हरियाणा में 51 दिनों में जली 6,139 जगह पराली, कैथल नंबर वन

punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 11:35 AM (IST)

चंडीगढ़(गौड़): हरियाणा के खेतों में पराली जलने के मामले पिछले कुछ दिनों में कम तो जरूर हुए हैं लेकिन किसानों को समझाने में प्रदेश सरकार पूरी तरह से कामयाब नहीं हो पाई है। आलम यह है कि पिछले 51 दिनों में अभी तक 6,139 जगहों पर पराली जलाए जाने के मामले सामने आ चुके हैं। वहीं बात 2018 की जाए तो 17 नवम्बर तक यह आंकड़ा 7,500 तक पहुंच गया था। ये आंकड़े हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (एच.एस.पी.सी.बी.) की ओर से जारी किए गए हैं। प्रदेश के करनाल, फतेहाबाद, कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र, अम्बाला और सिरसा ऐसे जिले हैं जहां बोर्ड ने पराली जलाए जाने के सबसे अधिक मामले लोकेट किए। 

बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में पराली जलने के मामलों में कमी तो आई है लेकिन इन पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पाया है। यही वजह है कि बोर्ड द्वारा बार-बार सभी जिला उपायुक्तों को नियम तोडऩे वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने निर्देश भेजे जा रहे हैं। जिससे किसानों को पराली जलाने से पूरी तरह से रोक दिया जाए। अधिकारियों का कहना है कि पराली जलने से रोकने के लिए कार्रवाई में शामिल सभी संबंधित विभागों के बीच तालमेल और बेहतर किया जाएगा।

वायु प्रदूषण के स्तर में आई कमी
पराली जलने के मामले कम होने के साथ ही प्रदेश में वायु प्रदूषण का ग्राफ भी धीरे-धीरे गिरने लगा है। 17 नवम्बर को फतेहाबाद का एयर क्वालिटी इंडैक्स (ए.क्यू.आई.) 90 तक आ गया, जबकि कुछ दिन पहले यह आंकड़ा 450 के पार पहुंच चुका था। इसी तरह रविवार को फरीदाबाद का ए.क्यू.आई. 197, भिवानी का 173, गुरुग्राम का 136, जींद का 209, कुरुक्षेत्र का 93, रोहतक का 182 और हिसार का ए.क्यू.आई. 196 दर्ज किया गया।

 पराली जलाने में ये जिले सबसे आगे

कैथल 1187
फतेहाबाद   1139
करनाल  1098
कुरुक्षेत्र  720
जींद  533
अम्बाला  367
सिरसा 365

 

प्रदेश में पराली जलने के मामलों में अब कमी आ रही है। जिसकी वजह से वायु प्रदूषण का स्तर भी बेहतर हो चुका है। आने वाले दिनों में उन जिलों पर अधिक फोकस रखा जाएगा जहां पराली जलने के मामले बढ़े हैं। 
-एस. नारायणन, मैंबर सैक्रेटरी, एच.एस.पी.सी.बी.।


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vinod kumar

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