अंतिम संस्कार में बड़ी लापरवाही: कोरोना पीड़िता की चिता में ही जला दिया दूसरे मृतक का शव

punjabkesari.in Wednesday, Oct 07, 2020 - 11:50 AM (IST)

गोहाना : मंगलवार को इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने प्रशासन के स्तर पर होने वाले कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार को कटघरे में खड़ा कर दिया। नगर परिषद के कर्मचारियों ने बस स्टैंड के निकट स्थित श्मशानघाट में कोरोना से मृतका की चिता में ही दूसरे कोरोना मृतक का शव जला दिया। जय देवी वर्मा पत्नी स्व. हरदयाल वर्मा का रविवार को गांव खानपुर कलां स्थित बी.पी.एस. राजकीय महिला मैडिकल के कोविड अस्पताल में कोरोना संक्रमण  के चलते स्वर्गवास हो गया। इसी दिन इस बुजुर्ग महिला का शहर में बस स्टैंड के समीप के श्मशानघाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिजनों की उपस्थिति में वह अंतिम संस्कार प्रशासन की तरफ से नगर परिषद के कर्मचारियों ने किया। 

मंगलवार को जय देवी शर्मा के चौथे की रस्म थी। उनके दोनों बेटे शांति स्वरुप वर्मा औऱ हरीश वर्मा अपने चचेरे भाई राज कुमार वर्मा और सुभाष वर्मा सहित प्रमुख परिजनों के साथ फूल चुनने के लिए श्मशानघाट में पहुंचे तो यह देख कर चौंक उठे कि उनकी मां की चिता पर ही एक औऱ शव का अंतिम संस्कार कर रखा था। उन्होंने श्मशानघाट के प्रभारी को कुंड के पास बुलाया।

प्रभारी अचारज भी है जिसने बताया कि सोमवार को सिरसाढ़ गांव के एक ग्रामीण की भी महिला मैडिकल कॉलेज में कोरोना से मौत हो गई थी। नगर परिषद के कर्मचारियों ने उसी ग्रामीण के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार इसी कुंड में ही कर दिया जबकि इस कुंड के नजदीक बने तीनों कुड़ खाली पड़े थे। मां के फूल कैस चूनें, इस धर्म संकट में फंसे उनके बेटों ने ऊपर की चिता के अवशेष एक साइड में कर नीचे से अपनी मां के फूल निकाल लिए।

इस संबंधी जानकारी मिलने पर नगर परिषद के आला अधिकारी भी सन्न रह गए। ई.ओ. राजेश वर्मा ने मामले की जांच के लिए सैनेटरी इंस्पैक्टर दुर्गा देवी को नियुक्त किया। ई.ओ. वर्मा ने शमशानघाट के प्रभारी और अचारज को भी नगर परिषद कार्यालय में बुलाया तथा उससे पूछताच की। वर्मा ने कहा कि इस गंभीर मामले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।  


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Manisha rana

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