HPSC ने एच एस सी एस तथा डेंटल चिकित्सकों की भर्ती की परीक्षा दोनों रद्द करने का फैसला किया

punjabkesari.in Monday, May 02, 2022 - 08:33 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन ने पिछले दिनों विवादों में एच एस सी एस की परीक्षा तथा डेंटल चिकित्सकों की भर्ती की परीक्षा दोनों रद्द करने का फैसला किया है। यह फैसला हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के द्वारा आज जारी किया गया है। एच सी एस का पेपर द्वारा 10 जुलाई को होगा इसमें वही परीक्षार्थी दोबारा से भाग ले पाएंगे जो पहली परीक्षा में बैठे थे।

हरियाणा लोक सेवा आयोग की डेंटल सर्जन और एचसीएस प्रारंभिक परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े के मामले में राज्य सतर्कता ब्यूरो ने तय समय में चालान पेश कर दिया था। 60 दिन की तय अवधि से एक दिन पहले ही पंचकूला की अदालत में चालान पेश हुआ। इससे एचपीएससी के बर्खास्त उपसचिव एवं पूर्व एचसीएस अनिल नागर समेत तीनों आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई थी। 

क्या मामला हुआ ?

इस मामले में विजिलेंस ने 17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन को गिरफ्तार किया था। नवीन से पूछताछ के बाद उसके साथी अश्वनी शर्मा को झज्जर से गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि बरामद हुई। 

अश्वनी ने बताया था कि यह राशि एचसीएस नागर को देनी थी। अश्वनी ने नागर को फोन किया तो नागर ने राशि एचपीएससी के कार्यालय में मंगवाई। अश्वनी ने जैसे ही राशि नागर को दी तो विजिलेंस ने उसे कार्यालय से ही दबोच लिया। रिमांड के दौरान डेंटल सर्जन और एचसीएस प्रारंभिक परीक्षा की ओएमआर शीट बरामद की गई थी। 

हरियाणा सरकार ने जिस HCS अधिकारी अनिल नागर को बर्खास्त किया है, वह पैसे लेकर पेपर पास कराने व नौकरियों में पैसे लेने का मास्टर माइंड था। इस काम के लिए उसने भिवानी के नवीन और झज्जर के अश्विनी शर्मा को अपने साथ ले रखा था। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने इन तीनों द्वारा 32 नौकरियों में सेटिंग की बात का पता लगाया है। अनिल नागर ने HCS प्री-एग्जाम क्लीयर करवाने के लिए 15 उम्मीदवारों से सेटिंग की थी। इनमें से पांच के नाम पेपर पास करने वालों की सूची में शामिल हैं।

इसी तरह, डेंटल सर्जन की नौकरी के लिए 17 उम्मीदवारों से पैसे की सौदेबाजी हुई थी। इनमें भी 13 उम्मीदवारों के नाम पेपर पास करने वालों की लिस्ट में शामिल हैं। हरियाणा लोक सेवा आयोग में उपसचिव के पद पर कार्यरत रहा बर्खास्त HCS अधिकारी अनिल नागर और अश्विनी शर्मा मिलकर पेपरों की ओएमआर शीट में गड़बड़ करते थे। 22 नवंबर को विजिलेंस ने सर्च के दौरान अनिल नागर के दफ्तर से ओएमआर शीट भी बरामद की है।

हरियाणा सरकार द्वारा जारी किए गए अनिल नागर के बर्खास्तगी आदेश में इस पूरे घटनाक्रम के अहम बिंदुओं का उल्लेख किया गया है। इन तीनों ने विजिलेंस व पुलिस की पूछताछ के दौरान डेंटल सर्जन और HCS प्री-एग्जाम के नाम पर न सिर्फ सेटिंग करने, बल्कि ओएमआर शीट में गड़बड़ करने की बात भी स्वीकार की है। मुख्य सचिव संजीव कौशल की ओर से जारी बर्खास्तगी आदेश में हरियाणा सरकार ने माना है कि अनिग नागर की इस कारगुजारी की वजह से प्रदेश के आम लोगों की नजरों में सरकार की छवि पर विपरीत असर पड़ा है।

स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने हिसार के उकलाना के रहने वाले नरेंद्र की शिकायत पर 17 नवंबर को भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया। एफआइआर में स्पष्ट है कि 29 सितंबर को हरियाणा लोकसेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा डेंटल सर्जन की भर्ती के लिए ली गई लिखित परीक्षा में सेटिंग की गई। इस मामले में भिवानी के नवीन और झज्जर के अश्विनी शर्मा के तार भी HCS अनिल नागर के साथ जुड़े पाए गए।

10 पदों की भर्ती की जिम्मेदारी सचिव के पास

एचपीएससी द्वारा 10 पदों को लेकर दस्तावेज जांच को लेकर सीएम ने सदन में  कहा था कि इन भर्ती की जिम्मेदारी नागर के पास नहीं थी, बल्कि सचिव भूपेंद्र सिंह के पास थी। मनोहर लाल ने कहा कि एचपीएससी के चेयरमैन भूपेंद्र सिंह के बेटे व रिश्तेदार डेंटल और एचसीएस प्री परीक्षा में बैठे थे। इसलिए उन्होंने इन परीक्षाओं की गोपनीयता की जिम्मेदारी लेने से नैतिकता के आधार पर मना कर दिया था। बाद में यह जिम्मेदारी चेयरमैन ने उप सचिव नागर को सौंप दी थी। 

मुख्यमंत्री ने कहा था कि नागर ने अश्विनी (पारू डेटा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड) को एचसीएस प्रारंभिक और डेंटल सर्जन की ओएमआर शीट की स्कैनिंग के लिए काम पर रखा था। जसबीर सिंह स्वामित्व वाली मेसर्स सफेडोट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को काम नहीं दिया गया था। आयोग ने 25 अप्रैल 2013 को मेसर्स सफेडॉट ई-सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित करने से संबंधित कार्य आवंटित किया था। 

3 सितंबर 2019 को कंपनी की सेवाओं को इस आधार पर बंद कर दिया गया था कि उसका काम संतोषजनक नहीं है और यह तत्काल कार्यों में देरी का कारण बनता है। वहीं, स्कैनिंग एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने और उक्त दो लिखित परीक्षाओं के बारे में निर्णय हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो से रिपोर्ट के बाद आयोग द्वारा लिया जाएगा। एचपीएससी में 2014 से उप सचिव का पद सृजित है। 

 

 


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Content Writer

Vivek Rai

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