Exclusive: युवा प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव को लेकर हुड्डा और सुरजेवाला-शैलजा खेमा आमने सामने
punjabkesari.in Friday, Jul 02, 2021 - 10:00 PM (IST)
चंडीगढ़ (धरणी): प्रदेश कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समय-समय पर अपनी ताकत पकड़ और वर्चस्व को साबित करते रहे हैं। प्रदेश के युवाओं में पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा के प्रति चाहत किसी से छुपी नहीं है। हरियाणा कांग्रेस लंबे समय से आपसी फूट की शिकार रही। जिसका परिणाम पार्टी को समय-समय पर भुगतना पड़ा। आज हुड्डा खेमा, सुरजेवाला-शैलजा खेमा और कुलदीप बिश्नोई खेमा अपने को पार्टी हाईकमान के सामने ताकतवर साबित करने और दूसरे को कमजोर करने में लगे रहते हैं।
आज फिर से कांग्रेस के खेमे आमने-सामने हैं। कांग्रेस के युवा प्रदेश अध्यक्ष के लिए वोटिंग करवाई जानी है। जिसमें दिव्यांशु बुद्धि राजा और कृष्ण सतरोड़ ने प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया है। जिसके बाद से संगठन की राजनीति गरमाई हुई है। कृष्ण सतरोड़ शैलजा-सुरजेवाला ग्रुप के और दिव्यांशु बुद्धिराजा हुड्डा खेमे के माने जाते हैं और बुद्धि राजा की जीत-हार का सीधा असर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की राजनीति पर पढ़ना तय है। हालांकि प्रदेश के युवाओं में दीपेंद्र हुड्डा काफी मजबूत पकड़ रखते हैं।
पूर्व युवा प्रदेश अध्यक्ष सचिन कुंडू भी हुड्डा खेमे के होने के कारण से ही आसानी से चुनाव को जीत पाए थे। लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा की उम्मीदों पर सचिन कुंडू खरा नहीं उतर पाए। इस कारण से हुड्डा ने अपना विश्वास दिव्यांशु बुद्धिराजा पर जताया है। बुद्धिराजा हाल ही में कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई में प्रदेशाध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं।
उन्होंने समय-समय पर छात्रों की शिक्षा और युवाओं के रोजगार संबंधी बहुत से मुद्दों पर बड़े आंदोलन भी किए हैं। सरकार और खास तौर पर मुख्यमंत्री पर उनके बड़े ब्यान किसी से छुपे नहीं है। इंस्टाग्राम पर भी वह समय-समय पर हरियाणा सरकार की गतिविधियों पर न केवल उंगली उठाते रहे हैं, बल्कि हरियाणा के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री पर भी बड़े बयान जारी करते रहे हैं।
प्रदेश के युवाओं की एक बड़ी टीम दिव्यांशु बुद्धिराजा के साथ सीधे तोर पर जुड़ी हुई है। इस कारण से दिव्यांशु बुद्धिराजा का पलड़ा अपने प्रतिद्वंदी से कहीं भारा दिख रहा है। दिव्यांशु बुद्धिराजा और हरियाणा के मुख्यमंत्री दोनों खत्री जाति से संबंध रखते हैं। बुद्धिराजा हुड्डा खेमे के एक नॉन जाट चेहरा है। इस कारण से हुड्डा खेमे की एकमत सहमति उन्हें प्राप्त हुई है। बुद्धिराजा की निर्भीक कार्यशैली और भाजपा सरकार के आकाओं पर बड़ी बयानबाजी कांग्रेस आलाकमान को भी काफी भा गई है।
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