हरियाणा में शहरी विकास को गति देने के लिए सरकार की नई पहल

punjabkesari.in Thursday, Aug 13, 2020 - 11:36 AM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : हरियाणा में अब शहरी विकास को रफ्तार देने, मास्टर प्लान के आधार पर शहरों की तस्वीर बदलने के साथ-साथ स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित मामले स्थानीय स्तर पर निपटाने को लेकर सरकार ने बड़ी पहलकदमी करते हुए प्रदेश के 11 जिलों में जिला नगर आयुक्त नियुक्त कर दिए हैं। सरकार की ओर से पिछले सप्ताह ही 22 जिलों को लेकर व्यवस्था करते हुए 20 जिला नगर आयुक्तों के पदों को हरी झंडी दी गई थी। अभी 11 जिलों के नगर आयुक्त नियुक्त कर दिए गए हैं जबकि 9 की सूची आनी शेष है।

चरखी दादरी को फिलहाल भिवानी जिला से संबद्ध रखा जाएगा जबकि फरीदाबाद में पहले से ही निगम आयुक्त नियुक्त है। खास बात यह है कि इन पदों पर आई.ए.एस. एवं एच.सी.एस. अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। ये अधिकारी संबंधित जिला में सभी नगरपरिषदों एवं नगरपालिकाओं के ओवरऑल इंचार्ज होंगे। सरकार का मानना है कि इन अधिकारियों की ओर से शहरों के समग्र विकास के लिए बनाई जाने वाली नीति से शहरों की तस्वीर बदलने की संभावना है और इसके साथ-साथ स्थानीय निकाय विभाग से संबंधित मामले स्थानीय स्तर पर निपटाने व विकास के लिए राशि जारी करने के अधिकार इन अधिकारियों के पास होने के कारण चंडीगढ़ मुख्यालय के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे। 

सरकार का मानना है कि अब जिला स्तर पर इन आयुक्तों की नियुक्ति होने के बाद धरातल पर सभी योजनाओं का क्रियान्वयन पहले से बेहतर हो सकेगा। गौरतलब है कि इससे पहले स्थानीय निकाय से संबंधित फाइलें डी.सी. के माध्यम से चंडीगढ़ मुख्यालय भेजी जाती थी लेकिन अब यह फाइलें बिना नगर आयुक्त अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत स्थानीय स्तर पर ही मंजूर कर सकेंगे जिससे विकास कार्य बाधित नहीं हो सकेंगे।

50 लाख तक के कार्यों को दे सकेंगे मंजूरी
जिला नगर आयुक्त सरकार की नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ अन्य विभागों के साथ समन्वय करेंगे। केंद्र की ओर से प्रायोजित योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ राज्य सरकार की योजनाओं, परियोजनाओं और नगर निकायों को सौंपी जाने वाली गतिविधियों का निरीक्षण करेंगे। संबंधित नगर पालिका के अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ मामलों व शिकायतों पर सीधा संज्ञान ले सकेंगे। जिला नगर आयुक्त मुख्य सतर्कता कार्यालय के प्रमुख होंगे और संबंधित जिला में उनके अधिकार क्षेत्र के तहत नगरपरिषद और नगर पालिकाओं से संबंधित सभी वित्तीय शक्तियों का प्रयोग करेंगे। नगर आयुक्त के पास प्रत्येक कार्य या परियोजना के लिए 50 लाख रुपए तक के विकास कार्य को मंजूरी देने और नगरपरिषद और नगरपरिषद और नगरपालिका के संबंध में 50 लाख रुपए तक की दर से मंजूरी देने का अधिकार होगा।

गुरुग्राम व फरीदाबाद में पहले से है व्यवस्था
हरियाणा में अर्बन लॉकल बॉडीज की व्यवस्था बहुत पुरानी है। साल 1803 में ब्रिटिश शासन में यह व्यवस्था लागू की गई और इसके बाद से अब तक इसमें करीब 75 से अधिक संशोधन चुके हैं। हरियाणा में करीब पांच दर्जन नगरपालिकाएं, 12 नगरपरिषद एवं 10 नगर निगम हैं। गुरुग्राम व फरीदाबाद में काफी समय से नगर निगम हैं और यहां पर निगम आयुक्त एवं सहायक आयुक्त की नियुक्ति की व्यवस्था काफी समय से चली आ रही है। गुरुग्राम व फरीदाबाद के अलावा कुछ वर्ष पहले सोनीपत, पंचकूला, रोहतक, करनाल, हिसार, यमुनानगर, पानीपत व अम्बाला को भी नगरपरिषद से नगर निगम बना दिया गया था। 
 


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Edited By

Manisha rana

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