महामारी के दौर में किसानों पर बंदिशें लगाना सही नहीं, सरकार वापस ले अपना फैसला: हुड्डा

punjabkesari.in Monday, May 25, 2020 - 08:38 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने धान बुआई की बंदिशों के खिलाफ फतेहाबाद में सड़कों पर उतरे किसानों को समर्थन का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते अन्नदाता की आवाज उठाना हमारा फर्ज है। आज फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और कैथल समेत पूरे प्रदेश का किसान आंदोलनरत है।

फतेहाबाद में ट्रैक्टर रैली निकालने से पहले, शाहबाद में भी भारतीय किसान यूनियन ने पंचायत की थी। इसके अलावा धान पाबंदी से प्रभावित तमाम इलाकों में किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। क्योंकि वो किसी भी सूरत में सरकार की तरफ से लगाई गई बंदिशों को मानने के लिए तैयार नहीं है।

सत्तापक्ष का अड़ियल रवैया सही नहीं
हुड्डा ने कहा कि हमने सरकार को बार-बार किसानों की भावनाओं से अवगत करवाया है। अन्नदाता पहले ही बर्बादी की कगार पर है। लेकिन सरकार मानो आंख बंद किए बैठी है। भूजल संरक्षण के लिए नई परियोजनाएं चलाने की बजाए किसानों पर बंदिशें थोपी जा रही हैं। सत्तापक्ष का अड़ियल रवैया सही नहीं है।और इस महामारी के नाज़ुक दौर में ऐसे फैसले लेने का भी सही समय नहीं है। इसे तुरंत वापिस लिया जाना चाहिए। 

फूल और सब्जी का उत्पादन करने वालों किसानों की हालत भी खराब
उन्हाेंने कहा कि सरकार किसानों पर वैकल्पिक खेती करने का दबाव तो बना रही है, लेकिन धान-गेहूं जैसी परम्परागत खेती छोड़कर फूल और सब्जी का उत्पादन करने वालों किसानों की हालत भी आज खराब है।  उनकी फसल खेतों में पड़ी-पड़ी खराब हो रही है। भिवानी समेत प्रदेशभर के किसान अपनी फसल को पशुओं के सामने डालने को मजबूर है क्योंकि ना उसकी ख़रीद हो रही है और ना ही उचित रेट मिल रहा है।

पिछले साल सरकार के कहने पर मक्का उगाने वाले किसानों को भी सिर्फ घाटा ही हाथ लगा था। इसलिए सरकार को आनन-फानन में फैसले लेने से पहले उचित नीतियों, प्रोत्साहन और जागरूकता के जरिए पहले किसानों का भरोसा जीतना चाहिए। 

कांग्रेस कार्यकाल के दौरान भी सरकार के सामने भूजल की चुनौती थी। लेकिन उस वक्त सरकार ने किसानों पर कोई पाबंदी नहीं लगाई थी। हमने दादूपुर नलवी, हांसी बुटाना नहर परियोजना चलाने, राखसी नदी, खंड नाला को पुनर्जीवित करने, सिरसा में ओटू झील,कोटला झील बनवाने, इजराइली ड्रिप सिस्टम से सिंचाई को बढ़ावा देने जैसे कदम उठाए थे।

भूजल संरक्षण की योजनाओं के प्रति सकारात्मक रुख अपनाते हुए उन्हें आगे बढ़ाएं
ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए फव्वारा सेट और पाइप लाइन के लिए किसानों को अनुदान दिया जाता था। लेकिन बीजेपी सरकार ने उसे बंद कर दिया। मौजूदा सरकार को भी भूजल संरक्षण की योजनाओं के प्रति सकारात्मक रुख अपनाते हुए उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए। उसे डीएसआर पद्धति और हाईब्रिड बीजों से धान की खेती को बढ़ावा देना चाहिए। इससे कम वक्त और कम पानी में धान की अच्छी फसल ली जा सकती है।


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Edited By

vinod kumar

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