एचएसवीपी को होगा 100 करोड़ से भी अधिक का घाटा!, जाने पूरा मामला

punjabkesari.in Wednesday, Dec 23, 2020 - 06:57 PM (IST)

फरीदाबाद (अनिल राठी): प्रिंसिपल सेक्रेटरी, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, हरियाणा ने अक्टूबर माह में शहर के ही क्यूआरजी अस्पताल के हक में एक गैरकानूनी फैसला दिया है, जिससे अब एचएसवीपी को 100 करोड़ से भी अधिक का घाटा होने वाला है।

गौरतलब है कि जिस प्लॉट पर क्यूआरजी मेडिकेयर अस्पताल बना हुआ है, वह जमीन 1978 में विवेकानंद आश्रम सोसायटी को 99 साल के लिए पट्टे पर हरिजन रेजिडेंशियल स्कूल व सोशल डिवेलपमेंट सेंटर के लिए अलॉट की गई थी। इस प्लॉट को पहले भी सोसायटी द्वारा अनेकों बार अलॉटमेंट की शर्तों की अवमानना करने पर रिज्यूम किया जा चुका है। 

आखिरी बार इसकी resumption साल 2013 में बिना किसी अनुमति के यहां अस्पताल बनाने की वजह से हुई थी। अब इस प्लॉट के तमाम अधिकारों को एक गैरकानूनी तरीके से इस प्लॉट पर अस्पताल चलने के लिए सोसायटी के पुराने सदस्यों ने एक नामी कम्पनी हैवेल्स इंडिया लिमिटेड की एक सहकंपनी क्यूआरजी मेडिकेयर लिमिटेड के नाम कर दिया है और 16/08/2016 को इस जमीन पर अवैध रूप से अस्पताल बना दिया गया व हुडा अथॉरिटी ने सर्कल रेट लेकर इसको नियम के अनुसार भी कर दिया।

अगर विवेकानंद आश्रम सोसायटी के हाल सदस्यों की सूची और इन दोनों कम्पनी के डायरेक्टर की सूची को देखा जाए तो सभी नाम एक ही मिलेंगे। जब अस्पताल प्रबंधन ने व्यवसाय प्रमाण पत्र के लिए ओसी की फाइल लगाई तो फाइनेंस विभाग द्वारा जमीन पर भारी एक्सटेंशन मनी बकाया पायी गयी जो कि पॉलिसी के अनुसार सरचार्ज के साथ जोड़कर लगभग 100 करोड़ से भी ज़्यादा बन गई। 

इसके बाद पीसीटीसीपी को एक ऐप्लिकेशन के माध्यम से केस डिस्कस किया गया तो पीसीटीसीपी ने नियमित अस्पताल साइट को फ्रेश अलॉटमेंट का नाम देते हुए ऑर्डर पास कर दिया जबकि 16/08/2016 को इसे नियम के अनुसार किया गया था, जिसमें फ्रेश अलॉटमेंट का कहीं जिक्र नहीं किया गया था। इसके अलावा एजी हरियाणा की रिपोर्ट की लीगल राय में हुडा ने हाई फ्रेश अलॉटमेंट को साफ़ तरह से मना कर दिया है। 

हाईकोर्ट पंजाब व हरियाणा में विचाराधीन याचिका अम्बेडकर समाज सुधार समिति बनाम विवेकानन्द आश्रम हुडा ने जो जवाब दायर किया है उसमें अस्पताल साइट का रेट ले कर नियमितीकरण का जिक्र किया गया है, हाल में  अक्टूबर को जो आदेश प्रिंसिपल सेक्रटरी ने जारी किया है, उसके अनुसार इस प्लॉट के नियमितीकरण को फ्रेश अलॉटमेंट घोषित करके चूना लगाया गया है। जिससे सोसायटी के पुराने सभी देय बकाया भुगतान को रद्द कर दिया जाएगा।

ध्यान देने की बात यह है कि सोसाइटी ने साल 1990 से अब तक का एक्सटेंशन फी शुल्क का पैसा नहीं दिया है, जो सरचार्ज को मिलाकर करीब 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा बनता है। शहर के आरटीआई कार्यकर्ता कृष्ण लाल गेरा और एक वकील रविन्द्र तेवतिया ने भी इस मुद्दे को लेकर संबंधित विभागों को शिकायत की जा चुकी है जो अभी विचाराधीन हैं।

वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर एचएसवीपी के फरीदाबाद एडमिनिस्ट्रेटर से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने दबी जुबान में तो बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में है और वह पूरे निष्पक्ष तरीके से अपनी जांच को आला अधिकारियों तक सौंप चुके हैं, लेकिन कैमरे पर बोलने से कुछ भी मना कर दिया।


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vinod kumar

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