लाला जगत नारायण को पत्रकारिता का स्तंभ बताते हुए विज ने कहा, आज उस महान शख्सियत जैसी निर्भीक पत्रकारिता की जरूरत

punjabkesari.in Sunday, Sep 18, 2022 - 08:45 PM (IST)

अंबाला/चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): मीडिया वेलबिंग एसोशिएशन हरियाणा के अंबाला में आयोजित हुए प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम एवं संगोष्ठी में प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने लाला जगत नारायण को देश की पत्रकारिता का स्तंभ बताते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान सरकार द्वारा लाइट काट देने के बावजूद जिस प्रकार से उन्होंने ट्रैक्टर से प्रेस चलाकर असलियत को आमजन तक पहुंचाया, वास्तव में यही सही मायने में एक पत्रकार का काम है। कार्यक्रम की अध्यक्षता दैनिक ट्रिब्यून के संपादक नरेश कौशल, विशिष्ठ अतिथि दैनिक उत्तम हिंदु के प्रधान संपादक इरिविन खन्ना, मुख्य वक्ता-प्रसार भारती के सलाहकार ज्ञानेन्द्र भरतरिया ने की। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर के पत्रकार शामिल हुए।

 

कार्यक्रम के मुख्य आयोजक एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर चंद्रशेखर धरणी ने इस कार्यक्रम के दौरान भविष्य में 3 अवार्ड शुरू करने की घोषणा की। जिसमें देश के महान पत्रकार अमर शहीद लाला जगत नारायण अवार्ड, पत्रकारिता रत्न अवार्ड शामिल है। कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के प्रमुख समाजसेवियों और अन्य क्षेत्रों में समाज हित में अद्भुत कार्य करने वाली शख्सियतों को भी सम्मानित किया गया। मीडिया वेलबींग एसोसिएशन द्वारा की गई इस पहल की प्रशंसा इस फील्ड के प्रबुद्ध और वरिष्ठ लोगों में चर्चा का विषय रही। कार्यक्रम में यूनियन द्वारा सदस्यों के लिए  करवाई गई दस-दस लाख रुपए की दुर्घटना मृत्यु बीमा योजना की इंड्यूजल बीमा पॉलिसी व बीमा कम्पनी की तरफ से जारी स्मार्ट कार्ड स्वयं कैबिनेट मंत्री अनिल विज द्वारा पत्रकारों को सुपुर्द की गई। संस्था द्वारा करवाए गए इस बीमे का कोई भी शुल्क किसी पत्रकार से नहीं लिया गया। अपने खर्चे पर संस्था द्वारा करवाए गए बीमा से पत्रकारों में काफी खुशी नजर आई। कार्यक्रम के दौरान एसोसिएशन ने  यह भी घोषणा की कि भविष्य में भी पत्रकारों के लिए बीमा निशुल्क बीमा करवाना जारी रखेगी। 

 

पत्रकारिता में गिरावट के लिए पत्रकार नहीं बल्कि बाजारवाद जिम्मेवार: नरेश कौशल

 

दैनिक ट्रिब्यून के संपादक नरेश कौशल ने मंच पर बोलते हुए पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि 2014 में अनिल विज के विजयी होने पर जब सारे जीते हुए विधायक सर्वोत्तम पद की दौड़ को लेकर दिल्ली दरबार में पहुंचे हुए थे तो अनिल विज के साथ वह भी उनके घर पर मौजूद थे। जब उन्होंने विज से दिल्ली ना जाने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि विज ने कभी किसी के आगे हाथ नहीं फैलाए। जिसके वह हकदार है वह उन्हें अवश्य मिलेगा। कौशल ने कहा कि जवानी से लेकर अब तक उन्हें लगातार देखता रहा हूं। आज भी प्रदेश के ताकतवर कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद छोटी सी चाय की दुकान पर छोटे-छोटे कांच के गिलास में चाय पीने और रोजाना हजारों की संख्या में लाइन लगाकर खड़ी भीड़ के एक-एक व्यक्ति की शिकायत को सुनकर मौके पर निदान की कोशिश करने से हमें जीने की शिक्षा मिलती है। जिस प्रकार से विज ने बड़े संघर्ष के बाद इस मुकाम को हासिल किया है, उसी प्रकार से देश समाज के लिए हर पत्रकार को अपने आपको  न्योछावर करना चाहिए। स्वतंत्रता संग्राम की आंधी ने पत्रकारिता को जहां बलवान और हष्ट पुष्ट बनाया, वही आज बाजारवाद की आंधी ने बहुत कुछ खोया है तहस नहस किया है। लेकिन पत्रकारिता निजी हाथों में होने के कारण पत्रकार को मालिकों और खबर के मालिकों के बीच जूझना पड़ता है। पत्रकारों पर बाजारवाद का आर्थिक दबाव रहता है। इसलिए पत्रकारों के सिद्धांतों और स्वाभिमान में काफी मुश्किलें आती हैं। इसलिए इस गिरावट के लिए पत्रकार नहीं बल्कि बाजारवाद जिम्मेवार है। उन्होंने अपने साथ घटी एक घटना का जिक्र भी किया जिसमें एक खबर लिखने  के कारण उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाए जाने पर खुद अखबार का एडिटर भी हाथ खड़े कर गया था। इस मौके पर उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर धरनी को सुनार की भट्टी में तपकर और हजारों मुश्किलों का सामना करने के बाद एक आदर्श बनने और आत्मसम्मान से जीवन जीने वाला शख्स बताया।

 

हजारो आंधी - तूफानों के बीच खड़े वटवृक्ष से सीख लेने की जरूरत: इरिविन खन्ना

 

विशिष्ठ अतिथि दैनिक उत्तम हिंदु के प्रधान संपादक इरिविन खन्ना ने पत्रकारों को वटवृक्ष की तरह मजबूत बनने और संघर्ष करने की बात कहते हुए कहा कि हजारों आंधियों - तूफानों के बीच वटवृक्ष मजबूती से संघर्ष करता है और अधिक मजबूत होकर अपने को विशाल बनाता है. वही गमले में लगा फूल का पौधा थोड़ी सी हवा में उखड़ जाता है। उन्होंने कहा कि पत्रकार बनने के लिए किसी ने जवाब नहीं दिया। समाज की बुराइयों से आहत होकर इस फील्ड को हमने खुद सुना है। इसलिए स्वार्थ की विचारधारा को एक तरफ रख कर हम फील्ड में आए हैं और हमने आत्मसम्मान का रास्ता चुनना है। भौतिक सुविधाओं के लिए अपने विचारों को कभी अनदेखा नहीं करना चाहिए।

 

हरियाणा- पंजाब- चंडीगढ़- हिमाचल के पत्रकारों के सामने खड़ी है एक बड़ी चुनौती : ज्ञानेन्द्र भरतरिया

 

मुख्य वक्ता-प्रसार भारती के सलाहकार ज्ञानेन्द्र भरतरिया ने मंच से प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री बारे कहा कि भाजपा के पिछले कार्यकाल के दौरान जिस प्रकार से विज ने अचानक रोहतक पीजीआई में पहुंचे रेड की और इनके इस अंदाज के कारण जिस प्रकार से आज पीजीआई में सुधार नजर आए हैं, इसी प्रकार से हमें भी चुनौतियों का सामना करना होगा। आज हरियाणा- पंजाब- चंडीगढ़- हिमाचल के पत्रकारों के सामने एक बड़ी चुनौती है। एक फौजी देश को बचाने के लिए अपना सब कुछ भूल कर लड़ाई लड़ता है, वही पत्रकार भी अपनी चुनौतियों और अस्तित्व की बिना परवाह किये रोजाना दर्जनों मुश्किलों का सामना करता है। एसोसिएशन के कार्यों और भविष्य की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि पत्रकारों की लड़ाई के लिए भी इस प्रकार के कदम उठाए जाने बेहद जरूरी बन गए हैं।

 

दिल की बात बोलता हूं, ज्यादा बेशक बोलता हूं, लेकिन इसी बात के लिए मशहूर भी हूं : विज

 

 इस मौके पर मंत्री अनिल विज ने कहा कि मैं ज्यादा बेशक बोल गया हूं। लेकिन मैं इसी बात के लिए मशहूर भी हूं जो दिल में होता है वही जुबान से बोलता हूं। अपनी जिंदगी में कभी किसी से कुछ नहीं मांगा। जब लोग टिकट के लिए जद्दोजहद में थे, तब मेरी जद्दोजहद टिकट मुझे ना दी जाए इसकी थी। मैं टिकट ना लेने के लिए संघर्ष कर रहा था।1970 और 71 से भाजपा से जुड़ा और विद्यार्थी परिषद के लिए काम किया। मुझे जबरदस्ती लीडरशिप ने टिकट थमा दिया। मेरी नौकरी छुड़वा दी। मुझे चुनाव जितवाया। पार्टी ने जहां मुझे खड़ा किया मैंने हमेशा वहीं खड़ा होकर छक्के मारे और आगे आने वाले समय में भी बहुत से छकके मारूंगा। उन्होंने एसोसिएशन की कार्यशैली की सराहना करते हुए 20 लाख रुपये अपने निजी फंड से देने की भी घोषणा की। उन्होंने एसोसिएशन द्वारा सौंपे गए मांग पत्र पर बोलते हुए कहा कि उनसे अच्छा वकील पूरे हिंदुस्तान में नहीं मिल सकता और वह पत्रकारों की इस लड़ाई में उनके साथ हैं और पूरे जोर-शोर से सरकार से उनकी वकालत करेंगे।

 

 पत्रकारों के सामने खड़ी चुनोतियों को देखते हुए एसोसिएशन ने विज को सौंपा मांगपत्र

 

 एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष  वरिष्ठ पत्रकार  चंद्रशेखर धरनी ने मीडिया वेलबींग एसोसिएशन की तरफ से मांग पत्र  भी सौंपा। जिसमें चंडीगढ़ की तर्ज पर पंचकूला हरियाणा में प्रेस भवन बनाने के लिए एक कैनाल का प्लॉट सस्ते दामों पर उपलब्ध करवाने, हरियाणा प्रेस एकरेडिशन व प्रेस रिलेशन कमेटियों का गठन जल्द करने, विभिन्न जिलों में पत्रकारों के लिए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के अंदर 5 फीसदी कोटा सरकारी आवासीय सुविधाओं में आरक्षित करने, हरियाणा में कार्यरत पत्रकारों के बच्चों के लिए विभिन्न शैक्षणिक, टेक्निकल एजुकेशन, मेडिकल एजुकेशन व अन्य संस्थानों में 5 फीसदी कोटा आरक्षित करने व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग- हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन के माध्यम से होने वाली भर्तियों में पत्रकारों के बच्चों के लिए 5 फीसदी कोटा आरक्षित करने, हरियाणा के सभी सरकारी अस्पतालों में  पत्रकारों व उनके परिवारों को मेडिकल सुविधा, सभी टेस्ट फ्री करने, पत्रकारों के लिए  पेंशन पात्रता की उम्र 60 से घटाकर 56 करने तथा पेंशन 10000 से बढ़ाकर 25 हजार रुपये प्रति माह  करने की मांग की। 

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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