हरियाणा के मुख्यमंत्री का ऐलान-  प्रदेश में फिर से शुरू होगी राइस-सूट योजना

punjabkesari.in Tuesday, Jun 09, 2020 - 08:46 PM (IST)

चंडीगढ़/फतेहाबाद (धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फतेहाबाद के रतिया में "मेरा पानी-मेरी विरासत" योजना के अंतर्गत प्रगतिशील किसानों से सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि प्रदेश में राइस-सूट योजना फिर से शुरू की जाएगी, जिसके तहत बरसाती मौसम में 20 एकड़ के किसान को नहर से स्पेशल मोगा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आवेदन करने वाले सभी इच्छुक किसानों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री मनोहर मंगलवार को रतिया में किसानो के बीच पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि पिछले 12 साल में प्रदेश में भूमिगत जल स्तर दोगुनी गहराई पर जा चुका है जो बहुत गंभीर विषय है, यदि समय रहते इस स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया तो आने वाली पीढिय़ां हमें कभी माफ नहीं करेंगी। उन्होंने किसानों को बताया कि भूमिगत जलस्तर में सुधार के लिए ही प्रदेश सरकार ने "मेरा पानी-मेरी विरासत" योजना शुरू की है। इसके तहत धान के स्थान पर अन्य फसलें बोने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। 

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश में राइस-सूट योजना फिर से शुरू की जाएगी। इसके तहत बरसाती मौसम में 20 एकड़ के किसान को नहर से स्पेशल मोगा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आवेदन करने वाले सभी इच्छुक किसानों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा एसवाईएल नहर व हांसी-बुटाना नहर में पानी लाने के गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में लखवार डैम व रेणुका बांध परियोजना सहित अन्य माध्यमों से पानी लाने की योजना प्रगति पर है। लेकिन फिलहाल हमें अपने पास उपलब्ध पानी के उचित इस्तेमाल की ओर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि भूमिगत जलस्तर को बचाए रखने के लिए सरकार ने प्रदेश के उन क्षेत्रों में 1 लाख हेक्टेयर जमीन पर धान के स्थान पर मक्का, कपास, दलहनी फसलें, बाजरा व फल-सब्जी आदि की फसलें उगाने का लक्ष्य रखा है, जहां भूमिगत जल का इस्तेमाल करते हुए धान की फसल ली जाती है। अब तक प्रदेश में 42 हजार किसानों द्वारा 55 हजार हेक्टेयर जमीन पर धान न बोने के लिए अपना पंजीकरण करवाया है।


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Shivam

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