दिग्विजय का चाचा चौटाला पर तंज, बोले-आंदोलन का हल करवाना चाहते हैं तो फिर इस्तीफा देने में देरी ना करें

punjabkesari.in Wednesday, Nov 10, 2021 - 11:23 AM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  जे जे पी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला का कहना है कि राज्यसभा की अगले वर्ष होने वाली 2 सीटों को लेकर जेजेपी का निश्चित तौर पर क्लेम तो रहेगा लेकिन गठबंधन धर्म की पालना होगी। हाल ही में अभय चौटाला द्वारा शेर- गीदड़ की टिप्पणी के बाद अब भतीजे एवं जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने पलटवार करते हुए कहा है कि खुद कह देने से कि मैं शेर हूं कोई शेर नहीं हो जाता। राजनीतिक शेर की संज्ञा अगर लोग दें तो वही शेर होता है। इस प्रकार की टिप्पणी करते हुए दिग्विजय ने चाचा अभय सिंह चौटाला द्वारा ऐलनाबाद चुनाव जीत का मुख्य् कारण कांग्रेस द्वारा उनकी मदद किया जाना बताया है। साथ ही उन्होंने चाचा के उस बयान पर भी जवाब दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि किसानों केे लिए वह दोबारा इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। दिग्विजय ने कहा हैै कि अगर लगता है कि आंदोलन का समाधान इस्तीफे से मुमकिन है और वह आत्मविश्वास से लबरेज हैं तो उन्हें दोबारा इस्तीफा देने में देरी नहीं करनी चाहिए।  उनसे और भी कई  महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत हुई। कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत है:- 


प्रशन :- चाचा द्वारा शेर-गीदड़ के वाकयुद्ध को लेकर आपकी टिप्पणी क्या है ?
उत्तर:-
कह देने मात्र से कोई शेर नहीं होता।राजनीतिक शेर वह होता है जिसे लोग शेर की व्याख्या दें। खुद यह कह देना कि मैं शेर हूं तो इस पर कच्चा चिट्ठा खोलना चाहिए। अगर इतिहास को खोलकर नजर डाली जाए तो वह प्रैक्टिकली घर के शेर हैं। कुरुक्षेत्र में चुनाव लड़े तो जमानत जब्त हुई। संगरिया में चौथे नंबर पर रहे और अपने ही घर में जिला परिषद के चुनाव में मेरी चाची चुनाव लड़ी जो कि खुद एक तरह से चाचा ही लड़ रहे थे। हरियाणा में सभी जिला परिषद उम्मीदवारों से अधिक वोटों से हार हुई। अगर वह ऐलनाबाद को छोड़कर कहीं शेर बनकर दिखाएंगे तो मैं उनकी बात मान लूंगा।


प्रशन:- लेकिन अभय तो चुनाव जीते हैं ?
उत्तर:-
जीत का अंतर बहुत बड़े स्तर पर घटा है। 13000 की जीत आज 6000 वोटों पर आ टिकी है। साथ ही कांग्रेस पार्टी का पूरा समर्थन इनेलो के साथ था। लोगों को यह भी डर था कि अगर हम वोट इनके खिलाफ दें और फिर भी किसी कारण यह जीत गए तो उनका क्या हाल होगा। लोग इस डर के कारण खुलकर सामने नहीं आए। अब केवल 6000 की जीत के बाद लोगों का हौसला बढ़ेगा और अगले 3 साल के बाद जो चुनाव होगा हम लोगों को निश्चित ही भयमुक्त करेंगे।


प्रशन:- अभय ने कहा है कि उनका इस्तीफा किसानों की जेब में है। किसान जब भी कहेंगे वह दोबारा इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं ?
उत्तर:-
क्योंकि अभी तक आंदोलन का समाधान भी नहीं हुआ। अगर वह इतने विश्वास में हैं और अगर इस्तीफे से हल करवाना चाहते हैं तो मेरा मानना है कि एक बार ओर इस्तीफा देने में देरी ना करें। अब क्योंकि कोविड भी खत्म हो गया है इसलिए चुनाव भी जल्दी हो जाएगा।


प्रशन:- अभय सिंह ने कहा है कि 10000 वोट उनके बढ़े हैं ? 
उत्तर:-
अगर उनके 10000 वोट बढ़े हैं तो गठबंधन के तो उनसे 2 गुना बढ़े हैं। इस पर वह क्यों नहीं बोलते।


प्रशन:- उनका आरोप है कि कांग्रेस ने गठबंधन की मदद की है ?
उत्तर:-
मेरे पास यह खबर है कि एआईसीसी के आदेशों के अनुसार सभी नेताओं यहां तक कि कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस के सीएलपी के नेता और सभी लोगों ने खुलकर इनेलो की मदद की है।  यह कहा गया था कि किसानों के नाम पर चुनाव हो रहा है। इस चुनाव में अगर अभय सिंह हार गए और गठबंधन जीत गया तो पंजाब में इस चुनाव का बहुत बड़ा असर पड़ेगा। उन्होंने मरता आखिर क्या ना करता वाली नीति अपनाई और इसी कारण इनेलो की जीत हुई।


प्रशन:- पंजाब चुनावों को लेकर जेजेपी की रणनीति क्या है ?
उत्तर:-
हम गठबंधन में शामिल दोनों दल बैठकर बातचीत करेंगे। दोनों पार्टियों का जो भी फैसला होगा उस पर आगे बढ़ेंगे।


प्रशन:- अगस्त 2022 में दो राज्यसभा की सीटें भी खाली होंगी। क्या उसमें भी गठबंधन धर्म निभाया जाएगा ?
उत्तर:-
बिल्कुल निभाया जाएगा। राज्यसभा की अगले वर्ष होने वाली 2 सीटों को लेकर जेजेपी का निश्चित तौर पर क्लेम तो रहेगा लेकिन गठबंधन धर्म की पालना होगी।


प्रशन:- यमुना के प्रदूषण के मामले में केजरीवाल हरियाणा पर लगातार निशाना साध रहे हैं ?
उत्तर:-
यह मामला स्वास्थ्य से जुड़ा है। सभी से मेरी प्रार्थना है कि ऐसी चीजों पर न तो उन्हें राजनीति करनी चाहिए और ना ही हमें।


प्रशन:- दिपावाली के बाद एकाएक दिल्ली में बड़े प्रदूषण का ठीकरा भी केजरीवाल हरियाणा पर फोड़ रहे हैं ?
उत्तर:-
इस बार हरियाणा में पराली जलने के मामले बहुत कम है। मैं पंजाब जाकर आया तो देखा कि वहां पराली जलने के केस बहुत ज्यादा है। चुनावों की वजह से सरकार इसे लेकर ज्यादा गंभीर नहीं है। हरियाणा की बजाय पंजाब का असर बहुत ज्यादा है। 


प्रशन:- कांग्रेस ऐलनाबाद चुनाव में तीसरे नंबर पर रही ?
उत्तर:-
कांग्रेस ने अपने आप को तीसरे नंबर पर रखा है। क्योंकि कांग्रेस की यह मजबूरी बन गई। उन्होंने हालातों के अनुरूप अंतिम तीन-चार दिनों में अपने वर्करों से आईएनएलडी की मदद को कहा। क्योंकि अगर आंकड़े उठाकर देखे जाएं तो पंजाबी बेल्ट में कांग्रेस हमेशा बड़ी जीत दर्ज होती आई थी। लेकिन वहां इस बार वह हमसे हार गए। इस जीत को थोड़ा स्टडी करने की जरूरत है। क्योंकि उस क्षेत्र में बागड़ी और पंजाबी बोलने वाले काफी वोटर हैं और शहरी क्षेत्र भी है। शहरी क्षेत्र में हमें बड़ी जीत मिली। पंजाबी बेल्ट में जो वोट कांग्रेस को मिलते थे वह अभय को डलवाए गए।


प्रशन:- आपके पुश्तैनी गढ़ रहे जिला सिरसा में नशे का प्रभाव काफी ज्यादा है। क्या इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं ?
उत्तर:-
निश्चित तौर पर वहां नशे का प्रभाव काफी ज्यादा है और सरकार इस पर काम भी कर रही है। लेकिन और गंभीरता से काम होना चाहिए। वहां का लोकल एडमिनिस्ट्रेशन बहुत अच्छा काम कर रहा है।


प्रशन:- जेजेपी के स्थापना दिवस को लेकर क्या रणनीति है ?
उत्तर:-
हम बहुत उत्साहित हैं। इस बारे पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं की एक बड़ी मीटिंग भी हुई है। जिसमें डॉ अजय सिंह और हमारे प्रदेशाध्यक्ष ने ड्यूटीयां भी लगाई हैं। हम लोगों को निमंत्रण देने जाएंगे। एक बड़ी ऐतिहासिक रैली का आयोजन किया जाएगा। सभी कार्यक्रम एक-दो दिन में तय हो जाएंगे।


 


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Content Writer

Isha

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