दिल्ली-NCR के मशहूर एंबियंस मॉल पर CBI कसेगी शिकंजा, हाईकोर्ट ने दिए FIR के आदेश

punjabkesari.in Sunday, Jul 12, 2020 - 01:32 AM (IST)

गुरुग्राम (मोहित): पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने शहर के सबसे बड़े और आलीशान एंबियंस मॉल के निर्माण में बरती गई अनियमितताओं की सीबीआई जांच करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने सीबीआई निदेशक को छह सप्ताह (42 दिन) में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करने को कहा है। साथ ही छह माह में जांच पूरी कर न्यायालय को सौंपने की बात कही है। तीन माह में बंद लिफाफे में स्टेटस रिपोर्ट देने के भी आदेश दिए गए हैं। न्यायालय ने यह आदेश डॉ. अमिताभ सेन की याचिका पर दिया है।

याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय को बताया कि गुरुग्राम-लीला होटल और एंबियंस मॉल हरियाणा एवं दिल्ली सीमा पर रजोकरी एयरफोर्स स्टेशन के साथ बना हुआ है। इसका काफी क्षेत्र रजोकरी आयुध डिपो के प्रतिबंधित दायरे में भी आता है। इसके बावजूद भी सरकारी तंत्र के साथ सांठगांठ कर एंबियंस मॉल का निर्माण किया गया। पूरा निर्माण करीब 65 एकड़ जमीन पर कमर्शियल व रिहायशी प्रोजेक्ट बनाए गए हैं। 20 फरवरी 1992 को एचएलएफ इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड ने करीब 19 एकड़ जमीन पर ग्रुप हाउसिंग और 4 एकड़ जमीन पर होटल के निर्माण का लाइसेंस का आवेदन किया।



इस बारे में जानकारी देते हुए आरटीआई कार्यकर्ता रविंद्र यादव ने बताया कि रजोकरी आयुध प्रतिबंधित क्षेत्र होने के बावजूद नियमों को ताक पर रखकर 1993 में ग्रुप हाउसिंग और होटल निर्माण के लिए लाइसेंस दे दिया गया। 2001 में इस कंपनी ने 106 एकड़ जमीन पर लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया तत्कालीन सरकार ने इस पर भी लाइसेंस दे दिया। इस जमीन पर बिल्डर को लाइसेंस देने के लिए जो सबसे बड़ी अनियमितता बरती गई, वह यह रही कि राष्ट्रीय राजमार्ग से कनेक्टिविटी नहीं होने के बाद भी लाइसेंस दिया गया। वहीं इसी आधार पर न्यायालय की तरफ से ये आदेश जारी किए गए कि ये अनियमिताएं जो बरती गईं इसकी जांच होनी चाहिए।

लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय कई तथ्यों को छुपाया गया। लाइसेंस के लिए 25 मीटर की सड़क होना जरूरी था, जबकि 18 मीटर के रास्ते पर ही लाइसेंस दे दिया गया। इस जमीन में काफी हिस्सा वन क्षेत्र भी था। वर्ष 1992 के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक इस जमीन पर कोई निर्माण नहीं हो सकता, जबकि वन मंत्रालय की बिना अनुमति के ही इस जमीन पर निर्माण कर दिया गया। वहीं अब एम्बियंस मॉल की इस आदेश के बाद परेशानियां बढ़ गई हैं। इसको लेकर कोर्ट ने सीबीआई को भी 3 महीने के अंदर स्टेटस रिपोर्ट देने के लिए कहा है और जांच को 6 महीने में पूरा करके कोर्ट को रिपोर्ट सौंपनी है।


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Shivam

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