जींद की रैली से पुन: मजबूत होकर उभरेगी इनेलो, कार्यकर्ताओं की लगाई ये जिम्मेदारी

punjabkesari.in Sunday, Sep 12, 2021 - 04:24 PM (IST)

रेवाड़ी-महेंद्रगढ़ (योगेंद्र सिंह) : भले ही प्रदेश की विधानसभा चुनाव में इनेलो का एक भी विधायक नहीं है लेकिन पार्टी नेताओं का जोश-जज्बा ऐसा है कि वह जैसे प्रदेश में सरकार बनाने जा रहे हैं। इनेलो मध्यावधि चुनाव की उम्मीद लगाकर बैठी है और इसी को लेकर वह अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार कर रही है कि आने वाले समय में सत्ता में इनेलो वापिसी करेगी लेकिन कैसे इसका कोई जवाब नहीं है।

हालांकि जींद में होने वाली 25 सितंबर की रैली को ऐतिहासिक बनाने के साथ इसके माध्यम से इनेलो शक्ति प्रदर्शन कर सत्ता नेताओं की नींद उड़ाने का सपना देख रही है। रैली को सफल एवं ऐतिहासिक बनाने के साथ ही मंच पर विपक्ष के दिज्गजों की फौज खड़ी कर इनेलो तीसरे मोर्चे के गठन का दावा कर रही है लेकिन यह मुमकिन है या नहीं तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन रैली के बाद इनेलो मजबूत होकर उभरेगी और पार्टी छोडक़र गए कार्यकर्ता घर वापिसी करेंगे या नहीं इस पर सभी की नजरें टिकी हुईं हैं।

जेबीटी भर्ती मामले में दस साल की सजा काटकर तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद पूर्व सीएम एवं इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के खासे आक्रमक होकर सत्ता पक्ष पर तीखे प्रहार कर रहे हैं। जींद रैली को लेकर वह प्रदेशभर के अपने कार्यकर्ताओं में जहां उत्साह का संचार कर रहे हैं वहीं उन्हें अधिक से अधिक संख्या में रैली में शिरकत करने का आव्हान भी कर रहे हैं। इसके साथ ही चौटाला तीसरे मोर्चे के गठन की संभावनाएं भी तलाशते नजर आ रहे हैं।

जींद रैली तीसरे मोर्चे के गठन या उसकी पटकथा लिखने का मंच बनेगा या नहीं इसको लेकर सभी की नजर 25 सितंबर की रैली पर है। जिस प्रकार से चौटाला लगातार केंद्र से लेकर राज्य सरकार पर तीखे हमले कर रहे हैं उससे तो लगता है कि तीसरे मोर्चे को लेकर संभवत : विपक्ष के कई नेताओं से उनके संपर्क में हैं या फिर उनकी बातचीत चल रही है। रैली के लिए भी विपक्ष के कई वरिष्ठ नेताओं को जींद आने का निमंत्रण दिया गया है और इसके बाद ही सस्पेंस से पर्दा हटेगा। हालांकि यह तो तय है कि जींद रैली के बाद इनेलो मजबूत होकर उभरेगी। रैली से पहले ही इनेलो कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है और सभी जींद में शक्ति प्रदर्शन करने को आतुर नजर आ रहे हैं।

यह अलग बात है कि पूर्व सीएम चौटाला प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार को लगातार चुनौती देते हुए दावा कर रहे हैं कि यह सरकार अपना पूरा कार्यकाल नहीं करेगी और प्रदेश मध्यावधि चुनाव की ओर जा सकता है। इसी के चलते इनेलो कार्यकर्ताओं का उत्साह सातवें आसमान पर है। जबकि यह सर्वविदित है कि इनेलो पिछले चुनाव में सिर्फ एलनाबाद सीट ही जीत पाई थी और किसान आंदोलन, कृषि बिल के चलते अभय चौटाला ने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसके चलते इस समय इनेलो का एक भी विधायक नहीं है बावजूद वह सत्ता परिवर्तन का दावा किस आधार पर कर रही यह किसी की भी समझ में नहीं आ रहा है। बावजूद राजनीतिक जानकार एवं विपक्ष व सत्ता पक्ष के नेताओं की नजर जींद पर है और सभी तीसरे मोर्चे की कवायद कितना सिरे चढ़ती है इसका इंतजार कर रहे हैं।

अहीरवाल से अधिक उम्मीदें
एक दशक पूर्व इनेलो अहीरवाल में मजबूत थी और गुरुग्राम से लेकर महेंद्रगढ़ तक उसके कार्यकर्ताओं की पूरी फौज थी। चौटाला के जेल जाने के बाद पार्टी धीरे-धीरे पतन की ओर चली गई। वहीं वर्ष २०१४ में पार्टी में फूट के बाद जजपा गठन के बाद इनेलो कार्यकर्ता दूसरी पार्टी का रूख करने लगे थे। हालांकि पूर्व सीएम चौटाला के कट्टर समर्थक आज भी उनसे जुड़े हुए हैं और यही कारण रहा कि जजपा को विधानसभा चुनाव में अहीरवाल में अधिक सफलता नहीं मिली। इसी के चलते इनेलो अहीरवाल से अधिक उम्मीद लगाकर बैठी है। वहीं पूर्व सीएम ने कार्यकर्ताओं से कहा भी है कि जो साथी भटक गए या भ्रमित हो गए उन्हें वह वापस इनेलो में लेकर आ सकते हैं। इसकी जिम्मेदारी भी कार्यकर्ताओं को ही सौंपी गई है। उन्होंने कहा है कि जात-पात के भेदभाव से ऊपर उठकर हमें संगठन को मजबूत करना है, जात से बड़ी जमात होती है। इससे साफ है कि इनेलो के विस्तार में जाति विशेष के लोगों के अलावा अब दूसरे समाज के लोगों को भी अहम पद व जिम्मेदारी दी जा सकती हैं।

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व अपने पौते पर लगातार कर रहे तीखे प्रहार
इनेलो सुप्रीमो से लेकर अभय सिंह चौटाला के निशाने पर प्रदेश सरकार के साथ ही उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला हमेशा रहते हैं। पूर्व सीएम ने अपने पौते का नाम लिए बिना कई बार कहा कि उपमुख्यमंत्री के पास वाले विभागों में ही अधिक गड़बड़ी व भ्रष्टाचार के मामले सर्वाधिक क्यों आ रहे हैं। उन्होंने कल ही कहा था कि उनके पिता चौधरी देवीलाल ने इनेलो पार्टी रूपी पौधा लगाया था लेकिन कुछ लुटेरे पौधे के फलों को लूटकर ले गए। ऐसे लोगों का वह नाम नहीं लेना चाहते लेकिन उनके कार्यकर्ता व प्रदेश की जनता सब जानती है। 


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Content Writer

Isha

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