राज्य के खाद्य प्रसंस्करण पारिस्थितिकी तंत्र को रुपातंरित करने के लिए हरियाणा सरकार का प्रोत्साहन

punjabkesari.in Friday, Jun 11, 2021 - 11:44 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा सरकार द्वारा अपनी महत्वाकांक्षी कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, 2018 के तहत विशेष रूप से बागवानी उत्पादों के लिए कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकेज, कोल्ड चेन अवसंरचना और खाद्य प्रसंस्करण एवं सामयिक पैकेजिंग सुविधाओं की स्थापना के लिए अनेक प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।

एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके मद्देनजर  राज्य सरकार ने गत दिवस सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए 90 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इसमें 5.5 करोड़ रुपये का सरकारी अनुदान शामिल है जो इस महत्वाकांक्षी नीति के तहत अत्याधुनिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए जारी किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार का लक्ष्य एक समग्र खाद्य प्रसंस्करण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना और राज्य में किसानों की आय में वृद्धि करना है। उन्होंने कहा कि इस पहल से न केवल फार्म स्तर पर मजबूत अवसंरचना का निर्माण होगा, बल्कि इससे डेयरी और बागवानी क्षेत्रों में तकनीकी रूप से उन्नत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां भी सृजित होंगी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के क्रियानवयन से प्रदेश के किसानों की आय में वृद्धि होगी और साथ ही अधिक से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

उन्होंने कहा कि ‘ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकेज योजना’ और ‘कृषि प्रसंस्करण इकाइयों का निर्माण एवं विस्तार योजना’ जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत स्वीकृत परियोजनाओं में चरखी दादरी में एक आधुनिक दूध प्रसंस्करण संयंत्र और राज्य में उत्पादित फलों एवं सब्जियों के लिए अपनी तरह का एक पहला एकीकृत पैक हाउस शामिल है, जो हरियाणा राज्य औद्योगिक आधारभूत अवसंरचना विकास निगम के सोनीपत में स्थित खाद्य पार्क में स्थापित किया जाएगा।

प्रवक्ता ने कहा कि उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इन परियोजना की स्वीकृति की सराहना करते कहा है कि ‘किसान और एमएसएमई राज्य के आर्थिक परिदृश्य का एक अभिन्न अंग हैं और उन्हें उचित समर्थन के साथ सक्षम बनाना राज्य सरकार का एक मुख्य लक्ष्य है। इन परियोजनाओं के परिणामस्वरूप राज्य के औद्योगिक एवं कृषि पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया जा सकेगा’।

उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री विजयेंद्र कुमार, जो राज्य स्तरीय खाद्य प्रसंस्करण समिति के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि यह राज्य की अपनी तरह की पहली नीति है जिसका उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देना और कृषि प्रसंस्करण मूल्य श्रृंखला में रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना है।

एमएसएमई के महानिदेशक विकास गुप्ता ने कहा कि इस नीति के तहत अब तक 195 करोड़ रुपये से अधिक की 15 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिसमें 28 करोड़ रुपये का सरकारी अनुदान घटक और 165 करोड़ रुपये से अधिक की निजी भागीदारी शामिल है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से राज्य के 8000 से अधिक किसानों को लाभ होगा और 2000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
 

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Content Writer

Shivam

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