मानवाधिकार हनन मामलों में गुरुग्राम टॉप पर, पुलिस के खिलाफ मिली सबसे ज्यादा शिकायतें

punjabkesari.in Wednesday, Dec 23, 2020 - 09:48 AM (IST)

चंडीगढ़ : प्रदेश के विभिन्न जिलों से हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग को एक साल के दौरान 2509 शिकायतें मिलीं। 1 अप्रैल, 2019 से लेकर मार्च, 2020 तक मिली मानवाधिकार हनन की इन शिकायतों में से 2028 शिकायतों पर आयोग ने सुनवाई के बाद समाधान कर दिया, जबकि 481 शिकायतों पर कार्रवाई चल रही है। आयोग के आंकड़ों की मानें तो मानवाधिकार हनन की सर्वाधिक शिकायतें गुरुग्राम जिले से मिलीं। यहां से मानवाधिकार हनन की 254 शिकायतें आयोग को मिली, मानवाधिकार हनन के मामले में गुरुग्राम पहले नंबर पर रहा। दूसरे स्थान पर पानीपत रहा। इस जिले से 233 शिकायतें मिलीं। 

तीसरे स्थान पर फरीदाबाद से 219 शिकायतें मिलीं। हिसार 152 शिकायतों के साथ चौथे स्थान पर रहा, पांचवे नंबर पर सोनीपत रहा, यहां से 133 शिकायतें मिलीं, उसके बाद करनाल से 130, रेवाड़ी से 105, जींद से 104, सिरसा से 104, रोहतक से 103, अम्बाला से 102, महेंद्रगढ़ से 91, पंचकूला से 90, कैथल से 89, पलवल से 75, कुरुक्षेत्र से 69, यमुनानगर से 68, मेवात से 66, झज्जर से 62, भिवानी से 44, फतेहाबाद से 38, चरखी दादरी से 10 शिकायतें आयोग के पास पहुंची। 

पुलिस के खिलाफ मिली सबसे ज्यादा शिकायतें
मानवाधिकार आयोग से मिले आंकड़े कहते हैं कि मानवाधिकार हनन की सबसे ज्यादा शिकायतें पुलिस के खिलाफ मिलती हैं। पिछले एक साल के दौरान आयोग कार्यालय में पुलिस के खिलाफ 1300 शिकायतें मिलीं। अलग-अलग किस्म के मामलों में मानवाधिकार हनन की 732 शिकायतें थीं। नौकरी से जुड़े मामलों में 120, महिलाओं से संबंधित मामलों में 118, प्रदूषण से संबंधित 27, धार्मिक हिंसा से संबंधित 27, जेल से संबंधित 79, स्वास्थ्य से संबंधित 61, बच्चों से संबंधित 23, मजदूरों की 10, न्यायपालिका से 2, अनुसूचित जाति व जनजाति से संबंधित 8, डिफैंस की 1, मिलिट्री से संबंधित 1 मामले में आयोग को शिकायत मिली। 

मानवाधिकार के प्रति लोगों में बढ़ गई है जागरूकता
हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य दीप भाटिया का कहना है कि सर्वाधिक शिकायतें मिलने की मुख्य वजह यह है कि आयोग का एक कार्यालय गुरुग्राम में भी चलता है और वहां नियमित तौर पर मानवाधिकार हनन की शिकायतें सुनी भी जाती हैं। भाटिया ने कहा कि पुलिस के खिलाफ इस वजह से आयोग में ज्यादा मामले पहुंचते हैं, क्योंकि सिर्फ पुलिस के पास किसी को गिरफ्तार करने की क्षमता होती है और कैदियों का पुलिस रिमांड में फिजिकल टच भी पुलिस विभाग में ही संभव होता है। दूसरे विभागों में अगर किसी किस्म की समस्या होती है तो लोगों के पास शिकायत करने के कई विकल्प भी मौजूद होते हैं हालांकि पुलिस के अलावा अन्य विभागों के खिलाफ भी आयोग के पास शिकायतें पहुंचती हैं। स्कूल में पढऩे वाले बच्चे तक अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रहे हैं और अपनी समस्या को लेकर आयोग में बाकायदा ई-मेल भेजकर मदद भी मांग रहे हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Manisha rana

Recommended News

Related News

static