हरियाणा-यू.पी. सीमा विवाद: करनाल में 12 तो सोनीपत में मिले 8 पिलर, बाकी यमुना में बहे

punjabkesari.in Tuesday, Dec 03, 2019 - 11:59 AM (IST)

सोनीपत (दीक्षित): हरियाणा तथा उत्तर-प्रदेश राज्यों में यमुना क्षेत्र सीमा के अंतर्गत जारी विवाद को खत्म करने के लिए दोनों राज्यों के राजस्व अधिकारियों ने दीक्षित अवार्ड के तहत लगाए गए पिलरों की जांच की। इस दौरान करनाल में 12 तो सोनीपत में 8 पिलर पाए गए हैं, जबकि शेष पिलर खुर्द-बुर्द हो गए या फिर यमुना में बह गए। अब पैमाइश कर दोबारा से हर एकड़ के हिसाब से पिलर लगाए जाएंगे। हाल ही में दोनों राज्यों के अधिकारियों की बैठक हुई थी, ताकि जारी सीमा विवाद का स्थायी हल किया जा सके। 

हरियाणा सरकार के आदेशानुसार दीक्षित अवार्ड के तहत लगाए गए पिलरों की खोज की गई, लेकिन रिकॉर्ड अनुसार अधिकांश पिलर बह गए। सोनीपत में बेगा सीमा में 2 बाऊंड्री पिलर तथा 2 सब-पिलर पाए गए हैं। उत्तर प्रदेश की सीमा से लगते सोनीपत के गांव बेगा, पबनेरा, चंदोली, रसूलपुर तथा ग्यासपुर में पिलरों की खोज की गई थी। इसके अलावा मुरथल क्षेत्र में बडौली में एक व मच्छरौला में एक पिलर मिला है। साथ राई क्षेत्र में 2 पिलर मिले हैं। वहीं, करनाल के शेरगढ़ टापू पर 9 व जडौली में 3 पिलर पाए गए हैं। सोनीपत के एस.डी.एम. विजय सिंह ने बताया कि दोनों ओर के किसानों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए निरीक्षण व सर्वेक्षण किया जा रहा है।

44 साल पहले हुआ था दीक्षित अवार्ड का गठन यमुना के दोनों ओर पानी के घटते-बढ़ते स्तर के बीच किसानों में विवाद काफी पुराना रहा है। केंद्र सरकार ने तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री उमाशंकर दीक्षित को आॢबट्रेटर नियुक्त किया था। उन्होंने 14 फरवरी 1975 को इस संबंध में अपनी रिपोर्ट दी थी। इसमें सर्वे आफ  इंडिया द्वारा 1971-72 में यमुना बहाव की लाइन देखकर 1975 में किए सर्वे के आधार पर फैसला किया गया था। भारत सरकार के गृह विभाग ने 15 सितम्बर 1975 को यह अवार्ड जारी किया। इसके बाद दोनों राज्यों में जिला अनुसार जमीन का रिकॉर्ड एक दूसरे को सौंपा गया था।


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Isha

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