हरियाणा: प्रति किले के हिसाब से रिकार्ड में दर्ज करने के लिए अधिसूचना की जारी

punjabkesari.in Thursday, Feb 18, 2021 - 04:41 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): राज्य सरकार को जमीनों से संबंधित अधिसूचनाओं को प्रति किले व खसरे न0 के हिसाब से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष व पूर्व चेयरमेन हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के अपने वकील रवि शर्मा के माध्यम से 1 फरवरी 2020 को मुख्य सचिव हरियाणा सरकार को लीगल नोटिस भेजा था जिसको लेकर अब ठीक एल साल के अंदर कार्यवाही करते हुए राज्य सरकार ने 15 जनवरी 2021 को हरियाणा रिकॉर्ड मेन्युल में संशोधन करते हुए जमीन सम्बंधित अधिसूचनाओं को प्रति किले व खसरा न के हिसाब से रिकार्ड में दर्ज करने के लिए अधिसूचना जारी कर प्रकाशित करदी है। इसके साथ ही अधिसूचना जारी करते हुए विभिन्न अधिकारियों की इस कार्य को पूरा करने के लिए जिम्मेवारियां भी स्पष्ट करदी है।विजय बंसल के वकील रवि शर्मा एडवोकेट का दावा है कि अब एंट्री मार्क होने से न्यायलय पर 25 प्रतिशत तक बोझ कम होगा।

राज्य सरकार द्वारा उनके लीगल नोटिस पर कार्यवाही करते हुए जनहित में लिए गए इस फैसले का विजय बंसल एडवोकेट ने स्वागत किया है।उन्होंने देर आए दुरस्त आए मुहावरे का उदाहरण देते हुए कहा कि भले देर से ही सही पर राज्य सरकार ने इस ओर कार्यवाही करके एक बेहतर काम किया है। विजय बंसल ने कानूनी नोटिस में कहा था कि हरियाणा सरकार के वन विभाग,टाउन व कंट्री प्लानिंग आदि विभागों द्वारा रोजमर्रा में एक व अनेको जमीन संबंधित अधिसूचनाएं ऑफिशयल गैजेट व अखबारों के माध्यम से जारी की जाती है परन्तु राजस्व रिकार्ड में प्रति किल्ला व खसरे नम्बर के हिसाब से दर्ज नही होती जिसके कारण जनता के साथ साथ न्यायलयों को अनेको समस्याओ का सामना करना पड़ता है।

विजय बंसल ने बताया कि राजस्व रिकार्ड में जमीनों से सम्बंधित अधिसूचनाओं की एंट्री न होने के कारण ही सूबे में अवैध निर्माण,अवैध अतिक्रमण,अवैध माइनिंग होती है।अवैध निर्माण हटाने के सम्बंध में 2018 में हिमाचल के सोलन में भी एक महिला सहायक टाउन प्लानर को एन्क्रोचर द्वारा गोली मारकर हत्या करदी गई थी। अवैध अतिक्रमण व गैर वन कार्यो के अनियंत्रण से शिवालिक व अरावली पहाड़ी क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है।साथ ही खासकर वन विभाग व टाउन-कंट्री प्लानिंग विभाग की अधिसूचनाओं की राजस्व रिकार्ड में एंट्री मार्क न होने के कारण वनरोपण,पर्यावरण व माननीय न्यायालय के आदेशों पर बिल्डिंग्स को तोड़ने पर निर्माण सामग्री के बर्बाद होने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

पहाड़ी इलाको में अनियंत्रित-अवैध निर्माण को माननीय सुप्रीम कोर्ट व राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल गंभीरता से ले रहा है।हरियाणा के शिवालिक व अरावली क्षेत्रो के प्रतिबंधित इलाको में अवैध निर्माण जड़े पकड़ रहा है जोकि अनियंत्रित हो चुका है जबकि शिवालिक क्षेत्र राज्य की राजधानी चंडीगढ़ के व अरावली क्षेत्र देश की राजधानी के साथ इलाका है।

 

 


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Content Writer

Isha

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