सरकारी नियंत्रण से मुक्त हों हिंदू मंदिर और धार्मिक संस्थाएं: विहिप

punjabkesari.in Monday, Jul 19, 2021 - 09:23 AM (IST)

फरीदाबाद (महावीर गोयल): विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय प्रंयासी मंडल व प्रबंध समिति का स्पष्ट अभिमत है कि हिंदू मंदिर और धार्मिक संस्थाओं को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाना चाहिए।देश में मंदिर वर्षों से हिंदू समाज के लिए सामाजिक, धर्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहे हैं लेकिन, देशड्ड का यह दुर्भाग्य है ही मंदिर सरकारी नियंत्रण में है। इन्हें सरकारी तंत्र से मुक्त करवाने के लिए केंद्रीय कानून बनाने की सरकार से मांग की जाएगी। यह कहना है कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार का। 

उन्होंने रविवार को यह जानकारी मानव रचना शिक्षण संस्थान में आयोजित दो दिवसीय बैठक में दी। कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि विडंबना यह है कि देश में आज अनेकों ऐसे समृद्ध मंदिर सरकार के आधीन है। मंदिरों में आने वाला चंदा सरकार के पास जाता है। इस पैसे को अहिंदुत्व के कार्यों में खर्च कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हिंदू धार्मिक संस्थाओं पर ब्रिटिस काल से नियंत्रण चला आ रहा है। हिंदू मंदिर और धार्मिक संस्थानाओं पर नियंत्रण करने के लिए 1926 में मद्रास हिंदू रिलीजियस एंडोमेंट एक्ट बनाया गया था।

इस कानून के आधार पर ही ब्रिटिस सरकार ने उनका प्रबंधन अपने हाथ में लिया था। जबकि मंदिरोंको लेकर चिदम्बरम नटराज मंदिर मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि सरकारों को इन्हें अपने नियंत्रण से मुक्त कर देना चाहिए। इसलिए अब समय आ गया कि हिंदू मंदिरों और अन्य धार्मिक संस्थाओं का संचालन के सबंध में व्यापक विचार विमर्श किया जाए। मंदिर प्रबंधन के नए ढांचे में पारदर्शिता जानी चाहिए। उन्होंने कहा क िविहिप केंद्र सरकार से अपील करती है कि एक केंद्रीय कानून बनाकर हिंदू धार्मिक हिंदू मंदिरों और धार्मिक संस्थाओं को हिंदू समाज को सौंप दे।
 

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Content Writer

vinod kumar

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