बेहतरीन खेल नीति की बदौलत हरियाणा के खिलाड़ी बने देश की शान: CM मनोहर लाल

punjabkesari.in Wednesday, Aug 18, 2021 - 01:50 PM (IST)

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंजाब केसरी से पानीपत के नीरज चोपड़ा ने देश के लिए मेडल ट्रैक एंड फील्ड में पहली बार भारत की ओर से गोल्ड मेडल आना बहुत बड़ी बात है। क्योंकि नीरज चोपड़ा की बेसिक ट्रेनिंग पंचकूला से शुरू हुई। इसलिए पंचकूला में  सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाए जाने  की घोषणा की।हरियाणा की खेल नीति कि बदौलत नीरज चौपड़ा ,रवि दहिया और बजरंग पुनिया जैसे खिलाड़ी हरियाणा की शान बने हैं | पंजाब केसरी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से एक्सक्ल्यूसिव बातचीत की | प्रस्तुत है इस बातचीत के प्रमुख अंश --


प्रश्न: ओलम्पिक खेलों में हरियाणा की पर्फॉर्मेंन्द्स पर क्या कहेंगे ?
उत्तर:
  देश की आबादी का महज 2 फीसदी होने के बावजूद ओलंपिक खेलों में करीब 25 फीसदी भागीदारी हरियाणा से है, जो गर्व की बात है। इतना ही नहीं, इस बार सात पदक विजेताओं में हरियाणा के खाते में चार यानि तीन व्यक्तिगत पदक और दो हॉकी में हैं।  प्रदेश के युवाओं से आग्रह करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी आगे अवश्य बढ़ें।इन विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। पूरे हरियाणावासियों को इस बात का गर्व है कि इस बार ओलंपिक में 127 खिलाड़ियों में से 30 हरियाणा के थे।ट्रैक और फील्ड खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाकर भारत को राष्ट्रगान का क्षण दिलाने के लिए नीरज चोपड़ा की प्रशंसा करते हुए उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर स्वर्णिम इतिहास रचा है। उनकी सफलता की कहानी वर्षों तक युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करती रहेगी।इसी प्रकार, पहलवान रवि दहिया और बजरंग पुनिया ने रजत और कांस्य जीतकर भारत का झंडा विदेशों में फहराया है। हरियाणा के दो खिलाड़ी सुरेंद्र कुमार और सुमित कुमार ने भी हॉकी में कांस्य पदक जीतकर राज्य और देश को गौरवान्वित किया है। 

प्रश्न: हरियाणा के खिलाडियों ने कमाल कर दिया ?
उत्तर: 
इन खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत के कारण ही भारत इस बार सात पदक जीतकर दुनिया में 48वें स्थान पर है। यह 121 वर्षों में शानदार प्रदर्शन रहा है।उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि देश और राज्य के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने वाले हरियाणा के इन बेटों और बेटियों ने कुल 7 में से 3 पदक जीते हैं। देश और राज्य ने पहले भी एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में हरियाणा के खिलाड़ियों की क्षमता और उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखा है।उन्होंने कहा कि  उन्हें गर्व है कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने पदक विजेताओं को अधिकतम नकद पुरस्कार दिया है। हरियाणा की खेल नीति की देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सराहना हो रही है। हरियाणा ने अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल कायम की है | 

          

प्रश्न -खिलाडियों को अच्छे मैदान मिलें क्या तैयारी हे ?
उत्तर -  
प्रदेश का सम्मान खिलाड़ियों ने देश में बहुत बढ़ाया है। हरियाणा के जो भी एथलेटिक्स के खिलाड़ी चाहे कबड्डी के हो, चाहे हॉकी के हो, बॉक्सिंग के हो, जहां जहां भी गेम के खिलाड़ी अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं, वहां के मैदानों पर काम किया जाएगा। चाहे नए मैदान बनाने की भी बात को बड़े स्तर पर काम किया जाएगा। हम प्रदेश में 800  खेल नर्सरिया बनाने जा रहे हैं। जिसमें हमारे छोटे यंगस्टर बच्चे जो नए-नए मैदान में आ रहे हैं, उन्हें खेल में जिस जिस चीज की जरूरत होगी, जिस प्रकार के मैदान की जरूरत होगी, वह जरूरतें पूरी की जाएंगी। सिल्वर मेडल जीत कर आने वाले रवि और ब्रोंज मेडल जीत कर आने वाले बजरंग पुनिया के गांव में भी इनडोर हॉल बनाए जाएंगे। हमारे लिए सभी नए और पुराने खिलाड़ी तुरुप का इक्का है। क्योंकि किसी बच्चे का आइडियल योगेश्वर दत्त है, किसी का बजरंग पुनिया, किसी का विजेंद्र सिंह, किसी का गगन नारंग, किसी का नीरज चोपड़ा भी हो सकता है और किसी बेटी की आइडियल रानी रामपाल, गीता फोगाट, बबिता फोगाट हो सकती है, अगर बच्चों के आइडियल उनके साथ मैदान में होंगे तो वह ज्यादा सीखने की कोशिश करेंगे।

    

प्रश्न -खिलाडियों की स्पोर्ट लगातार जारी रहे क्या प्रयास हैं ?
उत्तर -
-स्पोर्ट को कैसे आगे बढ़ाना है ? किस तरह से काम किए जाएं ? किस तरह से खिलाड़ियों के लिए बेहतर योजनाएं बनाई जाएं ? ताकि खिलाड़ी और अधिक मेडल जीत कर लाएं और नई बच्चे भी स्पोर्ट्स में अपनी रूचि दिखाएं। हमें नए बच्चों से भी मेडल लेने हैं। हम उस नीति पर काम कर रहे हैं। हमने डाइट मनी डेढ़ सौ से बढ़ाकर ढाई सौ की। ओलंपिक में जाने से पहले 5 लाख रुपए की राशि एडवांस डाइट मनी के लिए दी। क्योंकि कुछ चीजें कुछ खर्चे ना दिखने वाले होते हैं। जो खिलाड़ियों को हेल्प करते हैं। अच्छे सपोर्ट सेंटर, अच्छे कोच हो, अच्छी नर्सरी मिले, ट्रेनिंग अच्छी हो यह चीजें ना दिखने वाली हैं और कैश अवार्ड भी न दिखने वाले हैं। लेकिन इनसे खिलाड़ियों को बहुत अधिक मदद मिलती है। आउटस्टैंडिंग स्टोर स्पोर्ट्स पॉलिसी में ब्लाइंड खिलाड़ियों के लिए, स्पेशल खिलाड़ियों के लिए, पैरा ओलंपियन के लिए, कबड्डी सर्कल के लिए, नेशनल कबड्डी के लिए, क्रिकेट के लिए, नेशनल गेम्स के लिए हम सभी गेमों को आउटस्टैंडिंग पॉलिसी में लेकर आ रहे हैं। ताकि बच्चों को जॉब मिल सके और उनकी लाइफ सुरक्षित हो सके।

प्रश्न -खेलो इण्डिया की मेजबानी भी अब हरियाणा के पास है ? 
उत्तर -
इतिहास की बात करें तो पिछले एशियाई खेलों में पदक तालिका में हरियाणा का योगदान 33 प्रतिशत था, जबकि राष्ट्रमंडल पदक तालिका में 40 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि खेल के क्षेत्र में राज्य सरकार की क्षमता को देखते हुए इस बार हरियाणा पहली बार 'खेलो इंडिया' प्रतियोगिताओं की मेजबानी भी करेगा।उन्होंने कहा कि योग को बढ़ावा देने के लिए 1000 आयुष सहायक एवं 22 आयुष कोच के पद स्वीकृत किए हैं। साथ ही,  511 योग एवं व्यायामशालाएं शुरू की गई हैं।उन्होंने कहा कि पंचकूला, गुरूग्राम, जींद, भिवानी, सिरसा व यमुनानगर जिलों में आवासीय खेल अकादमियां खोली गई हैं।  इसके अलावा, भिवानी, कुरुक्षेत्र, हिसार, अम्बाला व रोहतक में 9 डे-बोर्डिंग खेल अकादमियां खोली गई हैं। 18 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों के लिए खेलो इंडिया अपनी प्रतिभा दिखाने का सबसे बड़ा मंच होगा। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को खेल संबंधी जानकारी देने के लिए खेलो हरियाणा एप लांच किया गया है।

          

प्रशन: स्पोर्टस सेंटर ऑफ एक्सिलेंस खोलने की क्या रणनीति है ? 
उत्तर -
इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए प्रदेश में खेलों में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण व सुविधाएं देने के लिए 5 स्पोर्टस सेंटर ऑफ एक्सिलेंस खोले जाएंगे। इनमें  प्रतिभावान खिलाड़ियों को मुफ्त कोचिंग प्रदान की जाएगी।  ये सेंटर बॉक्सिंग, हॉकी, निशानेबाजी, कुश्ती और एथलेटिक्स में खोले जाएंगे।उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने ओलम्पिक एवं पैरालम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई करते ही खिलाड़ी को तैयारी के लिए 5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि एडवांस देने का प्रावधान किया है।इसके अलावा, हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है जो खेलों में चौथे स्थान पर रहने वाले खिलाड़ियों को 50 लाख रुपये का नकद इनाम दे रहा है।

प्रश्न: खिलाडियों के लिए पुरस्कारों की योजना क्या है ?
उत्तर:
स्वर्ण पदक -6 करोड़ ,सिल्वर -चार करोड़ ,कांस्य पदक -अढ़ाई करोड़ ,प्र्तिभागि -15 लाख रूपये ,खेलों की तैयारियों के लिए -पांच लाख रूपये | हरियाणा उत्कृष्ट खिलाडी (ग्रुप ए ,बी ,सी )सेवा नियम 2021 कर खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक अलग काडर बनाया गया है | ग्रुप ए में उपनिदेशक के 50 पद ,ग्रुप बी सीनियर कोच के 100 पद ,ग्रुप बी कोच के 150 पद ,ग्रुप सी जूनियर कोच के 250 पद स्वीकृत हैं | 

 

 

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Content Writer

Isha

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