सिरसा डेरे में पहुंची हनीप्रीत, नामचर्चा के दौरान चुपचाप हाथ जोड़े खड़ी रही

punjabkesari.in Wednesday, Nov 13, 2019 - 05:23 PM (IST)

सिरसा (सतनाम सिंह): अंबाला जेल से जमानत पर आई हनीप्रीत सीधे सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में पहुंची। यहां वह सार्वजनिक रूप से तब नजर आई, जब डेरे में डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बाबा शाह मस्ताना बलुचिस्तानी का 128वां जन्मदिवस के उपलक्ष्य में बड़े स्तर पर नामचर्चा का आयोजन किया गया। पूर्व साध्वियों के यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के जेल जाने के बाद यह तीसरा बड़ा आयोजन था, वहीं राम रहीम सिंह की कथित राजदार हनीप्रीत के लिए पहला मौका रहा।

दरअसल, पंचकूला हिंसा के 38 दिन बाद हनीप्रीत को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके बाद से वह अंबाला की सेंट्रल जेल में बंद थी। हाल ही में 6 नवंबर को जमानत पर जेल से छूटी हनीप्रीत भी शामिल हुई। सत्संग सुनने के अलावा हनीप्रीत पूरी मौजूदगी के दौरान सिर्फ हाथ जोड़े खड़ी रही।

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शाह मस्ताना ने सन 1891 में कार्तिक की पूर्णमासी को गांव कोटड़ा, तहसील गंधेय जिला बलुचिस्तान (इस वक्त पाकिस्तान में है) में पिता पीला मल व माता तुलसा बाई के घर जन्म लिया। उन्होंने 29 अप्रैल 1948 में डेरा सच्चा सौदा की नींव रखी। उनके 128वें जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम के लिए सोमवार रात 1 बजे ही पंडाल पूरी तरह भर चुका होने की जानकारी थी, वहीं मंगलवार को भी संगत का आना-जाना जारी रहा। आज शाह सतनाम जी धाम में बड़े स्तर पर नामचर्चा का आयोजन हुआ। 

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नामचर्चा की शुरुआत में सत्संग पंडाल में मौजूद संगत ने 'धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा' के पवित्र नारे के साथ गुरु डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह को शाह मस्ताना जी महाराज के अवतार दिवस की बधाई दी। इसके बाद कविराज भाइयों ने भक्तिमय भजनों के माध्यम से सतगुरु की महिमा का गुणगान किया। फिर गुरमीत राम रहीम सिंह का एक रिकॉर्डिड वीडियो चलाया गया। इसमें राम रहीम ने मस्ताना जी महाराज के जीवन और उनके मानवता पर किए गए परोपकारों पर प्रकाश डाला। इस दौरान स्टेज पर हनीप्रीत भी मौजूद रही। पूरी मौजूदगी में हनीप्रीत स्टेज पर हाथ जोड़े दिखाई दी। इसके अलावा उसकी तरफ से और कोई गतिविधि नजर नहीं आई।

यह है पंचकूला हिंसा का मामला
साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हिंसा भड़की थी। इसमें 36 लोगों की जान गई थी। इस मामले में पुलिस ने शुरुआत में 1200 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी। आईपीसी की धारा 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत आरोप तय किए गए। जिन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, उनमें हनीप्रीत, उसकी साथी सुखदीप कौर, राकेश कुमार अरोड़ा, सुरेंद्र धीमान इंसां, चमकौर सिंह, दान सिंह, गोविंद राम, प्रदीप गोयल इंसां और खैराती लाल पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज किए थे। 



पुलिस हनीप्रीत को ढूंढ रही थी, लेकिन वह 38 दिन बाद गिरफ्तार हो सकी, तभी से वह अंबाला सेंट्रल जेल में बंद थी। हाल ही में 2 नवंबर को पंचकूला की कोर्ट ने इस मामले में हनीप्रीत समेत 15 आरोपियों से राजद्रोह की धारा हटाई थी। इसके बाद हनीप्रीत ने जमानत याचिका दाखिल की थी। 6 नवंबर हो हनीप्रीत जेल से रिहा हो चुकी है, वहीं मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी।

आज क्या-क्या हुआ समारोह में?
इस अवसर पर डेरा प्रमुख द्वारा शुरू की गई बेटी से वंश चलाने की मुहिम 'कुल का क्राउन' के तहत एक शादी संपन्न हुई। 12 दिव्यांगजनों को  ट्राईसिकल, 15 जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीनें भेंट की गई। आशियाना मुहिम के तहत संगत द्वारा बनाए गए चार मकानों की चाबियां पात्र परिवारों को सौंपी गई। डेरे की मर्यादानुसार दिलजोड़ मामला पहनाकर 15 युगल विवाह बंधन में बंधे। संगत को प्रसाद और लंगर वितरण किया गया। जन कल्याण परमार्थी शिविर में 10से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई।

शिविर में शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं दी। मरीजों को दवाइयां भी नि:शुल्क दी गई। हेल्थ जागरुकता कैंप में भी 912 लोगों ने लाभ उठाया। इसके अलावा आज दिनभर में डेरे 4505 अनुयायियों ने रक्तदान किया, जिसे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र से 10 ब्लड बैंकों की टीमों ने संग्रहित किया।


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Shivam

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