हरियाणा विधानसभा सत्र: कांग्रेस के कई विधायकों ने सीएम मनोहर को बताया ईमानदार मुख्यमंत्री

punjabkesari.in Saturday, Dec 25, 2021 - 12:54 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के इतिहास में ऐसे मुख्यमंत्री बहुत कम हुए हैं जिनकी खुले मन से तारीफ विधानसभा सदन के अंदर विपक्ष के विधायकों ने भी की हो। हाल ही में संपन्न हुए शीतकालीन सत्र के अंदर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जमकर तारीफ कांग्रेस के विधायकों ने की। कांग्रेस के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ईमानदार मुख्यमंत्री भी बताया। हरियाणा विधानसभा का 17 दिसम्बर से आरंभ हुआ शीतकालीन सत्र इस बार कुछ खट्टी-मिठ्ठी यादों के साथ-साथ इस बात के लिए ऐतिहासिक पल का भी गवाह बना, जब सता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष व दो कार्यकाल के मुख्यमंत्री रहे विपक्ष के नेता ने भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ईमानदारी की सदन में सराहना की।

उल्लेखनीय है कि 26 अक्तूबर, 2014 को प्रदेश के सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री ने अपनी ईमानदार छवि का एहसास करवाना शुरू कर दिया था, जो आज भी निरंतर जारी है और इस सत्र में तो विपक्ष ने विधानसभा सदन में इस बात पर अपनी मोहर लगा दी। वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री को अनुभवहीन राजनेता बताने वाले विपक्ष से कुछ तेज-तर्रार व विधि स्नात्तक विधायक भी आज मुक्त कंठ से उनकी प्रशंसा कर रहे हैं।

विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा सहित पूर्व में नेता प्रतिपक्ष रहे दो सदस्यों द्वारा जब सदन में हरियाणा लोक सेवा आयोग के उप-सचिव एससीएस अधिकारी के रिश्वत कांड पर लाए गए स्थगन प्रस्ताव लाया गया तो विधानसभा की कार्यवाही देखने वाले प्रदेश की जनता के साथ-साथ मीडिया की भी निगाहें मुख्यमंत्री की जवाब की ओर टिकी हुई थी। यहां तक की कुछ राजनीति के जानकार तो यहां तक मानने लगे थे कि शायद एचपीएससी मामले पर सरकार घिर जाए और यह स्थगन प्रस्ताव पारित न हो जाए लेकिन एक मंझे हुए राजनेता की तरह मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में इसका बिंदूवार जवाब देकर विपक्ष को आश्चर्यचकित कर दिया।

इस मामले पर उन्होंने मजबूती के साथ एक-एक तथ्य को रखते हुए जांच कर रही एजेंसी हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो की कार्यप्रणाली के बारे में सदन को अवगत करवाया। हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने बुधवार को हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को घेरा।  मुख्यमंत्री ने सदन में भूपेंद्र हुड्डा द्वारा पढ़ी गई उस वाट्सएप चैट की जांच करवाने के लिए कॉपी की डिमांड की। इस पर नेता प्रतिपक्ष कोई जवाब नहीं दे पाए। मुख्यमंत्री ने अध्यक्ष के माध्यम से कहा कि इस चैट को सदन में पढ़ा गया है, इसकी जांच होनी चाहिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने शायराना अंदाज में भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि यदि कांच पर पारा चढ़ा दिया जाए तो दर्पण बन जाता है, अगर वही दर्पण दिखा दिया जाए तो पारा चढ़ जाता है। मुख्यमंत्री हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के सवालों का जवाब दे रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन करना सरकार का मुख्य लक्ष्य है। आम आदमी को आने वाली परेशानी को कैसे दूर किया जाए, इसको लेकर सरकार लगातार काम कर रही है। हमारे बहुत से कानून ऐसे हैं जो एक दूसरे को ओवरलैप करते हैं इसलिए हरियाणा लॉ कमीशन बनाया है। यह लॉ कमिशन इन कानूनों पर अध्ययन करेगा और आउटडेटेड कानूनों को डिलीट या मॉडिफाई किया जाएगा।

सत्र के दौरान स्थगन प्रस्ताव सहित विपक्ष द्वारा जब-जब कोई ज्वलंत मुद्दा सरकार को घेरने के लिए लाया गया, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सदन में एक-एक करके सभी मुद्दों का दृढ़ता से जवाब दिया, फिर चाहे वह कोयले की कमी के चलते बिजली का मामला हो, डी.ए.पी. या यूरिया की कमी का मामला हो या स्थगन प्रस्ताव पर अपना पक्ष रखने की बात हो। स्थगन प्रस्ताव पर तो कांग्रेस की श्रीमती किरण चौधरी ने 26 प्रश्न पूछकर सरकार को घेरने की भरपूर कोशिश की और यह दिखाने का  प्रयास किया कि विधानसभा में वे ही लोगों की हितों का ख्याल रखती हैं, परंतु मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में उनके सभी प्रश्नों का उत्तर देकर एक सुलझे हुए राजनेता का परिचय दिया।

हरियाणा लोक सेवा आयोग में उप-सचिव का पद सृजित करने के मामले को भी विपक्ष ने सत्र आरंभ होने से पहले मीडिया में इस बात को उठाया था कि सरकार ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए इस पद को सृजित किया है परंतु सदन के नेता होने के नाते मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं जब आयोग ने किसी आईएएस अधिकारी के सचिव रहते हुए उप-सचिव को कोई कार्यभार दिया हो। उन्होंने बताया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा 21.2.2014 को हरियाणा लोक सेवा आयोग ने उप-सचिव का पद सृजित किया गया था और उस समय एचसीएस अधिकारी  अमरजीत सिंह को उप-सचिव लगाया था। उसके बाद मनीष लोहान और प्रद्दुमन सिंह भी इस पद रहे।

सत्र में मुख्यमंत्री ने एचएसएससी के 28 पेपर्स लीक होने के आरोप को सिरे से नकारते हुए सदन को अवगत करवाया कि उनके कार्यकाल में केवल 4 पेपर लीक हुए हैं और विपक्ष का 28 पेपर्स लीक होने का आरोप तथ्यों से परे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि परीक्षा शुरू होने के बाद कोई पेपर आउट हो जाता है तो उसे पेपर लीक नहीं कहते हैं क्योंकि कई बार वहां कार्यरत कोई कर्मचारी उस पेपर की फोटो खीच कर उसे बाहर आउट कर देता है।

जब विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा द्वारा एचपीएससी मामले में आयोग के अधिकारी की मोबाइल पर हुई बात का विवरण सुनाया था और तब विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसकी प्रति मांगे जाने पर उन्होंने इसे देने में अपनी असमर्थता व्यक्त की तो इस पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अपने शायराना अंदाज में कहा कि, ‘यदि कांच पर पारा चढ़ा दिया जाए तो वह दर्पण कहलाता है, वही दर्पण दोष लगाने वाले को दिखा दिया जाए तो उसका पारा चढ़ जाता है।’

यह सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा कि सदन के नेता
मनोहर लाल ने एक नई शुरूआत करते हुए यह घोषणा की कि सत्र के अंतिम दिन शून्यकाल के दौरान विधायकों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों के उत्तर एक महीने के भीतर-भीतर सम्बंधित विधायकों को भिजवा दिए जाएंगे, जिसका सभी विधायकों ने सराहना की है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न विभागों के नियम व नियमावली के अप्रासंगिक पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए हरियाणा लॉ कमीशन द्वारा अध्ययन करवाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने नम्बरदारों का मानदेय 1500 रुपये से 3000 रुपये करने तथा स्मार्ट फोन के लिए 7000 रुपये उनको देने के निर्णय की जानकारी सदन को दी। जिन विधायकों ने सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाया था वे इस घोषणा पर मंद-मंद मुस्कराते हुए दिखाई दिए। सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से किये जा रहे व्यवस्था परिवर्तन की जानकारी सदन को देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि  विधायकों को पांच वर्ष में पांच करोड़ रुपये उनके अपने क्षेत्र में स्थानीय विकास करवाने के लिए दिए जाते हैं और जिन विधायकों की शेष राशि लम्बित है उन्हें यह 31 मार्च, 2022 तक पहुंचा दी जाएगी, जिस पर सदन में उपस्थित कई सदस्यों प्रसन्नता जाहिर की।

किसानों के केस होंगे वापिस
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अभी तक किसान आंदोलन के दौरान पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 276 केस दर्ज हुए हैं। इनमें से 4 केस अति गंभीर प्रकृति के हैं। 272 केस में से 178 केस में चार्जशीट तैयार की गई है। 158 केस अभी तक अनट्रेस हैं। 8 की कैंसिलेशन रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और चार केस की कैंसिलेशन रिपोर्ट फाइल कर दी गई है। 29 केस के रद्द करने की प्रक्रिया जारी है। किसानों को मुआवजा देने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी किसानों से बातचीत चल रही है। सीआईडी की रिपोर्ट के मुताबिक 46 किसानों का पोस्टमॉर्टम हुआ है। बातचीत में किसानों द्वारा 73 मृतक किसानों को हरियाणा का बताया है। अभी इस मामले में जांच जारी है। इसके बाद ही बातचीत करके मुआवजे के संबंध में फैसला लिया जाएगा।

विश्वविद्यालयों में नियुक्ति को लेकर कमेटी का गठन
 मुख्यमंत्री ने हरियाणा के विश्वविद्यालयों में अलग-अलग पदों पर नियुक्तियों के संबंध में फैसला लेने को लेकर एक 5 सदस्यीय कमेटी का गठन करने के लिए कहा है। इसमें राज्यपाल (चांसलर) का प्रतिनिधि, उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, तीन यूनिवर्सिटी के वीसी शामिल होंगे। इसके बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा। इसमें यूजीसी के निर्देशों की अनुपालना की जाएगी। विश्वविद्यालयों में पारदर्शी और योग्यता के आधार पर ही नियुक्ति होंगी। विश्वविद्यालयों की स्वायतता बरकरार रहेगी।

माइक्रो इरिगेशन को दिया जाएगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी की कठिनाई को देखते हुए और आने वाली पीढिय़ों के भविष्य को देखते हुए माइक्रो इरिगेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। किसानों की फसल कम नहीं होनी दी जाएगी। सरकार माइक्रो इरिगेशन और फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए 7 हजार रुपये प्रति एकड़ दर से किसानों को प्रोत्साहन राशि दे रही है। इस संबंध में सरकार आगे बढ़ रही है। सभी का सहयोग चाहिए।

सरकार आय बढ़ाने के लिए लगा रही अंत्योदय मेले
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार गरीबों की आय बढ़ाने के लिए लगातार अंत्योदय मेले लगा रही है। अभी तक 250 मेले लगाए जा चुके हैं। सरकार युवाओं को आगे बढऩे के लिए व्यवस्था बना रही है। सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। यदि इन मेलों में बजट से ज्यादा युवा सब्सिडी का लाभ लेने आते हैं तो उन्हें वर्तमान बजट से दिया जाएगा, यदि शेष रह जाते हैं तो उनके लिए अगले बजट में विशेष प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एससी में क्रीमीलेयर नहीं लाया जाएगा। क्रीमी लेयर को लेकर बीसी वर्ग के बारे में पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 6 लाख की आय वर्ग में बीसी आरक्षण से जुड़ी सभी नियुक्तियां पूरी हो जाती हैं। यदि फिर भी नियुक्तियां नहीं होती तो इस आय वर्ग को बढ़ा दिया जाएगा।

हरियाणा की स्कीमों की पीएम तक कर रहे तारीफ
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार जो योजनाएं लेकर आ रही हैं, केंद्र सरकार उन योजनाओं की न केवल तारीफ कर रही है बल्कि उन्हें देशभर में लागू करने का काम भी कर रही है। खुद प्रधानमंत्री हरियाणा की योजनाओं की भूरी-भूरी प्रशंसा कर चुके हैं।

महंगाई भत्ता 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 31 प्रतिशत किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते और पेंशनभोगियों एवं परिवारिक पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत की दर को एक जुलाई, 2021 से मूल वेतन एवं पेशन का 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 31 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा नए कर्मचारियों के लिए क्रियान्वित एनपीएस योजना का शेयर केंद्र सरकार की तर्ज पर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का निर्णय भी सरकार ने लिया है। जो कि 1 जनवरी 2022 से लागू किया जाएगा।

शून्यकाल के प्रश्नों का एक महीने के अंदर देंगे विधायकों को जवाब
मनोहर लाल ने कहा कि सदन में एक नई व्यवस्था शुरू करने जा रहे हैं। शन्यूकाल में विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब सरकार द्वारा 1 महीने के अंदर संबंधित विधायक को लिखित में दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के इस फैसले का पूरे सदन ने स्वागत किया।

पीएलपीए का मामला कोर्ट में विचाराधीन
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले जंगल होता था तो मिट्टी का कटाव होता था। तब पंजाब भू-सरक्षण अधिनियम (पीएलपीए) बनाया गया। इसके अंतर्गत प्रदेश का बहुत सा क्षेत्र आता है। पीएलपीए से जुड़ा मामला इस समय सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।


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Content Writer

Shivam

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