फर्जी एनओसी मामला: HC  ने अतिरिक्त मुख्य सचिव, शिक्षा निदेशक व भिवानी SDM से किया जवाब तलब

punjabkesari.in Wednesday, Oct 06, 2021 - 04:36 PM (IST)

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की शिकायत पर सुनवाई करते हुए फर्जी फायर एनओसी मामले में शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, सेकेंडरी शिक्षा निदेशक व भिवानी एसडीएम से जवाब तलब किया है। जबकि फर्जीवाड़े में सहयोगी बने भिवानी के जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के आदेश दिए हैं। 

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में 25 सितंबर को याचिका डाली थी। जिस पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, सीनियर सेकेंडरी निदेशालय के निदेशक व भिवानी के एसडीएम से इस मामले में जवाब तलब किया है, जबकि फर्जीवाड़े में सहयोगी रहे भिवानी के जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह को 28 जनवरी 2022 को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। 

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हाई कोर्ट की याचिका में बताया कि भिवानी जिले के गांव आसलवास मरहेटा के एक निजी स्कूल ने दमकल विभाग की फर्जी एनओसी के जरिए शिक्षा निदेशालय से मान्यता प्राप्त कर ली थी। जिसकी शिकायत उन्होंने उपायुक्त को की थी। दमकल विभाग से भी आरटीआई में जानकारी मांगी थी। जिसमें फायर एनओसी फर्जी होने का खुलासा हो गया था। जिला दमकल अधिकारी ने भी डीईओ को फर्जी एनओसी में सक्षम अधिकारी होने के नाते कार्रवाई की सिफारिश कर दी थी। मगर इस रिपोर्ट को भी डीईओ ने दबा दिया था। इसके बाद फर्जी एनओसी मामले में 19 नवंबर 2020 को हाई कोर्ट ने एफआईआर के आदेश दिए थे। जिसके उपरांत 17 दिसंबर 2020 को डीईओ अजीत सिंह सहित निजी स्कूल के पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था।


डीईओ के खिलाफ हाई कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज होने के उपरांत भी शिक्षा निदेशालय ने उसे निलंबित नहीं किया। इस पर बृजपाल सिंह परमार ने 13 सितंबर 2021 को हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व निदेशक और डीसी भिवानी को शिकायत भेजकर पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कराए जाने व भ्रष्टाचार मामले में आरोपी डीईओ को निलंबित किए जाने की मांग की। बृजपाल सिंह परमार ने एक ही समय में दो जगह सरकारी नौकरी का अनुचित लाभ लेने, फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने सहित कई गंभीर मामलों के तथ्य भी कोर्ट को उपलब्ध कराए। लेकिन इस पर भी निदेशालय ने उक्त अधिकारी पर कोई एक्शन नहीं लिया था। इसी मामले में बृजपाल परमार ने अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। 


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Content Writer

Isha

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