BBMB मामले में विभाजन के वक्त तय हुई हिस्सेदारी को हम किसी भी सूरत में कम नहीं होने देंगे: दुष्यंत

punjabkesari.in Wednesday, Mar 02, 2022 - 04:44 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : इस बार के बजट सत्र में विपक्षी दल कांग्रेस का आक्रामक रुख रहना लगभग तय माना जा रहा है। कांग्रेस पार्टी मुख्यतः अपने को किसान हितेषी साबित करने के लिए किसानों पर दर्ज मुकदमों को तुरंत प्रभाव से वापस लेने का मुद्दा जोर-शोर से उठाने वाली है। यह पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा से हुई बातचीत में तय हो गया है। साथ ही साथ इस बार बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) में प्रदेश की सदस्यता को समाप्त करने का मुद्दा भी गर्मा सकता है।

आखिर इन सवालों के लिए प्रदेश सरकार कितनी तैयार है और पानीपत के उद्योगों को लटकती एनजीटी की तलवार से बचाने को लेकर प्रदेश सरकार के पास क्या रोड मैप है और निजी क्षेत्र में हरियाणा के युवाओं को 75 फ़ीसदी आरक्षण का लाभ कब तक होने की संभावनाएं हैं, इन सब सवालों को लेकर पंजाब केसरी ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौ0 दुष्यंत चौटाला से विशेष बातचीत की। बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न :  बीबीएमबी और किसानों के केस वापसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस आपकी सरकार को घेरने की तैयारी में है। सरकार कितनी  तैयार है ?
उत्तर : 
सवा 2 साल में निरंतर हर विधानसभा सेशन के दौरान सरकार ने विपक्ष के हर आरोप का गंभीरता से जवाब दिया है और यह सरकार पूरी तरह से पारदर्शी सरकार है, यह साबित किया है। कहीं भी कोई कमी दिखने पर सख्त एक्शन लिया गया है।कांग्रेस शासनकाल की तरह नहीं कोई कमी बताने वालों को जवाब देने के बजाय हाउस से बाहर निकाल दिया जाता था। तमाम चीजों को देखते हुए अगर किसी बात का जवाब वह हाउस में सरकार से लेना चाहते हैं तो हम पूरे तथ्यों के साथ अपनी बात को रखेंगे। 

प्रश्न : आखिर बीबीएमबी का मामला क्या है ?
उत्तर : 
हरियाणा- पंजाब विभाजन के वक्त यूटी एडमिनिस्ट्रेशन, हाई कोर्ट, चाहे भाखड़ा- ब्यास मैनेजमेंट इत्यादि में 60-40 का रेशो तय हुआ था। अगर कोई हमारा हिस्सा लेना चाहेगा तो हरियाणा उस पर पूरा स्टैंड लेगा। हमने अपना रुख दिखाया है और हमें इस बारे केंद्र से चर्चा करनी पड़ेगी क्योंकि यह मामला सिंचाई और पावर से संबंधित है, मुख्यमंत्री ने भी इस पर अपनी बात रखी है, मुझे नहीं लगता कि इतने अहम मुद्दे पर इतनी महत्वपूर्ण पोस्ट बाहर जाने दी जाएगी। 

प्रश्न : बीबीएमबी पर प्रदेश का स्टैंड क्या है ?
उत्तर : 
विभाजन के वक्त तय हुई हिस्सेदारी को हम किसी भी सूरत में कम नहीं होने देंगे।

प्रश्न : वृद्धावस्था पेंशन पर आपके रुख के बावजूद विपक्ष इसको विधानसभा में मुद्दा बनाने वाला है ?
उत्तर : 
मैंने पहले भी इस पर अपना रुख साफ किया था और मैं आज भी यही कह रहा हूं कि जिस भी व्यक्ति की वृद्धावस्था पेंशन  बंद हो गई है, वह अपने गांव के सीएससी पर जाकर अपने आपत्ति दर्ज करवाएं, 24 घंटे में उसकी पेंशन दोबारा शुरू कर देंगे। आधुनिकता की तरफ जाने पर कुछ दिक्कतें आती हैं। परिवार पहचान पत्र से जुड़े होने के कारण बुजुर्ग की आमदनी परिवार की आमदनी के साथ जोड़कर देखा गया। मैंने क्लियर कहा है कि बुजुर्ग दंपत्ति को वास्तविक आमदनी के बेस पर उसे बुजुर्ग पेंशन देंगे।

प्रश्न : 2 लाख की आय वाले नियम का आधार क्या रहेगा ?
उत्तर : 
यह बात भूपेंद्र सिंह हुड्डा को क्लियर करनी चाहिए। क्योंकि उनके समय में पेंशन देने के लिए 2 लाख रुपए से कम की लिमिट तय की थी। वह क्यों तय की गई। आखिर इसकी जरूरत क्या पड़ी। हम इस लिमिट पर भी विचार करेंगे। अगर जरूरत समझी गई तो हम इस लिमिट को बढ़ा भी सकते हैं और इसे खत्म भी कर सकते हैं। मुझे लगता है कि जिस परिवार में दंपत्ति की आय 5 लाख रुपए है तो उसे स्वेच्छा से यह पेंशन छोड़नी चाहिए। यह पेंशन उन व्यक्तियों के लिए बनाई गई थी पैसा ना होने पर जिन्हें सहयोग की जरूरत होती थी। जिस प्रकार से बीपीएल की पात्रता की सीमा को हमने बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार रुपए किया है इसी प्रकार वृद्धावस्था पेंशन की भी सीमा हमें बढ़ानी पड़ी तो हम बनाएंगे।

प्रश्न : किसानों पर दर्ज मुकदमे के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से आक्रामक है ?
उत्तर : 
केस वापिस हुए हैं और किसान यूनियनों ने भी इसकी सराहना की है। हम पहले दिन से कहते थे कि यह आंदोलन कांग्रेस द्वारा उकसाया गया आंदोलन है। यह बात जगजाहिर है कि किस तरह से कांग्रेस के लोगों ने हमारा विरोध किया। आज भी यही दिख रहा है कि यह आंदोलन कांग्रेस समर्थित था। 

प्रश्न : रेलवे द्वारा दर्ज मुकदमों पर ज्यादा विरोध देखा जा रहा है ?
उत्तर : 
यह प्रदेश का मामला नहीं है। हाईवे एक्ट और रेलवे एक्ट में दर्ज मुकदमों को लेकर केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है और इस प्रकार के केस हटाने को लेकर प्रोसेस चल रहा है।

प्रश्न : प्री बजट चर्चा भी हुई। किस प्रकार के बजट की उम्मीद करते हैं ?
उत्तर : 
सभी विभागों ने अपनी अपनी मांग और राय  रखी हैं। मैंने पूरे देश भर में इंडस्ट्री के लोगों से चर्चा की है। कोविड महामारी के 2 वर्ष के दौरान भी प्रदेश का बजट जनहित में रहा। यह बजट वास्तव में एक उन्नति के पथ पर ले जाने वाला बजट होगा। जिसमें हर वर्ग-हर क्षेत्र का ध्यान रखा जाएगा।

प्रश्न : पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज द्वारा पानीपत को एनसीआर से बाहर निकालने की मुख्यमंत्री से मांग को आप कैसे देखे हैं ?
उत्तर : 
एनजीटी की एनसीआर के लिए एक नई गाइडलाइन आई हैं। एनसीआर की लिमिट को 100 किलोमीटर कर दिया है। जिसमें घरौंडा- जुलाना- बवानीखेड़ा रह जाएगा और उन जिलों के बाकी एरिया एनसीआर से बाहर निकल जाएंगे। यह केवल एक नहीं बल्कि 4 प्रदेशों की सरकारों का मामला है।मुख्यमंत्री इस मामले में दिल्ली कई बैठकों में हिस्सा ले चुके हैं। आज जिलों की बजाय 100 किलोमीटर का क्षेत्र तय होना भी एक बड़ी बात है।

प्रश्न : पानीपत की इंडस्ट्री को बचाने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे ?
उत्तर : 
मेरी इस बारे कई विशेषज्ञों से बातचीत हुई है। जो टेक्नोलॉजी की जरूरत होगी उसका इंतजाम करेंगे। यूनियन ऑफ इंडिया का भी आर्डर आया कि पीएनजी और सीएनजी पर अपने ब्वॉयलर्स को स्विफ्ट करें। सीएनजी-पीएनजी के प्रोडक्शन के लिए चाहे सीबीजी प्लांट्स लाने हो प्रदेश हर प्रकार की सुविधाएं देने के लिए अग्रसर रहेगी।

प्रश्न : आपकी सवा 2 साल की सरकार की ऐसी कौन सी उपलब्धियां हैं जो आप शेयर करना चाहते हैं ?
उत्तर : 
सारी उपलब्धियां गिनवाने में समय काफी लग जाएगा। हमने रोजगार पैदा करने को प्राथमिकताएं दी। इंडस्ट्रियां लाने को प्राथमिकताएं दी। हमने आईटी के सहयोग से अधिकारियों की दखल को कम करने का काम किया। हमने लाल डोरा मुक्ति, पारदर्शिता, ड्रोन मैपिंग के माध्यम से प्रदेश के एक-एक रिकॉर्ड को स्वामित्व में जोड़ने जैसे बहुत से सराहनीय ऐसे काम किए जो देश में किसी प्रदेश ने अभी तक नहीं किया।

प्रश्न : निजी सेक्टर में 75 फ़ीसदी नौकरियां प्रदेश के युवाओं को कब तक मिलनी शुरू होंगी ?
उत्तर : 
4 तारीख को कोर्ट में तारीख है। सरकार अपनी बात को मजबूती से रखेगी। हरियाणा के युवाओं को उनका अधिकार प्राथमिकता के आधार पर मिले यही हमारा लक्ष्य रहेगा। रोजगार के साधन हरियाणा में बढ़े इस लक्ष्य पर हमारी सरकार आगे बढ़ रही है।

प्रश्न : 4 सालों में अनियमितताओं से रजिस्टरी करने पर राजस्व विभाग के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस मामले में आप क्या कहेंगे ?
उत्तर : 
जिसने गलती की है उसे बख्शा नहीं जाएगा। यह केवल कारण बताओ नोटिस है। जिसे यह लगता है कि गलती नहीं की उसे अपना जवाब देकर संतुष्ट करना होगा। 

प्रश्न :  पटवारियों ने इस मामले में अपनी नाराजगी भी दर्ज करवाई है ?
उत्तर :
 वह अपने लिखित में जवाब दे रहे हैं। अगर किसी की गलती नहीं होगी तो उसे दोषी नहीं बनाया जाएगा।

प्रश्न : इस वर्ष राज्य सभा के चुनाव में क्या जेजेपी भी क्लेम करेगी ?
उत्तर :
दोनों पार्टियां बैठकर इस पर चर्चा करेंगी।


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Content Writer

Manisha rana

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