कैसे दोगुनी होगी आय, जब औने-पौने दाम में किसान बेच रहे धान

punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2019 - 02:54 PM (IST)

फरीदाबाद (अनिल राठी) : सूबे की सरकार एक तरफ जहां किसानों के परमल धान का एक-एक दाना खरीदनें का दावा कर रही है वहीं दूसरी तरफ फरीदाबाद और पलवल जिले में 80% क्षेत्र में बोए जाने वाली बासमती धान को नहीं खरीदा जा रहा है। जिसकी वजह से किसान आढ़तियों को अपने धान को औने पौने दाम में बेच रहे हैं। किसान सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनके धान का सरकारी रेट फिक्स किया जाए।

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दिखाई दे रहा यह नजारा बल्लभगढ़ मंडी का है जहां लाखों क्विंटल धान पड़ा हुआ है लेकिन सरकार का इस तरफ ध्यान नहीं है। किसानों का साफ तौर से कहना है कि सरकार ने परमल धान के रेट फिक्स करने के साथ-साथ ही एक-एक दाना खरीदने का दावा किया है लेकिन उनके बासमती धान को नहीं खरीदा जा रहा है जिसकी वजह से उन्हें औने पौने दामों में आढ़तियों को बेचना पड़ रहा है।

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किसानों का कहना है कि पहले तो उन्हें मौसम की मार झेलनी पड़ी जिसकी वजह से उनकी पैदावार कम हुई। उसके बाद पिछले साल जो धान 35 सो रुपए क्विंटल बिका था वह इस बार ढाई हजार रुपए क्विंटल तक बिक रहा है और वह भी आढ़तियों के माध्यम से जिसकी वजह से उन्हें धान की पैदावार की लागत भी नहीं मिल पा रही है। किसानों का कहना है कि सरकार उनके धान के रेट फिक्स कर उसे भी खरीदें।

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महारथियों का मानना है कि हमारे क्षेत्र में ज्यादातर 80% क्षेत्र में बासमती धान ही बोया जाता है लेकिन सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं देती जिसकी वजह से किसानों को इसका नुकसान उठाना पड़ता है। इस धान को यहां से यह एक्सपोर्ट किया जाता है कि इस बार एक्सपोर्टर बासमती धान में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं जिसकी वजह से किसानों को धान के रेट कम मिल रहे हैं। 

 


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Isha

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