जन सहायक-आपका सहायक ऐप हरियाणा के आईटी गेटवे के रूप में करेगा काम: मनोहर लाल

punjabkesari.in Sunday, Jul 04, 2021 - 05:02 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): मुख्यमंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि जन सहायक आपका सहायक नामक ऐप को आईटी गेटवे के रूप में करेगा काम। यह ऐप आमजन के जीवन को बदलने वाला साबित होने वाला है। क्योंकि यह प्रदेश के 42 विभागों 551 योजनाएं और जानकारियां साझा कर रहै है। अब इस ऐप के लॉन्चिंग से न केवल हेल्पलाइन नंबर पर स्पीड बढ़ेगी। बल्कि प्रदेश में बढ़ रहे अपराध के तंत्र को समाप्त करने में भी आसानी रहेगी। 

राज्य सरकार द्वारा विभिन्न ई-गवर्नेंस शुरू की जा चुकी हैं। कोविड-19 हेल्पलाइन नंबर 1075 समेत 112, 100, 108 , 101, 104, 1091, 1098, 1075 जैसी सभी आपातकालीन सेवाओं के लिए मात्र एक फोन मिलाने पर (डायरेक्ट डायलिंग) का आमजन लाभ उठा सकता है। लेकिन स्मार्टफोन के इस युग में सेवाओं को नागरिकों के घर द्वार तक पहुंचाने के लिए मोबाइल सेवा वितरण गेटवे की स्थापना की आवश्यकता महसूस हुई है:-

प्रस्तुत है मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पंजाब केसरी की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

प्रश्न:- जन सहायक-आपका सहायक' मोबाइल ऐप लॉन्च की वर्किंग क्या रहेगी ?
उत्तर:- इस ऐप के माध्यम से गवर्नमेंट टू सिटीजन (जी2सी) और बिजनेस टू सिटीजन (बी2सी) सेवाओं की कहीं भी-कभी भी-किसी को भी डिलीवरी सुनिश्चित होगी। इसके माध्यम से मोबाइल गवर्नेंस को सही अर्थों में लागू करने जा रही है। पिछले साल की तरह यह साल भी सोशल डिस्टेंसिंग एक नियम सा बन गया है। इसलिए हरियाणा सरकार के सभी विभागों, नागरिक केंद्रित सेवाओं को डिजिटल रूप से प्रदान कर रहे हैं।

प्रश्न:- इससे आमजन को क्या फायदा होगा 
उत्तर:- इस एप पर आम नागरिकों को सरकार की सभी योजनाओं व अन्य जानकारियां मिलेगी, जिससे उनका जीवन सरल होगा। नागरिक-केंद्रित सेवाओं की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही राज्य सरकार द्वारा विभिन्न ई-गवर्नेंस शुरू की जा चुकी हैं। लेकिन स्मार्टफोन के इस युग में सेवाओं को नागरिकों के घर द्वार तक पहुंचाने के लिए मोबाइल सेवा वितरण गेटवे की स्थापना की आवश्यकता महसूस हुई है। राज्य सरकार पहले से ही 42 विभागों की 551 योजनाएं एवं सेवाएं सरल पोर्टल के माध्यम से लोगों को प्रदान कर रही है।

प्रश्न:- मेरा परिवार मेरी पहचान योजना का क्या स्टेटस है ? 
उत्तर:- पिछले साल हमने एक महत्वाकांक्षी योजना 'मेरा परिवार-मेरी पहचान' शुरू की थी। जिसके तहत परिवार पहचान पत्र कार्ड बनाया जा रहा है। ताकि हर पात्र परिवार को सभी सेवाओं और योजनाओं का लाभ मिल सके।

प्रश्न:- इस ऐप पर किस प्रकार की जानकारियां आमजन को मिलेंगी ?
उत्तर:- जन सहायक-आपका सहायक ऐप एक सिंगल डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा, जिसमें विभिन्न सरकारी सेवाओं, आपातकालीन हेल्पलाइन और अन्य सूचनाओं के बारे में आवश्यक जानकारी उपलब्ध होगी। ऐप के माध्यम से नागरिक आपातकालीन कॉल 112, पुलिस के लिए 100, एम्बुलेंस के लिए 108, फायर के लिए 101, स्वास्थ्य के लिए 104, महिला हेल्पलाइन 1091, बाल हेल्पलाइन नंबर 1098, कोविड-19 हेल्पलाइन नंबर 1075 जैसी सभी आपातकालीन सेवाओं (डायरेक्ट डायलिंग) का लाभ उठा सकता है। 

इसके अलावा, अन्य गवर्नमेंट टू सिटीजन सेवाएं (जी2सी) जैसे सरल सेवाएं, विभागवार सेवाएं, प्रयोक्तावार सेवाएं, जन शिकायतें एवं आरटीआई को भी इस मोबाइल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया गया है। साथ ही निविदाएं, बिल भुगतान, यात्रा, नौकरियां, खेल आधारभूत सरंचना और कौशल विकास समेत अन्य सेवाओं की जानकारी भी इस एप्लीकेशन के जरिए आसानी से प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न:- इस ऐप के इस्तेमाल से और क्या-क्या फायदे होंगे ?
उत्तर:- यह मोबाइल प्लेटफॉर्म यूजर्स की सुविधा के लिए हिंदी और अंग्रेजी में डिजाइन किया गया है। इसके जरिए सभी तरह की गवर्नमेंट टू सिटीजन (जी2सी) सेवाएं एंड्रायड और एपल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी। इस मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से कोई भी व्यक्ति विभिन्न सेवाओं जैसे नई नौकरियों, निविदाओं व आगामी कार्यक्रमों की जानकारी, बिलों का भुगतान, प्रेस विज्ञप्तियां, कैलेण्डर, हरियाणा दूरभाष निर्देशिका जैसी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। नागरिक इस जन सहायक मोबाइल ऐप को डाउनलोड करने के बाद इस पर अपना मोबाइल नम्बर व परिवार पहचान पत्र आई.डी. दर्ज कर अपना पंजीकरण कर सकते हैं।

प्रश्न:- यह मोबाइल ऐप किस हद तक आसान होगा। 
उत्तर:- जन सहायक-आपका सहायक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि नागरिक सरल पोर्टल में प्रदान की जाने वाली सभी सेवाओं तक आसानी से पहुंच सकता है अथवा जन शिकायत अनुभाग में मुद्दों को उठा सकता है। जन सहायक मोबाइल ऐप पर सर्च करना बहुत आसान है। इसके जरिए सूचियों को ऊपर-नीचे किये बिना किसी भी शब्द जैसे कि नाम, श्रेणी एवं विभाग इत्यादि के माध्यम से सर्च की जा सकती है।

प्रश्न:- क्या कोई व्यक्ति इस ऐप के जरिए आप तक अपनी शिकायत या सुझाव भी दे सकता है ?
उत्तर:- इस ऐप के माध्यम से नागरिक सरकारी सूचनाएं प्राप्त कर सकेंगे। इस पर राज्य सरकार किसी विशेष जिले, आयु वर्ग आदि के नागरिकों को अधिसूचनाएं भेज सकती है। ऐप पर नागरिक सुझाव साझा करने में होंगे। इस मोबाइल प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिक सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर अपने सुझाव भी दे सकते हैं। उनके द्वारा दिए गए सुझावों का उपयोग संबंधित विभागों द्वारा बेहतरीन सेवा प्रदायगी के लिए किया जाएगा। प्रत्येक नागरिक जन सहायक में दी जा रही सेवाओं के इतिहास को भी देख सकेंगे।

प्रश्न:- क्या हरियाणा ई-गवर्नेंस की तरफ बढ़ रहा है।
उत्तर:- पिछले साढ़े 6 सालों से निरंतर हरियाणा में पेपरलेस, फेसलेस और पारदर्शी शासन सुनिश्चित करते हुए आज एक बार फिर ई-गवर्नेंस से एम-गवर्नेंस की दिशा में बढ़ते हुए 'जन सहायक-आपका सहायक' मोबाइल ऐप लॉन्च किया। इस ऐप के माध्यम से गवर्मेंट टू सिटीजन (जी2सी) और बिजनेस टू सिटीजन (बी2सी) सेवाओं की कहीं भी, कभी भी-किसी को भी' डिलीवरी सुनिश्चित होगी। सरकार ने किराये या लीज अथवा लाइसेंस फीस पर चल रही पालिकाओं की दुकानों- मकानों की मलकीयत उन पर काबिज व्यक्तियों को देने की घोषणा के अनुरूप आज 'मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना पोर्टल भी लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर पात्र लाभार्थियों से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और काबिज़ व्यक्ति को मालिकाना हक के लिए कलेक्टर रेट से भी कम रेट की अदायगी करनी होगी।

प्रश्न:- जनसहायक आपका सहायक मोबाइल एप क्या है ?
उत्तर:- जन सहायक-आपका सहायक' मोबाइल ऐप का लक्ष्य है कि पिछले साल की तरह इस साल भी सोशल डिस्टेंसिंग एक नियम सा बन गया है। इसलिए हरियाणा सरकार के सभी विभागों-नागरिक केंद्रित सेवाओं को डिजिटल रूप से प्रदान कर रहे हैं। इस ऐप पर सरकार की सभी योजनाओं व अन्य जानकारी नागरिकों को मोबाइल पर ही मिलेगी। नागरिक-केंद्रित सेवाओं की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही राज्य सरकार द्वारा विभिन्न ई-गवर्नेंस पहलें शुरू की जा चुकी हैं। लेकिन स्मार्टफोन के इस युग में सेवाओं को नागरिकों के घर द्वार तक पहुंचाने के लिए मोबाइल सेवा वितरण गेटवे की स्थापना की आवश्यकता महसूस हुई है। 

प्रश्न:- नगर पालिकाओं की दुकानें व मकानों पर काबिज व्यक्तियों हो मलकियत के देने की योजना क्या है ?
उत्तर:- हमने 20 साल से अधिक समय से किराये- लीज अथवा लाइसेंस फीस पर चल रही पालिकाओं की दुकानों व मकानों की मलकीयत उन पर काबिज व्यक्तियों को देने की घोषणा के अनुरूप आज 'मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना पोर्टल'  भी लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर पात्र लाभार्थियों से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे और काबिज़ व्यक्ति को मालिकाना हक के लिए कलेक्टर रेट से भी कम रेट की अदायगी करनी होगी। 

प्रश्न:- आवेदन प्राप्ति के बाद कितना समय जांच के लिए दिया जाएगा ?
उत्तर:- आवेदन प्राप्ति के एक माह के अन्दर अधिकारी सभी आवेदनों की जांच पड़ताल करेंगे। यदि कोई क्लेम/दावे आते हैं तो उसके एक माह की समाप्ति के पश्चात सक्षम प्राधिकारी उनकी जांच पड़ताल करके सम्बन्धित आवेदन पर अपना अंतिम निर्णय अंकित करेंगे। आवेदकों के लिए विशेष रूप से डैशबोर्ड ‌बनाया गया है, जिस पर आवेदक अपने आवेदन का विवरण देख सकेगा। 

इससे मैन्युअल पंजीकरण प्रक्रिया पूरी तरह से समाप्त होगी। यदि किसी ने पालिका के आबंटित भवन के तल/क्षेत्रफल से अधिक निर्माण किया है तो उसे (उसके द्वारा किये गए अतिरिक्त क्षेत्रफल गुणा 1000 रुपये) अतिरिक्त राशि जमा करनी होगी। उन्होंने कहा कि यदि आवेदक पालिका से नियमानुसार आबंटित/सबलैटी नहीं है परन्तु पॉलिसी की सभी योग्यताएं पूर्ण करता है तो उसे पॉलिसी में उल्लिखित अदा की जानी वाली राशि व टैक्स के अतिरिक्त 30,000 रुपये का एकमुश्त नियमित शुल्क भी भरना होगा।

प्रश्न:- क्या इन विभागों में आमजन को कोई राहत इत्यादि है ?
उत्तर:- जिन्हें किराए/लीज/ लाइसेंस फीस/तहबाजारी मकान/दुकान लिए 20 वर्ष हो गए हैं, उन्हें वर्तमान कलेक्टर रेट पर 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसी प्रकार, जिन्हें 50 वर्ष हो गए हैं उन्हें 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। इसके अलावा, यदि किसी कब्जाधारी को 50 वर्ष से अधिक हुए हैं, तो उस स्थिति में उसे वर्तमान कलेक्टर रेट पर अधिकतम 50 प्रतिशत की ही छूट दी जाएगी। सक्षम प्राधिकारी द्वारा योग्य पाए गए आवेदकों से सम्बन्धित पालिकायें 15 दिन के अन्दर अदा की जाने वाली राशि का नोटिस जारी करेंगी। नोटिस जारी करने की तिथि से 15 दिन के अन्दर कुल निर्धारित राशि की 25 प्रतिशत राशि सम्बन्धित पालिका में जमा करानी होगी तथा शेष 75 प्रतिशत राशि आगामी तीन माह में जमा करानी होगी।
 

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Content Writer

vinod kumar

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