हरियाणा के पंचायत चुनाव, हाई कोर्ट में अवकाश के बाद 17 अप्रैल के बाद करने का आदेश

punjabkesari.in Wednesday, Mar 30, 2022 - 10:37 AM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में पंचायत चुनाव के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।मंगलवार को हरियाणा के पंचायत चुनाव में आरक्षण के प्रविधान के खिलाफ दायर याचिकाओं पर हाई कोर्ट ने सुनवाई हाई कोर्ट में अवकाश के बाद 17 अप्रैल के बाद करने का आदेश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। इस मामले में हरियाणा सरकार ने एक अर्जी दायर कर चुनाव के लिए हाई कोर्ट से इजाजत मांग रखी है। हरियाणा सरकार ने दायर अर्जी में कहा है कि पिछले साल 23 फरवरी को ही पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो चुका है, इसलिए जल्द ही चुनाव कराए जाने चाहिए। पंचायती राज एक्ट के दूसरे संशोधन के कुछ प्रविधान को हाई कोर्ट में 13 याचिकाएं दायर कर चुनौती दी हुई है।

हरियाणा के पंचायत चुनाव में आरक्षण के प्राविधान के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं पर याची पक्ष की तरफ से जवाब दायर नहीं किया गया।हरियाणा के पंचायत चुनाव में आरक्षण के प्राविधान के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं पर याची पक्ष की तरफ से जवाब दायर नहीं  हरियाणा के पंचायत चुनाव में आरक्षण के प्राविधान के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं पर याची पक्ष की तरफ से जवाब दायर नहीं किया गया। कोर्ट ने याची पक्ष को कहा कि पहले वह इस मामले में अपना जवाब दायर करे, तब मामले की आगे सुनवाई होगी।


पहले कोरोना के कहर के चलते सरकार ने यह चुनाव नहीं करवाने का हाई कोर्ट को आश्वासन दिया था। अब हालात बेहतर हो चुके हैं, बावजूद इसके अभी सरकार ने चुनाव को लेकर कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं की है। याचिकाकर्ता ने राज्य के पंचायत विभाग द्वारा 15 अप्रैल को अधिसूचित हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) अधिनियम 2020 को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताते हुए रद किए जाने की हाई कोर्ट से मांग कर रखी है।हाई कोर्ट को बताया जा चुका है कि इस संशोधन के तहत की गई नोटिफिकेशन के तहत पंचायती राज में आठ प्रतिशत सीटें बीसी-ए वर्ग के लिए आरक्षित की गई है और यह तय किया गया है कि न्यूनतम सीटें दो से कम नहीं होनी चाहिए।

याचिकाकर्ता के अनुसार यह दोनों ही एक दूसरे के विपरीत हैं, क्योंकि हरियाणा में आठ प्रतिशत के अनुसार सिर्फ छह जिले हैं, जहां दो सीटें आरक्षण के लिए निकलती हैं। अन्यथा 18 जिलों में सिर्फ एक सीट आरक्षित की जानी है, जबकि सरकार ने 15 अप्रैल की नोटिफिकेशन के जरिए सभी जिलों में बीसी-ए वर्ग के लिए दो सीटें आरक्षित की हैं जो कानूनन गलत हैं।

 


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Content Writer

Isha

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