अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : नारी सशक्तिकरण को सामाजिक आंदोलन बनाने की बनी रणनीति
punjabkesari.in Monday, Mar 08, 2021 - 09:26 AM (IST)
चंडीगढ़ : महिलाओं को सशक्त बनाने और सामाजिक व्यवस्था में उनके प्रति सम्मान भाव को बढ़ाने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कमर कस ली है। बालिका से लेकर महिला के पोषण स्तर में इजाफा करने जैसी केंद्र-प्रदेश सरकार की योजनाओं के अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सामाजिक दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाने की पहल शुरू की जा रही है। इसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में 9 एम.ओ.यू. साइन होंगे, जिसमें विभाग विभिन्न मुद्दों पर प्रभावी तरीके से समाज में दखल देने वाले स्वयंसेवी संगठनों के साथ मिलकर नारी सशक्तिकरण को सामाजिक आंदोलन बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री आवास पर सोमवार को राज्यस्तरीय अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पहली बार विभाग नई योजनाओं के साथ-साथ समाज में बदलाव लाने के अपने रुख को स्पष्ट करेगा। विभागीय सूत्रों की मानें तो राज्यमंत्री ढांडा विभागीय कार्यशैली में पैनापन लाने के लिए निरंतर अधिकारियों के साथ बैठक कर रही थी। बैठकों में तय हुआ कि सरकारी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने के साथ-साथ महिलाओं के प्रति आमजन का दृष्टिकोण बदलने पर भी काम किया जाए। इस कड़ी में विभाग के आयुक्त डॉ. राकेश गुप्ता एवं महानिदेशक डॉ. रेणू एस. फुलिया द्वारा योजना तैयार की गई।
विभाग को सहयोग करेंगी 9 एन.जी.ओ.
महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर जागोरी संस्था दहेज, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रदेशभर में सुनियोजित तरीके से आयोजन किए जाएंगे। सेफ्टीपिन संस्था सार्वजनिक स्थान पर महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल देने को लेकर, मोबाइल शिशु गृह छोटे बच्चों के समग्र विकास के लिए शैड्यूल बनाने और निगरानी करने, प्रथम शिक्षा फाउंडेशन आंगनबाडी केंद्रों को प्ले स्कूल में परिवर्तित करने, अध्यापन और पाठ्यक्रम जैसे मुद्दों पर अपनी राय और सहयोग करेगा।
इसी प्रकार मानस फांउडेशन सार्वजनिक परिवहन को महिलाओं एवं लडकियों के नजरिए से सुरक्षित बनाने और चालकों को प्रशिक्षण, ब्रेकथ्रू ट्रस्ट लडकियों-महिलाओं के प्रति भेदभाव एवं हिंसा को अस्वीकार्य बनाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्यक्रम आयोजन, बचपन बचाओ आंदोलन बच्चों के खिलाफ हिंसा के सभी तरीकों को खत्म करने में समन्वय, कैलाश सत्यार्थी बाल फाउंडेशन बच्चों को स्वतंत्र, सुरक्षित, स्वस्थ और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने, कलावती सरन बाल अस्पताल कुपोषण की दर में कमी लाने की दिशा में सहयोगी बनेंगे।
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