विज से मिलने पहुंचे विस अध्यक्ष, बोले- सदन में उनकी उपस्थिति विपक्ष की हवाइयां उड़ाने के लिए काफी

punjabkesari.in Monday, Aug 23, 2021 - 02:26 PM (IST)

चंडीगढ़( चन्द्र शेखर धरणी):  हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता , हरियाणा सरकार के कई मंत्री कई सीनियर आईपीएस आईएएस अधिकारी लगातार उनका कुशलक्षेम पूछने के लिए पीजीआई पहुंच रहे हैं।  विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने अनिल विज के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की मंगल कामना की। ज्ञान चंद गुप्ता ने एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि अनिल विज 6 बार विधायक बने हैं उनका लंबा अनुभव है। अनिल विज के स्वास्थ्य कारणों से विधानसभा से अनुपस्थिति के कारण सदन में जो गेम  का माहौल देखने को मिलता है वह नहीं नजर आ रहा है। 

उन्होंने कहा कि अनिल विज उनके भाई दोस्त व हरियाणा सरकार के महत्वपूर्ण मंत्री हैं।   विज की सदन में उपस्थिति विपक्ष के सभी प्रमुख चेहरों की हवाइयां उड़ाने के लिए काफी है। ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि डॉक्टरों से मैंने बात की है डॉक्टरों ने उन्हें बताया है की अनिल विज के टेस्ट शुरू कर दिए गए हैं। प्रारंभिक रूप से डॉक्टरों ने यह जानकारी दी है कि जिस चीज का खतरा नजर आ रहा था वह नहीं है। विज जल्दी ही स्वस्थ होकर हम सब के मध्य में होंगे।   ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि सदन के अंदर सुनने काल शुरू करना एक नई परंपरा का निर्वहन है जो उन्होंने किया है। इस परंपरा से हर विधायक को अपनी बात कहने का पूरा समय मिलेगा। शून्यकाल के दौरान हर विधायक को 3- 3 मिनट का समय दोनों पक्षों की ओर बराबर दिया जाएगा ।जो विधायक अपनी जो भी अपनी जो बात या समस्या सदन पटल पर रखना चाहिए रख सकते हैं।

व्यवहार कुशल,बेबाक और सख्त अंदाज, स्टीक दिशा निर्देश और अनुशासन प्रिय अनिल विज दूरदर्शी सोच रखते हैं। उनकी सुदृढ़ कार्यशैली, फैसले लेने की शक्ति ने उन्हें दुनिया मे अलग पहचान दी है। प्रदेश के मंत्री अनिल विज जो अपने सख्त रवैया के लिए विख्यात हैं। लेकिन उनकी प्रसिद्धि केवल हवा-हवाई नहीं है। अनिल विज केवल अपने अधिकारियों और स्टाफ पर ही पूरी तरह से निर्भर नहीं रहते। वह अपना काम और अपने विभागों की कार्य शैली पर खुद नजर बनाए रखते हैं।  

कोरोना की पहली  वेव के आने पर ही उन्होंने मेडिकल कॉलेज और हेल्थ विभाग के डॉक्टरस की एक टीम का गठन कर दिया था। जिसका काम केवल कोरोना महामारी क्या है, क्या-क्या इंतजाम किए गए, कौन सी दवाइयां इस्तेमाल की गई, क्या ट्रीटमेंट इस्तेमाल किया गया और क्या-क्या कदम जैसे लाक डाउन, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग आदि की पालना की गई यह सारा डाटा नोट करना था। ताकि कभी भविष्य में 50-100-200 साल के बाद भी इस प्रकार का प्रकोप आए तो पिछला रिकॉर्ड उठाकर सभी जानकारियां हासिल की जा सके। ताकि जिन कठिनाइयों से आज देश-प्रदेश गुजर रहा है। भविष्य की पीढ़ी को इतनी दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। यानि यह वह मंत्री हैं जिन्हें केवल अपने 5 साल के कार्यकाल की चिंता नहीं बल्कि देश की अगली नस्लों की भी वह चिंता कर रहे हैं।

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Content Writer

Isha

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