हनीप्रीत के हाथ आ सकती है डेरा की कमान!

punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2019 - 11:15 AM (IST)

डेस्क (संजय अरोड़ा/नवदीप) डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की खास हनीप्रीत के जमानत पर जेल से रिहा होने के एक दिन के भीतर ही डेरा गुलजार होने लगा है। यहां जिला मुख्यालय से करीब साढ़े 10 किलोमीटर दूर स्थित डेरा मुख्यालय में प्रेमियों का जमावड़ा होने लगा है। डेरा में करीब 36 एकड़ में फैले सत्संग स्थल के विशाल गेट पर रंगाई-पुताई का काम गुरुवार से शुरू हो गया। सोशल मीडिया, मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर डेरा अनुयायियों में भविष्य में डेरा को लेकर हनप्रीत की भूमिका क्या रहेगी? जानने की जिज्ञासा लगी हुई है। डेरा चीफ को सजा होने के सवा 2 साल बाद पहली बार डेरा में उत्सव का सा माहौल नजर आने लगा है। हनीप्रीत आई तो डेरा में दीवाली मनाई गई। पटाखे फोड़े गए,आतिशबाजी की गई। अब इसी माह में डेरा के प्रथम गद्दीनशीन शाह मस्ताना का परिनिर्वाण दिवस है। ऐसे में अब यह सवाल जन्म लेने लगे हैं कि क्या अपरोक्ष रूप से डेरा की कमान राम रहीम की खास हनीप्रीत के हाथों में होगी या फिर अब डेरा में उनकी भूमिका क्या रहेगी?

दरअसल 25 अगस्त 2017 को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सी.बी.आई. की विशेष कोर्ट ने साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार देते हुए 28 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद कोर्ट की ओर से छत्रपति हत्याकांड में भी डेरा प्रमुख को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई। 25 अगस्त 2017 को सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा के पंचकूला व सिरसा के अलावा पंजाब के अनेक हिस्सों में ङ्क्षहसक हुई डेरा उपद्रवियों की भीड़ ने दंगे किए और पुलिस व आर्मी ने बल का प्रयोग किया। इस दौरान 40 लोग मारे गए। बाद में हरियाणा पुलिस ने इस पूरे मामले में कुल 177 एफ.आई.आर. दर्ज करते हुए करीब 1 हजार लोगों पर मामले दर्ज किए थे।



पुलिस ने हनीप्रीत, आदित्य इन्सां सहित कई लोगों पर राजद्रोह की भी धाराएं लगाई। आदित्य पुलिस के हाथ अभी तक नहीं आया तो हनीप्रीत ने सितम्बर 2017 में कोर्ट में सरैंडर कर दिया था। हनप्रीत राम रहीम की खास थी। इस पूरे मामले में करीब सवा 2 साल के भीतर डेरा के कारखानों में उत्पादन बंद हो गया। होटल बिजनैस ठप्प हो गया। डेरे के खाते फ्रीज होने से उसकी आॢथक कमर टूट गई। भंडारों में जुटने वाली भीड़ घट गई। कुल मिलाकर डेरा को ताकत देने वाले आध्यात्मिक, कमॢशयल, आॢथक एवं सियासी चारों ही क्षेत्रों से डेरा की गाड़ी ट्रैक से उतर गई।



इस पूरी अवधि दौरान डेरा की गद्दी को लेकर कयास लगते रहे। पहले यह चर्चा चली कि डेरा प्रमुख के बेटे जसमीत इन्सां को डेरा की कमान दी जा सकती है। डेरा प्रमुख की माता के अलावा उनकी पत्नी एवं बेटियों का नाम भी इस पद के लिए आया। ये चर्चाएं कोरी अफवाह ही साबित हुईं। इस दौरान डेरा में अलग-अलग विंगों की कमान पूर्व के पदाधिकारी संभालते रहे। इनमें प्रमुख नाम रहे विपासना इन्सां, सोहनलाल दिवाना, शोभा इन्सां आदि। पूरे डेरा की सत्ता की केंद्रीयकरण की चाबी किसी के एक पास न रही। इस वजह से डेरा बिखराव के दौर से गुजरता रहा।
खास बात यह है कि इस पूरी अवधि दौरान कुछेक खास भंडारे एवं खास मौकों पर ही डेरा के पारिवारिक सदस्य नजर आए। वे विवादों से बचते रहे। मीडिया से दूरी बनाते रहे। डेरा के परिवार के किसी भी सदस्य ने कभी भी डेरा की गद्दी को लेकर टिप्पणी नहीं की। चूंकि जब राम रहीम जेल से बाहर थे और डेरा में थे तब उनके बाद डेरा में हनीप्रीत का दबदबा था। यहां तक कि डेरा के तमाम बड़े फैसलों में हनीप्रीत का हाथ रहता था। अब यही कयास लगाए जा रहे हैं कि जिस तरह से डेरा में हनीप्रीत का अनुयायियों ने स्वागत किया, उससे लगता है कि अपरोक्ष रूप से डेरा की कमान हनीप्रीत के हाथ आ सकती है। चूंकि डेरा कई तरह की दुविधाओं-कठिनाइयों-दुश्वारियों से गुजर रहा है। ऐसे में इसको पटरी पर लाने के लिए भी एक ऐसा चेहरा चाहिए जो सभी अनुयायियों के साथ-साथ तमाम तरह की विंग के सदस्यों को एक मंच पर ला सके।


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Isha

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