरियाणा के यज्ञ में सम्मिलित करने के लिए ग्राम, वार्ड, कलस्टर, सब-डिवीजन, जिला व राज्य मिशन टीमों का गठन किया है। शिक्षण संस्थानों को भी इस बुराई से बचाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम प्रारम्भ किया जा रहा है। इस संबंध में  10 सदस्यीय टीमों का गठन मार्च के अंत तक किया जाएगा। इसमें 5 स्थानीय प्रतिनिधि और 5 अधिकारी शामिल होंगे और हमें उम्मीद है कि हम हरियाणा के युवाओं को इस नशे की लत से बाहर लाकर समाज की मुख्यधारा में शामिल करते हुए उन्हें एक नई राह दिखाने में कामयाब होंगे। नशे की तस्करी रोकने के लिए भी पड़ोसी राज्यों से तालमेल स्थापित किया जा रहा है।

सवाल: सरकारी नौकरियों को लेकर सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं?
जवाब:
सरकारों में नौकरियों के नाम पर पैसे लेना, अपने ही हलके में नौकरियों की बंदरबांट करना एक परम्परा बन गई थी। हरियाणा की तस्वीर में कुछ ऐसे दाग-धब्बे भी हैं, जिन्हें हमारी सरकार ने पारदर्शिता एवं सुशासन के साबुन से साफ किया है।  हुनरमंद युवा निराश और मायूस था। वजह नौकरियों में सिफारिश, पैसा आम बात थी। भेदभाव और नौकरियों में नीलामी के इस सिस्टम को हमारी सरकार ने ही तोड़ा है। अब तक अपने कार्यकाल में हमारी सरकार 85 हजार से अधिक बेरोजगारों को रोजगार दे चुकी हैं।

पूर्ववर्ती सरकारों से यह आंकड़ा कहीं अधिक है। 1999 से लेकर 2004 तक चौटाला सरकार के कार्यकाल में महज 11800 बेरोजगारों को जबकि 2005 से 2015 तक करीब दस साल के कार्यकाल में हुड्डा सरकार में 62322 बेरोजगारों को रोजगार दिया गया। राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन की ओर से हाल में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार ही देश की बेरोजगारी दर 13.3 प्रतिशत की तुलना में हरियाणा की बेरोजगारी की दर मात्र 9.9 प्रतिशत है। यह बेरोजगारी दर पड़ोसी राज्यों दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पंजाब व अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है। इस संगठन के आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारी दर दिल्ली राज्य की 12 प्रतिशत, राजस्थान की 15.1 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश की 13.4 प्रतिशत तथा पंजाब की दर 10.8 प्रतिशत है। इसके अलावा हमारी सरकार ने निजी क्षेत्र में भी 75 प्रतिशत नौकरियां हरियाणा के युवाओं को देने का प्रावधान किया है।

सवाल: शिक्षा को लेकर आपकी सरकार की क्या उपलब्धि है और भविष्य में क्या योजनाएं हैं?
जवाब:
हमारी सरकार ने अब स्कूली शिक्षा से लेकर उच्चत्तर शिक्षा में बड़े बदलाव किए हैं। प्रदेश के नौनिहालों के लिए प्ले स्कूल खोलने की पहल की गई है। सात साल के दौरान सरकार ने रिकॉर्ड संख्या में स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालय खोले हैं। तकनीकी शिक्षा में अभूतपूर्व काम किया गया है। नई शिक्षा नीति का एक लक्ष्य वर्ष 2030 तक उच्चत्तर शिक्षा में लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात 50 प्रतिशत से अधिक करना है। इस दिशा में भी हरियाणा प्रदेश काफी आगे है।

हमारे यहां लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात 32 प्रतिशत है। मुझे विश्वास है कि हम 2030 से बहुत पहले ही 50 प्रतिशत के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। ऐसे सभी विद्यार्थी, जो इस वर्ष अपनी शिक्षा पूर्ण करने वाले हैं या जिन्होंने पिछले वर्ष अपनी शिक्षा पूर्ण कर ली थी, परंतु इस महामारी के कारण अपनी नौकरी अथवा व्यवसाय प्रारभ नहीं कर पाए है, उनके शिक्षा ऋण के तीन महीने के ब्याज का भुगतान सरकार द्वारा वहन करने का निर्णय लिया गया है। इससे लगभग 36 हजार विद्यार्थियों को 40 करोड़ रुपए का लाभ पहुंचेगा। प्रदेश में 15 नए सरकारी कॉलेज खोले गए। अब प्रदेश में महाविद्यालयों की संख्या बढ़कर 173 हो गई है।

पलवल जिला के होडल में 22 करोड़ रुपए की लागत से राजकीय महाविद्यालय का निर्माण किया गया। गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार में 16.56 करोड़ रुपए की लागत से टीचिंग ब्लॉक व कन्या छात्रावास का निर्माण किया गया। प्रदेश के युवाओं को प्रशिक्षण देकर नौकरी के लिए तैयार करने हेतु 'पहल योजना' के तहत एक बेहतर प्लेटफार्म दिया जा रहा है। इसके तहत उच्चत्तर शिक्षा विभाग ने निजी कंपनियों के सहयोग से 34 सरकारी कालेजों के विद्यार्थियों के लिए विशेष कार्यक्रम तैयार किया है। राज्य में नए 137 राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बनाए गए। तकनीकी शिक्षा को लेकर भी सरकार ने खूब काम किए हैं।


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Content Writer

Isha

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