कोरोनिल किट खरीदने पर IMA के निशाने पर हरियाणा सरकार, बताया जानलेवा साबित हो सकता है ये कदम

punjabkesari.in Wednesday, May 26, 2021 - 07:06 PM (IST)

रेवाड़ी/महेंद्रगढ़ (योगेंद्र सिंह): योग गुरु बाबा रामदेव के बाद आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के निशाने पर हरियाणा सरकार भी आ गई है। आईएमए ने हरियाणा सरकार द्वारा खरीदी गई एक लाख कोरोनिल किट एवं उनके निशुल्क वितरण पर सवाल उठाते हुए इसे जानलेवा बताया है। आईएमए का कहना है कि यह अवैज्ञानिक प्रोडक्ट है और इसे डब्ल्यूएचओ से मान्यता मिलने का दावा पहले ही झूठा साबित हो चुका है। ऐसे में इसका हरियाणा में वितरण करना जहां खतरनाक साबित हो सकता है वहीं यह पैसे की भी बर्बादी है। 

इसके पहले एलोपैथी पर दिए गए बाबा रामदेव के बयान को लेकर भी आईएमए लगातार विरोध करते हुए कानूनी कार्रवाई की ओर अपने कदम आगे बढ़ा चुकी है। साथ ही हरियाणा में कोरोनिल किट वितरण को लेकर कहीं आईएमए एवं पतंजलि मैंबर आमने-सामने ना आ जाए इसको लेकर भी प्रशासन को अलर्ट रहने की जरूरत है।

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स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जैसे ही ट़्वीट कर बताया कि हरियाणा सरकार योग गुरु पतंजलि की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल किट का प्रदेश की जनता के बीच निशुल्क वितरण करेगी। इसका आधा खर्च पतंजलि तो आधा हरियाणा सरकार के कोविड राहत कोष से वहन किया जाएगा। इस ट्वीट को बाबा रामदेव ने रिट्वीट कर इसे हरियाणा सरकार का सराहनीय कदम बताया वैसे सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया। 

आईएमआई ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसका विरोध किया। सोशल मीडिया पर कई दूसरे लोगों ने भी इस पर सवाल उठाए। जबकि प्रदेश के गांवों में कोरोना की इंट्री के चलते संभवत: सरकार ने यह फैसला लिया और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोनिल किट का वितरण करने का ऐलान किया। कोरोनिल की लांचिंग से ही बाबा रामदेव आईएमआई के निशाने पर हैं और कोरोनिल खरीदी करने पर सरकार की मंशा पर भी सवाल उठा रही है। 

आईएमए प्रदेश अध्यक्ष डा. करन पूनिया का कहना है कि यह सरकार का कदम जानलेवा साबित हो सकता हैं। यह जहां सरकारी पैसा बर्बाद करने का फैसला है, वहीं यह लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। डॉ पुनिया का कहना है कि इंडिया के ड्रग कंट्रोल जनरल एवं आयुष विभाग ने भी कोरोनिल को अप्रूव्ल नहीं दी है, तो कोरोना महामारी के बीच में इसका वितरण करना कहीं घातक साबित ना हो जाए। उन्होंने सरकार को इस पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है।

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कोरोनिल लांचिंग से ही चल रहा विवाद
फरवरी माह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की मौजूदगी में कोरोनिल को कोरोना की पहली दवा बताते हुए इसकी लांचिंग की गई थी। उस समय में भी आईएमआई ने इसका पुरजोर विरोध किया था। आईएमआई ने इसे अवैज्ञानिक प्रोडक्ट करार देते हुए कहा था कि उनकी आरटीआई में यह साफ हो गया था कि कोरोनिल को डब्ल्यूएचओ ने मान्यता नहीं दी। स्वास्थ्य मंत्री एवं चिकित्सक होने के बावजूद हर्षवर्धन की मौजूदगी में कोरोनिल की लांचिंग पूरी तरह गलत थी और वह इसे कैसे बढ़ावा दे सकते हैं।

एलोपैथी पर बाबा रामदेव के बयान पर मचा है घमासान
आईएमए ने दिल्ली के दरियागंज थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ शिकायत भी दी है। साथ ही बाबा रामदेव को एक हजार करोड़ का नोटिस भेजकर 15 दिन में लिखित माफी व कोरोनिल किट का भ्रामक विज्ञापन सभी जगह से हटाने को कहा है। आईएमए बाबा रामदेव का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें उन्होंने एलोपैथी को मूर्खतापूर्ण विज्ञान कहा। साथ ही कहा कि भारत औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 इलाज के लिए मंजूर मेडिसिल कोरोना इलाज में बेअसर रही और इससे लाखों मौत हुई हैं। 

हालांकि पतंजलि ने वायरल वीडियो को लेकर बयान जारी किया था कि ओरिजन वीडियो को संपादित कर वायरल किया गया है। विवाद के बाद आचार्य बालकृष्ण द्वारा हस्ताक्षरित बयान के अनुसार महामारी में रात-दिन कठिन परिश्रम कर रहे चिकित्सक एवं मेडिकल स्टॉफ का बाबा रामदेव पूरा सम्मान करते हैं। उन्हें आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्साक पद्धति से चिकित्सा करने वालों के खिलाफ कोई गलत मंशा नहीं है, जो भी आरोप लगाए जा रहे वह गलत व निरर्थक हैं।



एकजुटता दिखानी होगी, आईएमए और पतंजलि मैंबर को
सेवानिवृत्त डीएसपी अरविंद सिंह कहते हैं कि यह आपदा का समय है और इस समय आईएमए एवं पतंजलि को एकजुटता दिखाते हुए कोरोना से निपटने की रणनीति पर काम करना चाहिए। हालांकि प्रशासन को भी इनके बीच सुलह का रास्ता निकालना चाहिए। कहीं ऐसा ना हो कि कोरोनिल किट वितरण के समय आईएमए मैंबर उसका विरोध करने लगे और विवाद की स्थिति निर्मित हो जाए। अरविंद सिंह का कहना है कि इसके लिए सरकार को जल्द से जल्द रास्ता निकालना चाहिए।
 

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Content Writer

vinod kumar

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