तीसरे मोर्चे को लेकर हुड्डा का बयान, बोले- कांग्रेस के बिना मुख्यमंत्री नहीं बना पाएगा कोई फ्रंट

punjabkesari.in Tuesday, Sep 27, 2022 - 10:24 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): इनेलो प्रमुख द्वारा तीसरा फ्रंट बनाने की बात पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि तीसरे फ्रंट नाम की कोई चीज कहीं नहीं है। यहां केवल दो ही फ्रंट हैं। पहले जो बीजेपी के हक में हैं और दूसरा जो बीजेपी के विरोध में हैं। तीसरे फ्रंट का मतलब समझ में नहीं आ रहा कि आखिर इसका मतलब क्या है। उन्होंने कहा कि तीसरे फ्रंट के लिए कांग्रेस को भी बुलाया जा रहा है, तो फिर तीसरे फ्रंट का कोई मतलब नहीं रह जाता।

 

प्रदेश सरकार की धान खरीद नीति पर हुड्डा ने बोला हमला

 

हुड्डा ने कहा कि बिना कांग्रेस के बिना कोई भी फ्रंट प्रदेश में अपना मुख्यमंत्री नहीं बना पाएगा। उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार को पोर्टल की सरकार बताते हुए कहा कि आज बीजेपी की धान खरीद नीति किसान और आढ़ती के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। यह किसी के हित में नहीं है। आढ़ती परेशान बैठे हैं। काम बंद पड़ा है। सरकार के इस रवैये ने किसानों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। किसान की फसल मंडियों में भरी पड़ी है, जिसका उठाव नहीं हो रहा। 2060 एमएसपी वाली धान को किसान 1600-1700 रुपए में बेचने को मजबूर है। हुड्डा ने कहा कि किसान के नुकसान को देखते हुए आढ़तियों से भी मेरी गुजारिश है कि इस परेशानी का समाधान बातचीत से निकाल ले और काम शुरू करें।

 

 जिला परिषद चेयरमैन का चुनाव डायरेक्ट हुआ तो  लड़ेंगे सिंबल पर: हुड्डा

 

हुड्डा ने पंचायत चुनाव जल्द करवाने की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी इसके लिए पूरी तरह तैयार है। 2 साल पहले होने वाले चुनाव में इतनी अधिक देरी से गांवों के विकास में भारी नुकसान हुआ है। पैसा कागजों में तो आया लेकिन मौके पर नहीं लगा। अधिकारियों ने एक बड़ा घोटाला अंजाम दिया है। किसी भी क्षेत्र का विकास बिना जनप्रतिनिधि के संभव नहीं होता। उन्होंने कहा कि गांव के विकास ठप पड़े हैं। अधिक से अधिक पैसा गांवों के विकास के लिए आए। जिसे सही तरीके से लगाया जाए ऐसी कांग्रेस की मांग है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस चुनाव सिंबल पर लड़ेगी या नहीं यह फैसला अभी नहीं किया गया। लेकिन अगर जिला परिषद चेयरमैन का चुनाव डायरेक्ट हुआ तो हम सिंबल पर अवश्य लड़ेंगे। उन्होंने सरकार आने पर परिवार पहचान पत्र को बंद करने की बात कहते हुए कहा कि पीपीपी केवल पेंशन काटने का एक तरीका था। इसका कोई और मकसद नहीं था। इसलिए इसे खत्म किया जाना अति आवश्यक है।

 

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Gourav Chouhan

Recommended News

Related News

static