लव जेहाद से अंजान है हरियाणा पुलिस व राज्य महिला आयोग, 3 वर्षों में मात्र 4 मुकद्दमे हुए दर्ज

punjabkesari.in Wednesday, Mar 03, 2021 - 10:32 AM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): कथित लव जेहाद को बहुत बड़ी समस्या बताते हुए हरियाणा सरकार 5 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में सख्त कानून बनाने जा रही है। वहीं आरटीआई खुलासे अनुसार पिछले 3 वर्षों में प्रदेश के 6 जिलों में सिर्फ 4 मुकद्दमे दर्ज हुए। इनमें से दो केस पुलिस जांच में झूठे पाए गए, एक केस में आरोपी कोर्ट से बरी हुआ व चौथा केस कोर्ट में अभी लम्बित है। लव जेहाद की परिभाषा से भी पुलिस अधिकारी अंजान हैं। वहीं डीजीपी कार्यालय व राज्य महिला आयोग साढ़े तीन महीने में आरटीआई का जवाब तक नहीं दे पाए। पानीपत के आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरटीआई खुलासा करते हुए बताया कि भाजपा-जजपा सरकार जिस लव जेहाद पर सख्त कानून बनाने जा रही है उसका कोई जमीनी आधार ही नहीं है। लव जेहाद कोई समस्या नहीं है बल्कि समाज को बांटने व वोट बटोरने का आरएसएस-भाजपा का चुनावी हथकंडा है। 

कपूर ने बताया कि कथित लव जेहाद के हौव्वे की सच्चाई जानने के लिए उन्होंने नवम्बर 2020 में केन्द्रीय महिला आयोग, राज्य महिला आयोग, डीजीपी हरियाणा पुलिस व विभिन्न जिलों के पुलिस अधीक्षकों को आरटीआई लगाई थी। केन्द्रीय महिला आयोग ने अपने 11 दिसम्बर के जवाब में लव जेहाद बारे दर्ज केसों बारे बताया कि उनके इस मुद्दे पर कोई सूचना नहीं है। डीजीपी कार्यालय ने सूचना ना देकर आरटीआई आवेदन को एडीजीपी (लॉ एंड आर्डर) व क्राईम ब्रांच को ट्रांसफर कर पल्ला झाड़ लिया। राज्य महिला आयोग ने साढ़े तीन महीने बीत जाने पर भी कोई जवाब नहीं दिया।

लव जेहाद की परिभाषा बारे थाना प्रभारी पुन्हाना (मेवात) ने बताया कि कानून के अनुसार लव जेहाद कोई संवैधानिक भाषा नहीं है। वहीं डीएसपी (मुख्यालय) यमुनानगर व डीएसपी (मुख्यालय) हिसार व सहायक पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) फरीदाबाद ने बताया कि उन्हें नहीं मालूम कि लव जेहाद क्या बला है? इसकी परिभाषा बाजार में इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।

कथित लव जेहाद बारे मुकद्दमों की स्थिति
पिछले 3 वर्षों में जिला हिसार, फरीदाबाद, यमुनानगर में कथित लव जेहाद बारे कोई मुकद्दमा दर्ज नहीं हुआ। गत 12 दिसम्बर 2020 को थाना पुन्हाना (मेवात) में मुस्लिम लड़के द्वारा हिन्दू लड़की के अपहरण का दर्ज मुकद्दमा पुलिस जांच में झूठा पाए जाने पर रद्द कर दिया गया। इसी तरह 18/05/2018 को जिला अम्बाला पुलिस द्वारा दर्ज अपहरण के मुकद्दमे का आरोपी कोर्ट से बरी हो गया व 16/10/19 को दर्ज अपहरण का मुकद्दमा पुलिस जांच में झूठा पाया गया। समालखा (पानीपत) थाना पुलिस द्वारा 19/07/19 को दर्ज अपहरण का मुकद्दमा कोर्ट में अभी विचाराधीन है।

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Content Writer

Isha

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