हादसे से नहीं लिया सबक : शहर में धड़ल्ले से जारी कमर्शियल की जगह घरेलू गैस का अवैध उपयोग

punjabkesari.in Monday, Feb 22, 2021 - 08:38 AM (IST)

यमुनानगर : रविवार को भी घरेलू गैस के अवैध प्रयोग को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई। गैस का अवैध प्रयोग व रिफिलिंग का कारोबार पहले की तरह जारी रहा। जिम्मेदारों की नाक के नीचे घरेलू गैस सिलैंडरों से छोटे गैस सिलैंडरों में गैस भरने का सिलसिला भी बदस्तूर जारी रहा। इतना ही नहीं, घरेलू गैस सिलैंडर का धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग किया गया, जो कभी भी किसी बड़े खतरे का कारण बन सकता है। इससे राजस्व की भी भारी क्षति हो रही है, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शायद हादसा होने के बाद ही इस ओर ध्यान दिया जाएगा। 

यह हाल तब है जब गत मंगलवार रात नेहरू पार्क  के नजदीक एक वाहन में सिलैंडर फट चुका है। हादसे से आधा घंटा पहले ही सिलैंडर मंगवाया गया था, यानी उसमें पूरी गैस थी। गनीमत रही कि देर रात का समय था, दिन या शाम होती तो हादसा भुलाया नहीं जा सकता था। इस बारे में जब निगम आयुक्त धर्मवीर सिंह से बात की गई तो उन्होंने जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया। शहरवासियों का कहना है कि इस गंभीर मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।            

‘होटलों व अन्य प्रतिष्ठानों में किया जा रहा प्रयोग’
शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में अधिकतर होटल, मिठाई व चाय की दुकानों में घरेलू गैस सिलैंडर का सरेआम इस्तेमाल हो रहा है। इसके बावजूद लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। दूसरी ओर नियम यह है कि इस तरह के प्रतिष्ठानों पर घरेलू गैस की जगह कमॢशयल सिलैंडरों का प्रयोग किया जा सकता है। पिछले कई सालों से घरेलू गैस सिलैंडर का व्यावसायिक कामों में धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। इन सिलैंडरों पर सबसिडी जारी होने के बावजूद इनके व्यावसायिक उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लग पाया है। कई होटल संचालकों ने व्यावसायिक गैस के कनैक्शन ले रखे हैं। वहां उनकी खपत हर महीने 4 से 5 सिलैंडर की है, मगर वे कमर्शियल सिलैंडर की बजाय घरेलू सिलैंडर का उपयोग कर रहे हैं। दुकानदार उपयोग के वक्त इन सिलैंडरों को छुपाकर रखते हैं, ताकि कोई देख न सके। ऐसे में सरकार को राजस्व का नुक्सान उठाना पड़ रहा है।

‘रिफिलिंग करने वाले कूट रहे चांदी’ 
अवैध रिफिलिंग का धंधा गैस चूल्हे व स्पेयर पार्ट बेचने वाली तकरीबन हर दुकान पर होता है। ऐसे दुकानदारों को गैस एजैंसी से 14.2 किलोग्राम का एक गैस सिलैंडर प्राप्त होता है, जबकि हैंडीगैस में प्रति कि.ग्रा. गैस भरने के 130-160 रुपए वसूले जा रहे हैं। इससे रिफिलिंग वालों को 1250-1650 रुपए तक मुनाफा होता है। यह सब जागरूकता के अभाव में हो रहा है। इसको रोकने के लिए सरकार ने 5 कि.ग्रा. वजन वाले सिलैंडर की व्यवस्था की, जो आसानी से सभी गैस एजैंसी में उपलब्ध है।

इसके बावजूद लोग कनैक्शन लेने की बजाय बाजार से हैंडीगैस खरीद लेते हैं। बाजार में 2 किलोग्राम का खाली हैंडी गैस सिलैंडर 500 से 550 रुपए और पांच कि .ग्रा. का 650 से 700 रुपए में मिलता है। इसमें गैस भरवाने के लिए 250 से 400 रुपए लिए जाते हैं। इनमें क्षमता से 35-40 फीसदी कम गैस भरी जाती है। गैस भरवाने वाले ग्राहक को यह पता नहीं होता कि गैस कितनी भरी गई है, जबकि गैस एजैंसी में 5 कि.ग्रा. का गैस सिलैंडर निर्धारित रुपए की धरोहर राशि देकर प्राप्त हो सकता है। इसके पीछे जागरूक करने के लिए प्रशासन या खाद्य एवं आपूॢत विभाग ने कोई अभियान नहीं चलाया। एजैंसियों ने अपने स्तर पर प्रयास किया, लेकिन कारगर साबित नहीं हुआ।

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Content Writer

Manisha rana

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