वन विभाग में उच्च अधिकारियों की बढ़ी संख्या, फॉरैस्टर्स के 50 फीसदी पद रिक्त : विजय बंसल

punjabkesari.in Monday, Jul 27, 2020 - 04:31 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : वन विभाग की जिम्मेवारी प्रदेश के वन क्षेत्र को बढ़ाने व उसके रख रखाव के लिए होती है,जबकि सूबे में इन सब चीजों को दर किनार कर उच्च अफसर, भाजपा-जजपा सरकार के संरक्षण में निजी स्वार्थ पूरे करने में व्यस्थ है, उक्त आरोप हरियाणा किसान कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व पूर्व चेयरमैन विजय बंसल एडवोकेट ने हरियाणा में घटते वन क्षेत्र व आए दिन भू माफिया-खनन माफिया द्वारा वन विभाग की जमीनों पर कब्जे कर सरकार को भारी नुक़सान हो रहा है।

विजय बंसल के अनुसार हरियाणा जैसे प्रदेश में फारेस्ट विभाग के अधिकारियों को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए क्योंकि यहाँ पहले ही फारेस्ट कवर कम है और इंडस्ट्रीज आदि के कारण वायु प्रदूषण भी ज्यादा है। इतने अधिकारियों के होने के बावजूद वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार से कोई नया प्रोजेक्ट स्वीकृत करवाने में भी वन विभाग असक्षम साबित हुआ।

विजय बंसल ने कहा कि काफी वर्षो से वन विभाग द्वारा फारेस्ट एरिया को बढ़ाने के लिए न तो कोई नई योजना बनाई गई व न ही वन क्षेत्र का रखरखाव किया गया जिसके कारण फारेस्ट पॉलिसी के अनुसार जहां अब तक 20 प्रतिशत फारेस्ट होना चाहिए था वो अब केवल 3.7 प्रतिशत ही है जोकि हरियाणा के गठन के समय था। विजय बंसल ने बताया कि जहां इतने कम फॉरेस्ट कवर के लिए 8 पीसीसीएफ बनाकर राजस्व पर बोझ डाला गया है तो वही धरातल पर काम करने के लिए रेंजर, फारेस्ट गार्ड, फोरेस्टर्स की संख्या कम कर दी गई।

जानकारी देते हुए बंसल ने बताया कि उच्च अधिकारियों के पदों में 800 प्रतिशत की बढ़ोतरी तो वही धरातल पर काम करने वाले अधिकारियो की संख्या में कुल प्रतिशत की कमी की गई है। कार्यभार पर बात करते हुए विजय बंसल ने बताया कि एग्रो फॉरेस्ट्री भी अब कृषि विभाग के अंतर्गत है जबकि अधिकतर तरह पौधरोपण व पेड़ कवर भी बागबानी विभाग के अंतर्गत है।ऐसे में वन विभाग के पास 8 पीसीसीएफ के लिए कोई खास कार्य नही है, साथ ही अब तक कोई योजना इन अफसरों द्वारा नही बनाई गई है।बंसल की माने तो इतने अधिकारियों का होना राजनीतिक एडजस्टमेंट का जीता जागता उदाहरण है जिसके कारण प्रदेश के टैक्सपेयर की जेब पर आर्थिक बोझ पढ़ रहा है।

आरटीआई में प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल कितने पद स्वीकृत व रिक्त
आरटीआई में प्राप्त जानकारी के अनुसार विजय बंसल ने बताया कि हरियाणा वन विभाग में कुल 4504 मंजूर पद है जिसमे से 2690 कार्यत है।हरियाणा फारेस्ट ऑफिसर(HFS) के पद 54 स्वीकृत है जिनमे से 33 कार्यत है,फारेस्ट रेंजर के 126 पद स्वीकृत है जबकि 45 कार्यत है,डिप्टी रेंजर के 123 पद स्वीकृत है जबकि 60 कार्यत है,फोरेस्टर के 487 पद स्वीकृत है जबकि 137 कार्यत है,फारेस्ट गार्ड के 1493 स्वीकृत है जबकि 793 कार्यत है।इसके साथ ही वन्य प्राणी विभाग में वाइल्ड लाइफ इंस्पेक्टर के 20 पद स्वीकृत है 15 कार्यत है,वाइल्ड लाइफ गार्ड के 74 पद स्वीकृत है व 23 कार्यत है।रेवेन्यू विभाग में कोई तहसीलदार व पटवारी नही है जबकि 15 पटवारी स्वीकृत पद थे,7 स्वीकृत कानूगो में से केवल 1 ही कार्यत है।बंसल ने कहा कि पहले सिर्फ 2 ही पीसीसीएफ के पद स्वीकृत थे जोकि अब बढ़कर 8 कर दिए गए।जानकारी के अनुसार 2004 के पश्चात कोई भी फ़ॉरेस्ट रेंजर  की नई भर्ती नही की गई।

हरियाणा में कुल कितना है वन क्षेत्र
विजय बंसल ने बताया कि हरियाणा प्रदेश के कुल 4.42 मिलियन हेक्टेयर भोगोलिक एरिया में से 0.155 मिलियन हेक्टेयर यानी 3.52 प्रतिशत फ़ॉरेस्ट एरिया के अंदर 15.99 प्रतिशत आरक्षित,74.36 प्रतिशत प्रोटेक्टेड,1.06 प्रतिशत अनक्लॉसड व 8.59 प्रतिशत नोटिफ़ाईड फ़ॉरेस्ट एरिया है। इसके साथ ही हरियाणा में सुल्तानपुर व कलेसर नेशनल पार्क तथा दस वाइल्डलाइफ़ सेंचरी है।अब हरियाणा में जंगलो के बाहर 3.2 प्रतिशत एगरो फ़ॉरेस्ट को मिलाकर कुल 6.63 प्रतिशत फ़ॉरेस्ट एरिया है।

राज्य सरकार को क्या दिए सुझाव
विजय बंसल ने सरकार को सुझाव दिया है कि रेंजर,फारेस्ट गार्ड समेत सभी धरातल पर काम करने वाले रिक्त पदों पर भर्तियां की जाए,इसके साथ ही वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए कैम्पा योजना के अंतर्गत वन क्षेत्र के साथ लगती जमीनों का अधिग्रहण किया जाए।साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पीएलपीए की धारा 5 के अंतर्गत आने वाली जमीन को वन क्षेत्र माना है जबकि मालिकाना हक किसानों के नाम है इसलिए उन जमीनों को अधिग्रहण कर किसानों का हक दिया जाए जिससे वन क्षेत्र में भी वृद्धि हो और किसानों को भी कोई समस्या न हो।


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Edited By

Manisha rana

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