हरियाणा निर्वाचन आयोग ने दोनों नोटिफिकेशन में राष्ट्रीय दल एनपीपी का उल्लेख किया

punjabkesari.in Saturday, Dec 12, 2020 - 03:59 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): एक बार फिर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार द्वारा भेजे गए ईमेल प्रतिवेदन का तत्काल असर देखने को मिला है। हरियाणा निर्वाचन आयोग को अपने द्वारा बीते दिनों जारी दो नोटिफिकेशन में दस दिनों में दूसरी बार संशोधन करना पड़ा है। इस बार नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) का राष्ट्रीय दल के रूप में उल्लेख किया है। 

इस पार्टी के आरक्षित चुनाव चिन्ह किताब को फ्री सिम्बल्स सूची से हटा दिया है, उसके स्थान पर एयर-कंडीशनर के  चुनाव चिन्ह को नए फ्री सिंबल के तौर पर डाला है जो आगामी चुनावो में आजाद उम्मीदवारों को आबंटित किया जा सकता है।

एडवोकेट हेमंत, जिन्होंने इस मुद्दे पर बीते दिन 10 दिसंबर को ही राज्य निर्वाचन आयुक्त, डॉ. दिलीप सिंह एवं अन्य को ईमेल कर उक्त सुधार करने बारे में लिखा था, ने बताया कि हालांकि वह इस बात से संतुष्ट है कि आयोग ने समय रहते आवश्यक संशोधन कर दिया है, परंतु दस दिनों में यह दूसरी बार है जब उन्होंने पहले आयोग की नोटिफिकेशन में हरियाणा के मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल जजपा को शामिल न करने और अब देश के एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल एनपीपी को शामिल करने बारे आयोग को लिखना पड़ा।

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हरियाणा निर्वाचन आयोग, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (के) और 243 (जेड.ए.) के अंतर्गत स्थापित प्रदेश में सभी पंचायती राज संस्थाओ और शहरी स्थानीय निकायों के चुनावो के अधीक्षण, निर्देशन  एवं नियंत्रण हेतू संवैधानिक संस्था है, को भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा देश के कुल मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों और उनके लिए आरक्षित चुनाव-चिन्हों से सम्बन्धी ताजा जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए। 

लिखने योग्य है सर्वप्रथम बीती 27 नवंबर को हरियाणा निर्वाचन आयोग द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन में, जो प्रदेश के आगामी नगर निकाय चुनावों के संबंध में भावी उम्मीदवारों को आबंटित किए जाने वाले चुनाव-चिन्हों से सम्बंधित थी, उसमें हरियाणा की मौजूदा सत्तारूढ़ भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार में भागीदार जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का हरियाणा के मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय   दल बारे  उल्लेख तक नहीं था। 

केवल इनेलो पार्टी को ही इस श्रेणी में दर्शाया गया था। यही नहीं जेजेपी के लिए आरक्षित चाबी चुनाव-चिन्ह को भी नगर परिषद/नगर पालिका के अध्यक्ष का  प्रत्यक्ष चुनाव चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को आबंटित किए जाने वाले  फ्री सिंबल (खुले चुनाव चिन्ह) के रूप में शामिल किया गया था।

जब इस बारे में हेमंत ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को लिखा, तो उक्त नोटिफिकेशन में तत्काल सुधार कर लिया गया। हरियाणा के मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों की श्रेणी में इनेलो के बाद जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का नाम भी डाल दिया गया। यही नहीं जेजेपी के लिए आरक्षित चुनावी चिन्ह चाबी, जो पहले नगर परिषद/पालिकाओं के अध्यक्ष का प्रत्यक्ष चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को आबंटित किए जाने वाले फ्री सिम्बल्स (खुले चुनाव चिन्ह) की सूची में था। उसे वहां से हटा दिया गया है और उसके स्थान पर उस सूची में तलवार का नया चुनाव-चिन्ह डाल दिया गया।

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हालांकि इसके बावजूद उक्त नोटिफिकेशन्स में देश के मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों के रूप में भी केवल 7 राजनीतिक दलों का ही उल्लेख था, जबकि वास्तव में इनकी मौजूदा संख्या 8 है। उन्होंने बताया कि डेढ़ वर्ष जून, 2019 में भारतीय चुनाव आयोग ने नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी ) को भी राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता प्रदान की थी एवं बुक (किताब) का चुनाव चिन्ह उसके लिए पूरे देश में आरक्षित कर दिया था चूंकि उसे चार राज्यों-मणिपुर, मेघालय, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त हो गया। जिसके फलस्वरूप उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्रदान कर दिया गया।

इस सम्बन्ध में भारतीय चुनाव आयोग ने 25 सितम्बर 2019 को भारत सरकार के गजट में नोटिफिकेशन भी जारी कर दी थी। हेमंत ने बताया कि मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल और क्षेत्रीय दलों के लिए आरक्षित चुनाव चिन्हों को न तो  फ्री सिम्बल्स की सूची में शामिल किया जा सकता है और न ही किसी निर्दलीय या रजिस्टर्ड एवं गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टी को आबंटित किया जा सकता है। चाहे ऐसे दल चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारे अथवा नहीं।


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vinod kumar

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