गलत आंकड़ों के जरिए प्रदेश सरकार को बदनाम कर रहे हुड्डा- प्रवीण आत्रेय

punjabkesari.in Thursday, Jul 14, 2022 - 06:43 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): भाजपा प्रवक्ता प्रवीण आत्रेय ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा प्रेस वार्ता कर जीडीपी और प्रदेश पर बढ़ रहे कर्ज को लेकर पेश किए गए आंकड़ों को झूठ का पुलिंदा बताया। आत्रेय ने कहा कि हरियाणा की मनोहर सरकार की बड़ी उपलब्धि यह है कि लगातार दूसरे कार्यकाल में भी बीजेपी के मुख्यमंत्री बने। लेकिन आज प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को सरकार की आलोचना करने लिए झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है। प्रवीण आत्रेय ने कहा कि कांग्रेस के नेता राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए झूठ का सहारा लेना बंद करें। प्रदेश की जनता सब जानती है।

2013 के मुकाबले प्रदेश की जीडीपी हुई दोगुनी- आत्रेय

प्रवीण आत्रेय ने कहा कि भुपेंद्र सिंह हुड्डा ने वर्तमान समय में कर्ज और जीडीपी के तुलनात्मक आंकड़े ग़लत ढंग से पेश किए हैं। 2014 में प्रदेश की जीडीपी लगभग 3 लाख 99 हजार करोड़ रुपए थी। उस समय प्रदेश पर लगभग 98 हजार करोड़ रुपए कर्ज था। इसमें बिजली कम्पनियों का लगभग 28 हज़ार करोड़ रुपए का कर्ज शामिल हैं। इस हिसाब से कर्ज जीडीपी का लगभग 24.56 फीसदी था। लेकिन 2021-22 में यह कर्ज घटकर 23.07 प्रतिशत पर पहुंच गया है। प्रवीण आत्रेय ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बेहतर वित्तीय प्रबंधन और आर्थिक नीतियों का नतीजा है कि 2013-14 के मुकाबले 2021-22 में प्रदेश की जीडीपी  दो गुना ज्यादा हो गई है। प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय जो 2014-15 में 1.47 लाख रुपए थी, वो 2021-22 बढ़कर 2.74 लाख रुपए हो गई है। वर्तमान सरकार ने फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाया। सरकारी खर्च को कम किया। इसके कारण 2021-22 में राजस्व घाटा लगभग 1.40% रह गया। कांग्रेस सरकार के समय राजस्व घाटा लगभग 2.6% था।

अपराध के आंकडों को लेकर भी बोले प्रवीण आत्रेय

प्रवीण आत्रेय ने कहा कि वर्तमान सरकार के समय कानून व्यवस्था कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से ज्यादा बेहतर है। इस बात की गवाही नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े दे रहे हैं। 2004 से 2014 के बीच ओवरऑल क्राइम में लगभग 555 फीसदी का इजाफा था। महिलाओं के प्रति अपराध में लगभग 174 प्रतिशत का इजाफा था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपराध और अपराधियों पर लगाम कसी। अपराध में कमी आई। आज आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में लगभग मात्र 37 % की दर्ज हुई।

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Content Writer

Vivek Rai

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