बड़ी खबर- एफआईआर के अंदर भविष्य में उर्दू तथा फारसी भाषा के इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगेगा

punjabkesari.in Monday, Mar 14, 2022 - 11:49 AM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा के अंदर पुलिस विभाग में दर्ज होने वाले एफआईआर के अंदर भविष्य में उर्दू तथा फारसी भाषा के इस्तेमाल करने पर हरियाणा का गृह मंत्रालय जल्दी ही प्रतिबंध लगाने जा रहा है। पुलिस विभाग हरियाणा के एडिशनल चीफ सेक्टरी जल्दी इस संदर्भ में पुलिस विभाग को निर्देश जारी कर सकते हैं। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय के मद्देनजर इस मामले में हरियाणा गृह विभाग के एसीएस को आदेश जारी कर दिए गए हैं।

हरियाणा कथा भारतवर्ष के अंदर विभिन्न मुकदमों में दर्ज होने वाले एफआईआई में राष्ट्रीय भाषा हिंदी तथा दूसरी भाषा अंग्रेजी के इस्तेमाल का प्रचलन है। इन मुकदमों के अंदर उर्दू तथा फारसी के अत्याधिक शब्द इस्तेमाल किए जाने के मामले को लेकर दिल्ली की हाईकोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई है।

उल्लेखनीय है कि इन मुकदमों के अंदर शिनाख्त,बयान अजाने मुखबिर, जैसे शब्दों के इस्तेमाल को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि एफ आई आर एक ऐसा दस्तावेज है जो किसी भी दोषी को सजा दिलवाने के लिए प्रॉसीक्यूशन विभाग के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी साबित होता है। पुलिस विभाग को उसी भाषा में लिखना चाहिए जिस भाषा में शिकायतकर्ता शिकायत देकर गया है। पुलिस अपनी दक्षता ऐसे मामलों में उर्दू व फारसी के शब्दों का उपयोग कर दिखाने की कोशिश ना करें क्योंकि उससे कई बार उपयोगी शब्द भाषा बदल जाने पर भिन्न हो जाते हैं तथा उनका मतलब कुछ और निकाल लिया जाता है।

दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा कहां गया है कि न्यायपालिका को एफआईआर तथा उसके कंटेंट पढ़ने में दिक्कत ना हो इसका विशेष रुप से ध्यान रखा जाए। एफआईआर से संबंधित सभी कार्यवाही क्योंकि पुलिस विभाग करता है तथा पुलिस विभाग के द्वारा उर्दू व फारसी के पुरानी परंपराओं के अनुसार चले आ रहे हैं शब्दों का इस्तेमाल होता है उसके चलते हुए कई बार किसी भी घटनाक्रम का भाव अलग ना हो जाए इसका विशेष रुप से ध्यान रखा जाए। उर्दू व फारसी के शब्द इस्तेमाल होने से ऐसा कई बार होते देखा गया है। ज्यादातर लोग राष्ट्रीय भाषा हिंदी या देश में प्रचलित भाषा अंग्रेजी का इस्तेमाल मुकदमा दर्ज करवाने में उपयोग करते हैं।

पुलिस विभाग के द्वारा उर्दू और अरबी के शब्दों का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किसी भी मुकदमे की जांच के दौरान किया जाता है। इन शब्दों को सहजता से समझना आम आदमी के लिए सरल नहीं है। आम आदमी जिस भी भाषा में अपनी शिकायत देता है उसी भाषा के अनुरूप पुलिस ने जांच के दौरान अगर कार्य करें तो अदालत के अंदर केस की पैरवी करते हुए शिकायतकर्ता को अपनी हर बात अच्छे तरीके से व्यक्त करने का मौका मिलता है।

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के संज्ञान में जब दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला लाया गया तो उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेशों का अवलोकन करने के बाद हरियाणा गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्टरी को आदेश दिए हैं कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार हरियाणा पुलिस विभाग को इस संदर्भ में आदेश जारी किए जाएं कि भविष्य में हरियाणा के अंदर उर्दू तथा फारसी के शब्द पुलिस विभाग किसी भी मुकदमा किया एफआईआर या जांच में उपयोग ना करें।

हरियाणा पुलिस के अंदर पिछले कुछ वर्षों में अगर देखा जाए तो पुलिस की कार्यप्रणाली कंप्यूटर आधारित व ऑनलाइन हो चुकी है। अब हरियाणा में आवश्यकता पड़ने पर किसी भी मुकदमे से संबंधित एफआईआर को ऑनलाइन सहजता से तलाश किया जा सकता है। हरियाणा पुलिस द्वारा गवाहों के बयानात व जिमनिया लिखने की प्रक्रिया भी कम्प्यूटर आदजरित व  अधिकांश कार्रवाई ऑनलाइन किए जाने की प्रक्रिया है काफी सरलता अदालत में सबमिट होने वाले डाक्यूमेंट्स को लेकर आई है औरंग राम अतीत में कार्बन लगाकर या फोटो सेट करवा कर पुलिस अपना रिकॉर्ड अदालत में या पुलिस फाइल में कर रखती थी। जिसके कारण कई बार अदालत की कार्रवाई के दौरान स्पष्ट रूप से पढ़ने में भी भूखे लोगों को दिक्कत आती थी।

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Content Writer

Vivek Rai

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