HOD पर पेपर मार्किंग में गड़बड़ी का आरोप, 1 पेपर में 43 विद्यार्थियों की बनी थी UMC, अटका रिजल्ट

punjabkesari.in Saturday, Feb 05, 2022 - 09:59 AM (IST)

सोनीपत (ब्यूरो) : दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में है। यहां पर सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने विभाग के एच.ओ.डी. पर पेपर मार्किंग में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। विद्यार्थियों ने बनाई गई यू.एम.सी. को गलत बताते हुए किसी दूसरी यूनिवर्सिटी से पेपर मार्किंग की मांग की है।

इस बारे में विद्यार्थी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत को शिकायत देने के साथ ही 2 बार विश्वविद्यालय परिसर में धरना भी दे चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकल रहा है जिससे उनमें रोष है। विद्यार्थियों ने अब इस मामले की शिकायत गृह व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल विज को देने का मन बनाया है। इस नए विवाद के बीच विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम फिलहाल लटक गया है। विद्यार्थियों का आरोप है कि 5 छात्रों को पास कर दिया गया, जबकि 38 का रिजल्ट रोक लिया गया।

दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं तकनीकी वि.वि. में सिविल इंजीनियरिंग के चौथे वर्ष के विद्यार्थियों ने बताया कि उनके छठे समैस्टर की परीक्षाएं सितम्बर 2021 में हुई थी। पेपर मार्किंग के दौरान सिविल इंजीनियरिंग विभाग के एच.ओ.डी. डॉ. धीरेंद्र सिंघल ने छठे समैस्टर के आर.सी.डी.-2 विषय के पेपर में कक्षा के 43 विद्यार्थियों की यू.एम.सी. बना दी। नवम्बर माह में हमेें इसका पता लगा, जिसके बाद इस बारे में एच.ओ.डी. से मिले, लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। बाद में धरना प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति को भी शिकायत दी और पेपर मार्किंग दोबारा करवाने की मांग की।

29 नवम्बर को पेपर रद्द करने का मिला नोटिस
विद्यार्थियों का कहना है कि 11 नवम्बर को यू.एम.सी. की ऑनलाइन मीटिंग हुई थी, जिसमें हमें अपनी पूरी बात रखने का भी मौका नहीं दिया गया। हमें यह कहा गया कि आपने एच.ओ.डी. के नोट्स से रैफरैंस उठाए हैं, इसलिए इस प्रश्न के लिए यू.एम.सी. बना दी। 29 नवम्बर, 2021 को नोटिस मिला था कि पेपर रद्द कर दिया गया है। विद्यार्थियों का कहना है कि पेपर रद्द किए जाने का पता लगने के बाद 30 नवम्बर को उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया। कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत ने पेपर मार्किंग के लिए नई कमेटी बनाने और उसमें अपनी बात रखने का आश्वासन दिया था। साथ ही सभी विद्यार्थियों के सामने पेपर जांच करवाने का आश्वासन दिया था। 23 दिसम्बर को नोटिस जारी किया कि कोई नई कमेटी नहीं बनाएंगे, पुरानी कमेटी का निर्णय ही मान्य होगा।

कमेटी सदस्यों ने भी माना- नोट्स के रैफरैंस लेना गलत नहीं
विद्यार्थियों का कहना है कि उन्होंने जिन नोट्स से परीक्षा की तैयारी की है, उत्तर भी उसी के अनुसार लिखेंगे। ऐसे में केवल नोट्स के रैफरैंस उठाने को यू.एम.सी. का आधार बनाना गलत है। यू.एम.सी. जांच के लिए बनाई गई कमेटी के सदस्यों ने भी यह बात कही थी कि केवल नोट्स के रैफरैंस उठाने को यू.एम.सी. का आधार बनाना गलत है। वहीं एच.ओ.डी. इस बात को मानने को तैयार ही नहीं है।

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Content Writer

Manisha rana

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