किसान नेता कहलाने वाले दुष्यंत चौटाला ने तानाशाही हुक्मनामा जारी कैसे होने दिया: चढूनी

punjabkesari.in Monday, May 11, 2020 - 05:01 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सरकारी आदेशों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मनोहर-दुष्यंत सरकार ने नया तानाशाही हुक्मनामा जारी कर दिया है, जिसमें 19 ब्लॉक की 50 प्रतिशत से अधिक भूमि पर धान बोने पर बैन लगाया है। इसी पत्र में यह आदेश न मानने वाले किसानों को धान की एमएसपी न मिलने की बात कही गई है। गुरनाम सिंह ने चिन्ता जाहिर की है कि अपने आप को किसान नेता कहलवाने वाले उप मुख्यमंत्री दुष्यत चौटाला ने किसानों के खेतों की सिचाई की कोई भी योजना बनाए बिना सरकार के इस फैसले को कैसे जारी होने दिया। 

उन्होंने बताया कि सरकार ने  "मेरा जल  मेरी विरासत"  स्कीम के नाम से जारी किए गए तानाशाही फरमान की शर्तें इस प्रकार से हैं। प्रदेश के 19 ब्लॉक्स में किसान धान की खेती नहीं कर सकता। इनमें से 8 ब्लाक चिन्हित हैं - पीपली, शाहबाद, बबैन, इस्माईलाबाद (जिला कुरुक्षेत्र), रतिया (जिला फतेहाबाद) व सिरसा सीवन व गुहला (जिला कैथल)। कुल चिन्हित की गई भूमि 1,79,951 हेक्टेयर या 4,44,667 एकड़ है, जिसमें से 50 प्रतिशत पर यानि 2,22,334 एकड़ पर धान की खेती पर रोक लगा दी गई है। उपरोक्त 19 ब्लॉक्स में अगर किसान ने 50 प्रतिशत से अधिक भूमि में धान की खेती की, तो किसान को सरकार की सब तरह की सब्सिडी से इंकार होगा व किसान का धान भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाएगा।

वहीं प्र्रदेश के 26 ब्लॉक में पंचायती भूमि पर धान की खेती पर रोक लगा दी गई है। इसमें से 18 ब्लॉक सरकार द्वारा जारी आदेश में चिन्हित कर दिए गए हैं- असंध (जिला करनाल), पुंडरी, सीवन, गुहला (जिला कैथल), नरवाना (जिला जींद), थानेसर, बबैन, शाहबाद, पेहवा, पीपली, इस्माईलाबाद (जिला कुरुक्षेत्र), अंबाला-1, साहा (जिला अंबाला), रादौर (जिला यमुनानगर), गन्नौर (जिला सोनपत), रतिया, फतेहाबाद (जिला फतेहाबाद), सिरसा ।

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी सरकार ने धान की फसल की जगह मक्का पैदा करने के लिए ‘जल ही जीवन’ स्कीम 7 ब्लॉक चिन्हित कर शुरू की थी। इन इलाकों में धान की जगह मक्का की खेती करने के लिए 2000 रु. प्रति एकड़ नकद, 766 रु. प्रति एकड़ बीमा प्रीमियम व हाईब्रिड सीड देने का वादा किया था व 50,000 हेक्टेयर यानि 1,37,000 एकड़ में धान की बजाए मक्का की खेती होनी थी। परंतु न तो किसान को मुआवजा मिला, न बीमा हुआ, हाईब्रिड सीड फेल हो गया अब सरकार ने ‘जल ही जीवन’ स्कीम में चिन्हित 7 ब्लॉक छोड़कर तथा नाम बदलकर ‘मेरा पानी, मेरी विरासत’ के नाम से एक नई स्कीम 19 नए ब्लॉक में चालू कर दी। 

चढूनी ने कहा कि गलत तरीके से जबरदस्ती कोई भी हुक्मनामा बर्दाश्त नहीं होगा। भूजल का संरक्षण आवश्यक है परंतु सरकार का अपनी गलतियों को किसानों के ऊपर थोपना किसी भी सूरत में मंजूर नहीं किया जा सकता। ‘दादूपुर नलवी रिचार्ज नहर परियोजना’ पूरे उत्तरी हरियाणा के किसान जीवन रेखा थी, जोकि खट्टर सरकार ने 400 करोड़ से अधिक लागत से बनी दादूपुर नलवी रिचार्ज नहर परियोजना को बंद कर दिया। 

दूसरी ओर गिरते भूजल की दुहाई दे कर किसान को मारने का काम भाजपा-जजपा सरकार कर रही है। सरकार का यह फैसला जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। उन्होंने कहा कि सरकार के इन आदेशों को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। जल्दी ही भारतीय किसान यूनियन हरियाणा इस नए तानाशाही आदेशों पर किसानों की मीटिंग बुलाकर कठोर फैसले लेगी।


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Shivam

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