जिद्द छोड़कर कृषि कानून रद्द करे सरकार : अशोक अरोड़ा

punjabkesari.in Sunday, Dec 06, 2020 - 09:20 AM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर जिद्दी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि लोकतंत्र में जनमानस की भावनाओं के अनुरूप ही फैसला लेना चाहिए। इन तीन काले कानूनों को लेकर किसान आज सड़कों पर हैं। सरकार अपना जिद्दी रवैया छोड़ नहीं रही है। आंकड़े व तथ्य रखते हुए अशोक अरोड़ा ने कहा कि इन तीन कानूनों के आने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी समाप्त हो जाएगी। किसान कंगाल हो जाएगा।

किसान अपनी जमीन से खुद ही वंचित हो जाएगा। इस तरह के कानून आने के बाद चंद पूंजीपति हावी हो जाएंगे। अरोड़ा ने कहा कि आढ़ती, किसान व मजदूरों का रिश्ता मजबूत व भरोसे वाला रहा है। सरकार इस रिश्ते को तोडऩे का काम कर रही है। पूर्व मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी कृषि बिलों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।

अरोड़ा ने तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि हरियाणा में 4 लाख हैक्टेयर में सब्जियों की काश्त की जाती है। पंजाब देश का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है। अरोड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जो तीनों कानून पास किए गए हैं, उनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर संशय है और यही वजह है कि समर्थन मूल्य पर फसल बेचने वाले पंजाब-हरियाणा के किसान आंदोलन कर रहे हैं। अरोड़ा ने कहा कि किसानों का मानना है कि नए कानूनों के बाद कृषि घाटे का सौदा बन जाएगी। कुछ बड़े व्यापारी हावी हो जाएंगे। एक-दो साल में अनाज मंडी सिस्टम बिखर जाएगा। 


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Manisha rana

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